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हर जरूरतमंद व्यक्ति को कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जाए: मुख्यमंत्री योगी

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Published : May 9, 2021, 10:59 PM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वर्चुअल माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर जरूरतमंद व्यक्ति को कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जाए.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के आशाजनक परिणाम आ रहे हैं. कोविड संक्रमण से बचाव एवं उपचार की व्यवस्थाओं को और प्रभावी बनाये जाने पर बल देते हुए उन्होंने सभी संबंधित विभागों को अपने कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने रविवार को वर्चुअल माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की.

'कम्युनिटी किचन में सीसीटीवी कैमरा स्थापित कराया जाए'
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हर जरूरतमंद व्यक्ति को कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जाए. कम्युनिटी किचन व्यवस्था का सुचारु एवं स्वच्छ संचालन सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए कम्युनिटी किचन में सीसीटीवी, कैमरा स्थापित कराया जाए. उन्होंने कहा कि डोर स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था को और सुचारु तथा प्रभावी बनायें. कोरोना से बचाव के सभी उपाय अपनाकर समस्त गेहूं क्रय केन्दों का सुचारु संचालन सुनिश्चित किया जाए. औद्योगिक इकाइयों को कोविड प्रोटोकाॅल के अनुरूप संचालित किया जाए. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि औद्योगिक प्रतिष्ठानों में इन्फ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर युक्त 1 लाख 424 कोविड हेल्प डेस्क स्थापित हैं, साथ ही 2,576 कोविड केयर सेण्टरों में बेड की व्यवस्था गयी है. समीक्षा में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह एवं वरिष्ठ अधिकारीगण वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे.


'22 मई तक बंद रखे जाएं शिक्षण संस्थान'
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावी कोविड प्रबन्धन के लिए लागू आंशिक कोरोना कर्फ्यू के बेहतर नतीजे मिल रहे हैं. इसके दृष्टिगत प्रदेश में आंशिक कोरोना कर्फ्यू सोमवार 17 मई की सुबह 7 बजे तक विस्तारित किया जाए. इस अवधि में चिकित्सा सबंधी कार्य, वैक्सीनेशन, औद्योगिक गतिविधियों सहित आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं यथावत जारी रहेंगी. उन्होंने कहा कि सभी माध्यमिक, उच्च एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थानों को 20 मई तक बन्द रखा जाए. इस अवधि में ऑनलाइन कक्षाएं भी स्थगित रहेंगी. प्राथमिक स्तर की शिक्षण संस्थाओं को पहले ही 20 मई तक के लिए बन्द कर दिया गया है.

पर्याप्त संख्या में आरआरटी का किया जाए गठन

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए विगत 5 मई से संचालित विशेष स्क्रीनिंग एवं टेस्टिंग अभियान को प्रभावी और त्वरित गति से चलाया जाए. इसके लिए प्रत्येक दशा में सभी जनपदों में पर्याप्त संख्या में आरआरटी (रैपिड रिस्पांस टीम) का गठन किया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण इलाकों में स्क्रीनिंग के दौरान निगरानी समितियों द्वारा सभी लक्षणयुक्त तथा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों को मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए. अभियान के दौरान आरआरटी द्वारा पूरी सक्रियता से एण्टीजन टेस्ट किये जायें.

'पंजीकृत लोगों का ही वैक्सीनेशन किया जाए'
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम में वैक्सीन की उपयोगिता को देखते हुए वैक्सीनेशन की कार्यवाही व्यापक और प्रभावी ढंग से संचालित की जाए. वैक्सीनेशन सेंटर पर सुचारु व्यवस्था बनाये रखने तथा भीड़ को नियंत्रित कर संक्रमण की आशंका खत्म करने के लिए पूर्व पंजीकृत लोगों का ही वैक्सीनेशन किया जाए. स्पाॅट रजिस्ट्रेशन किसी भी दशा में न किया जाए. वैक्सीनेशन सेण्टर पर उन्हीं लोगों को बुलाया जाए, जिनका वैक्सीनेशन किया जाना है. टीकाकरण केंद्र पर बुलाये जाने वाले लोगों के आने का कंफेरमशन भी निर्धारित तिथि से एक-दो दिन पूर्व फोन के माध्यम से किया जाए.

'वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित किये जाएं'
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मई सोमवार से प्रदेश के 11 अन्य जनपदों में 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग का वैक्सीनेशन प्रारम्भ हो रहा है. इसके लिए सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि पर्याप्त संख्या में वैक्सीनेशन सेण्टर स्थापित किये जाएं. वैक्सीनेशन में वेस्टेज को न्यूनतम करने के लिए प्रभावी प्रयास किये जायें. इसके लिए उन्होंने बेहतर स्थानीय प्रबन्धन पर बल दिया. उन्होंने कहा कि देश में सर्वाधिक संख्या में वैक्सीन का इस्तेमाल प्रदेश में ही किया जाना है. इसको देखते हुए वैक्सीन की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गहन प्रयास किये जाएं.

