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आज से शुरू हो रहा है पोषण माह, सीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश

प्रदेश में आज से 30 सितंबर तक पोषण माह मनाया जाएगा. सीएम योगी ने आदेश दिए हैं कि पोषण माह में समस्त गतिविधियों को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित किया जाए.

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Published : Aug 31, 2020, 10:26 PM IST

Updated : Sep 1, 2020, 7:25 AM IST

cm yogi
सीएम योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 1 से 30 सितंबर तक आयोजित किए जा रहे पोषण माह में समस्त गतिविधियों को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड के दृष्टिगत भारत सरकार ने पोषण माह के दौरान डिजिटल मंचों का प्रयोग किए जाने पर बल दिया है. उन्होंने सेवा प्रदाताओं के उन्मुखीकरण के लिए प्रत्येक स्तर पर डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक संबंधित विभाग इसके लिए अपने स्तर से कार्रवाई करे.

पोषण माह के दौरान अति तीव्र कुपोषित तथा तीव्र कुपोषित बच्चों की पहचान व प्रबंधन की कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा पोषण वाटिका की स्थापना, स्तनपान व ऊपरी आहार को प्रोत्साहित भी किया जाएगा. वर्ष 2018 से पूरे देश में सितंबर को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे एवं विद्यार्थी अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं. इसमें पोषण की बहुत बड़ी भूमिका होती है.

पोषण माह के बारे में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आईसीडीएस विभाग कुपोषित बच्चों की पहचान एवं चिन्हीकरण किया जाएगा. चिन्हित बच्चों की समुदाय स्तर पर देखभाल के लिए पोषण पंचायत की बैठकों के माध्यम से समाधान निस्तारित कर पात्र परिवार तक सेवाएं पहुंचाई जाएंगी.

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि गर्भवती महिलाओं तथा दो वर्ष से कम आयु के बच्चों का गृह भ्रमण किया जाएगा. स्तनपान एवं ऊपरी आहार पर परामर्श प्रदान किया जाएगा. अनुपूरक पोषाहार वितरित किया जाएगा. पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर पौधरोपण व पोषण वाटिका स्थापित की जाएगी. अति कुपोषित बच्चों की पहचान, स्वास्थ्य जांच किया जाएगा. आवश्यक उपचार के साथ-साथ चिकित्सा इकाइयों में स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूक किया जाएगा.

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा खाली जमीन पर पोषण वाटिका स्थापित करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सहयोग किया जाएगा. श्रमिक महिलाओं के बच्चों को पोषण अभियान से जोड़कर लाभान्वित किया जाएगा. आवश्यकतानुसार परिवारजनों को मनरेगा से जोड़ा जाएगा. पंचायती राज विभाग प्रत्येक सप्ताह पोषण पंचायत का आयोजन करेगा. ग्राम पंचायत के अंतर्गत कुपोषण की स्थिति के अनुसार, आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगा. पोषण माह के दौरान संचालित गतिविधियों की रिपोर्टिंग केंद्र सरकार के जन आंदोलन डैश बोर्ड पर की जाएगी. इस माह का मुख्य उद्देश्य पोषण संबंधी व्यवहारों की व्यापक जागरूकता जन-जन तक पहुंचाते हुए सभी की भागीदारी सुनिश्चित करना है, ताकि सभी को पोषण के संबंध में समुचित जानकारी प्राप्त हो सके.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 1 से 30 सितंबर तक आयोजित किए जा रहे पोषण माह में समस्त गतिविधियों को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड के दृष्टिगत भारत सरकार ने पोषण माह के दौरान डिजिटल मंचों का प्रयोग किए जाने पर बल दिया है. उन्होंने सेवा प्रदाताओं के उन्मुखीकरण के लिए प्रत्येक स्तर पर डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक संबंधित विभाग इसके लिए अपने स्तर से कार्रवाई करे.

पोषण माह के दौरान अति तीव्र कुपोषित तथा तीव्र कुपोषित बच्चों की पहचान व प्रबंधन की कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा पोषण वाटिका की स्थापना, स्तनपान व ऊपरी आहार को प्रोत्साहित भी किया जाएगा. वर्ष 2018 से पूरे देश में सितंबर को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे एवं विद्यार्थी अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं. इसमें पोषण की बहुत बड़ी भूमिका होती है.

पोषण माह के बारे में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आईसीडीएस विभाग कुपोषित बच्चों की पहचान एवं चिन्हीकरण किया जाएगा. चिन्हित बच्चों की समुदाय स्तर पर देखभाल के लिए पोषण पंचायत की बैठकों के माध्यम से समाधान निस्तारित कर पात्र परिवार तक सेवाएं पहुंचाई जाएंगी.

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि गर्भवती महिलाओं तथा दो वर्ष से कम आयु के बच्चों का गृह भ्रमण किया जाएगा. स्तनपान एवं ऊपरी आहार पर परामर्श प्रदान किया जाएगा. अनुपूरक पोषाहार वितरित किया जाएगा. पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर पौधरोपण व पोषण वाटिका स्थापित की जाएगी. अति कुपोषित बच्चों की पहचान, स्वास्थ्य जांच किया जाएगा. आवश्यक उपचार के साथ-साथ चिकित्सा इकाइयों में स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूक किया जाएगा.

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा खाली जमीन पर पोषण वाटिका स्थापित करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सहयोग किया जाएगा. श्रमिक महिलाओं के बच्चों को पोषण अभियान से जोड़कर लाभान्वित किया जाएगा. आवश्यकतानुसार परिवारजनों को मनरेगा से जोड़ा जाएगा. पंचायती राज विभाग प्रत्येक सप्ताह पोषण पंचायत का आयोजन करेगा. ग्राम पंचायत के अंतर्गत कुपोषण की स्थिति के अनुसार, आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगा. पोषण माह के दौरान संचालित गतिविधियों की रिपोर्टिंग केंद्र सरकार के जन आंदोलन डैश बोर्ड पर की जाएगी. इस माह का मुख्य उद्देश्य पोषण संबंधी व्यवहारों की व्यापक जागरूकता जन-जन तक पहुंचाते हुए सभी की भागीदारी सुनिश्चित करना है, ताकि सभी को पोषण के संबंध में समुचित जानकारी प्राप्त हो सके.

Last Updated : Sep 1, 2020, 7:25 AM IST
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