लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज एक बार फिर साबित कर दिया कि उनके लिए व्यक्तिगत जीवन से बड़ा महत्व प्रदेश की जनता के प्रति उनके कर्तव्यों का है. पिता के निधन की सूचना मिली तो उस वक्त सीएम योगी सरकारी आवास कालिदास मार्ग पर शासन के उच्चाधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे थे. कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए गठित टीम-11 के प्रमुख अधिकारियों के साथ मीटिंग कर सीएम योगी इसको लेकर यह रणनीति तैयार कर रहे थे कि प्रदेश की जनता को कोरोना संक्रमण से कैसे बचाया जाए.
वहीं जब इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के पास करीब 11:00 बजे फोन आया तो जानकारी होने पर भी उन्होंने मीटिंग में इस बात का जिक्र नहीं किया. वहां मौजूद सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पिता के निधन के शोक को चेहरे पर भी प्रकट नहीं होने दिया. मुख्यमंत्री के पिता के निधन की सूचना अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के माध्यम से मिली.
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सीएम योगी के पिता पिछले दिनों बीमारी के चलते दिल्ली के एम्स में भर्ती हुए थे लेकिन कोरोना संकटकाल में व्यस्तताओं के बीच सीएम योगी उनसे मिलने तक नहीं जा सके. योगी आदित्यनाथ इस समय कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दिन रात एक कर काम कर रहे हैं. लगातार शासन के उच्चाधिकारियों से लेकर जिलाधिकारियों तक से मीटिंग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनता से भी लॉकडाउन के अनुपालन करने की अपील कर रहे हैं ताकि प्रदेश की जनता की जान जोखिम में न पड़े.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 89 वर्षीय पिता आनंद सिंह विष्ट दिल्ली के एम्स में भर्ती थे, जहां उनका इलाज चल रहा था. सोमवार की सुबह 10:44 बजे उनका निधन हो गया. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार शलभ मणि त्रिपाठी डॉ. रहीस सिंह समेत अन्य लोगों ने शोक व्यक्त किया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेताओं और योगी सरकार के मंत्रियों ने भी इस दु:ख की घड़ी में शोक संवेदना व्यक्त की है.