लखनऊः हरदोई जिले में सड़क निर्माण घोटाले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से गुरुवार की देर रात बड़ी कार्रवाई की गई है. हरदोई के सड़क निर्माण घोटाले में एक एसई, दो एक्सईएन समेत 16 अभियंता सस्पेंड कर दिए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी को उच्च स्तर पर की गई एक शिकायत के बाद सख्त एक्शन लिया गया है.
पिछले करीब 15 दिन से यह तय था कि यह बड़ी कार्रवाई होगी. बस इसका औपचारिक ऐलान ही बाकी था. हकीकत गुरुवार की रात वह दिन आ गया जब लोक निर्माण विभाग के आरोपित अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की गाज गिरी है. निलंबन के बाद सभी के खिलाफ उच्च स्तरीय विभागीय जांच भी शुरू की गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आदेश में कहा है कि जांच में दोषी मिले अभियंता तत्काल कार्रवाई की जाए. इस कार्रवाई को लेकर लोक निर्माण विभाग में हलचल मची हुई. बता दें कि हरदोई में चार नवनिर्मित सड़कों के नमूने लिए गए थे. लैब में इन नमूनों की जांच कराई गई तो फेल हो गए. सड़क निर्माण में तारकोल की मात्रा के साथ गिट्टी समेत अन्य सामग्री भी मानक से कम मिले थे.
इन पर हुआ एक्शनः अधीक्षण अभियंता सुभाष चंद्र, अधिशासी अभियंता सुमंत कुमार व शरद कुमार मिश्रा को सस्पेंड किया गया है. इसी मामले अवर अभियंता मोहम्मद शोएब, राजीव कुमार, अमर सिंह, रुचि गुप्ता, सत्येंद्र कुमार, अवधेश कुमार गुप्ता, मकरंद सिंह यादव और वीरेंद्र प्रताप सिंह को भी निलंबित किया गया है. बाकी नाम अभी नाम सामने नहीं आए हैं. वहीं, सभी निलंबित अभियंताओं के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं. विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिन नौ अन्य जिलों में सड़कों की जांच कराई गयी है और नमूने जांच के लिए लैब में भेज दिए गए हैं. रिपोर्ट आने पर कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है.
गौरतलब है कि इस मामले में पिछले करीब 1 महीने से विभागीय सुगबुगाहट जारी थी. लगभग 15 दिन पहले ही तय हो गया था कि इन सभी अभियंताओं को निलंबित किया जाएगा. अंतिम तौर पर पत्रावलियों का परीक्षण किया जा रहा था और मौखिक की रिपोर्ट को परखा जा रहा था. हर तरफ से मामले की पुष्टि होने के बाद शुरुआती एक्शन लिया गया है.