लखनऊ. कुछ ही घंटों में योगी आदित्यनाथ के शपथ के साथ ही यूपी में नई सरकार मिलने जा रही है. इस बीच एक मुस्लिम चेहरा चर्चा में छाया हुआ है. यह चेहरा दानिश आजाद का है. इन्हें भी अन्य विधायकों की तरह सीएम आवास से फोन आया था. 33 साल के इस युवा मुस्लिम चेहरे को योगी की टीम में शामिल होने का मौका मिला है. दानिश आजाद वर्तमान में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा (उ.प्र) के प्रदेश महामंत्री हैं. इससे पहले 2017 में पार्टी की तरफ से उर्दू भाषा समिति, उत्तर प्रदेश सरकार के सदस्य की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. दानिश का नाम आगे आने से मोहसीन रजा को लेकर अब संशय की स्थिति बन गई है. वह पिछली सरकार में योगी टीम का हिस्सा थे.
एबीवीपी से की थी शुरुआत : मूल रूप से बलिया जनपद के निवासी दानिश आजाद का लखनऊ विश्वविद्यालय के गहरा नाता है. एक ओर जहां दानिश ने इस विश्वविद्यालय से दीक्षा ली वहीं, राजनीति की एबीसीडी भी यहीं से सीखी. लखनऊ विश्वविद्यालय में वर्ष 2011 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ दानिश ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी.
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आजाद ने एबीवीपी में महानगर सहमंत्री, विभाग संयोजक, आंदोलन प्रमुख जैसे कई वरिष्ठ पदों की जिम्मेदारी संभाली. इस दौरान, बी.कॉम, एमए और वर्ष 2015-16 में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई भी पूरी की. 2017 में भाजपा के तरफ से उन्हें उर्दू भाषा समिति, यूपी सरकार के सदस्य की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 2021 तक वह इस पद पर रहें. उसके बाद दानिश को पार्टी ने अल्पसंख्यक मोर्चा (उ.प्र) के प्रदेश महामंत्री का दायित्व सौंपा. विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और भाजपा का युवा चेहरा विवेक सिंह मोनू ने बताया कि यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है. एक युवा चेहरे पर भरोसा जताकर पार्टी ने दूसरे युवा कार्यकर्ताओं को भी आगे बढ़ने का जोश और बढ़ा दिया है.
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