'बेड की संख्या दो गुना किये जाने के निर्देश'
मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों के आकलन के दृष्टिगत कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि करते हुए इसे दो गुना किये जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में बच्चों के इलाज के लिए पीडियाट्रिक आईसीयू (PICU) की स्थापना का कार्य अभी से प्रारम्भ किया जाए. छोटे जनपदों में 25 बेड और बड़े जनपदों एवं मण्डल मुख्यालयों में 100 बेड तक का PICU स्थापित किया जाए. साथ ही, पीडियाट्रीशियन की ट्रेनिंग का कार्य भी साथ ही साथ चलाया जाए. उन्होंने कहा कि सभी कोविड अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में मानव संसाधन की उपलब्धता के लिए भर्ती प्रक्रिया को तेज किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कोविड अस्पतालों में रेमडेसिविर एवं अन्य जीवन रक्षक दवाइयों की अनवरत उपलब्धता बनी रहे. इन दवाओं की सप्लाई चेन दुरुस्त रहे। प्रत्येक जनपद में इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेन्टर (आईसीसीसी) को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए.

'आईसीसीसी के लिए अधिकारी प्रभारी बनाया जाए'
सीएम ने बैठक में कहा कि आईसीसीसी के लिए एक जिम्मेदार अधिकारी प्रभारी बनाया जाए. साथ ही, आईसीसीसी के स्तर पर संचालित कार्यों की जिम्मेदारी अलग-अलग टीमों को दी जाए. प्रत्येक जनपद में उपलब्ध सभी वेंटिलेटर्स एवं ऑक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर को कार्यशील रखा जाए. खराब उपकरणों की मरम्मत/रिप्लेस कराया जाए. उन्होंने कहा कि सभी जनपदों द्वारा निजी एम्बुलेंस का किराया निर्धारित किया जाए. निजी एम्बुलेंस संचालकों द्वारा मनमानी किराया वसूलने पर उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए. उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमित व्यक्तियों की प्रभावी उपचार व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही, सभी जिला चिकित्सालयों में पोस्ट कोविड केयर सेंटर स्थापित किये जाएं. आगामी 2 दिनों में इन सेण्टरों को हर जनपद में कार्यशील किया जाए. पोस्ट कोविड केयर सेन्टर में एक फिजिशियन, एक साइकेट्रिस्ट और एक फिजियोथेरेपिस्ट की तैनाती की जाए.

'ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की कारगर व्यवस्था लागू की जाए'
सीएम ने बैठक में कहा कि सभी जरूरतमंद व्यक्तियों को ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे जरूरतमंद रोगियों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की कारगर व्यवस्था लागू की जाए. कोविड संक्रमितों के अलावा अन्य जरूरतमंद रोगियों को चिकित्सक के परामर्श पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड सहित विभिन्न संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वच्छता, सेनेटाइजेशन तथा फॉगिंग की प्रभावी कार्यवाही का निरन्तर संचालन अत्यन्त महत्वपूर्ण है. इसके दृष्टिगत पूरे प्रदेश में स्वच्छता, सेनेटाइजेशन तथा फॉगिंग का कार्य प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए.उन्होंने निर्देशित किया कि कूड़े को एकत्र करने के साथ ही, तत्काल निस्तारण भी सुनिश्चित किया जाए.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के आशाजनक परिणाम आ रहे हैं. कोविड संक्रमण से बचाव एवं उपचार की व्यवस्थाओं को और प्रभावी बनाये जाने पर बल देते हुए उन्होंने सभी संबंधित विभागों को अपने कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने रविवार को वर्चुअल माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की.

'कम्युनिटी किचन में सीसीटीवी कैमरा स्थापित कराया जाए'
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हर जरूरतमंद व्यक्ति को कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जाए. कम्युनिटी किचन व्यवस्था का सुचारु एवं स्वच्छ संचालन सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए कम्युनिटी किचन में सीसीटीवी, कैमरा स्थापित कराया जाए. उन्होंने कहा कि डोर स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था को और सुचारु तथा प्रभावी बनायें. कोरोना से बचाव के सभी उपाय अपनाकर समस्त गेहूं क्रय केन्दों का सुचारु संचालन सुनिश्चित किया जाए. औद्योगिक इकाइयों को कोविड प्रोटोकाॅल के अनुरूप संचालित किया जाए. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि औद्योगिक प्रतिष्ठानों में इन्फ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर युक्त 1 लाख 424 कोविड हेल्प डेस्क स्थापित हैं, साथ ही 2,576 कोविड केयर सेण्टरों में बेड की व्यवस्था गयी है. समीक्षा में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह एवं वरिष्ठ अधिकारीगण वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे.


'22 मई तक बंद रखे जाएं शिक्षण संस्थान'
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावी कोविड प्रबन्धन के लिए लागू आंशिक कोरोना कर्फ्यू के बेहतर नतीजे मिल रहे हैं. इसके दृष्टिगत प्रदेश में आंशिक कोरोना कर्फ्यू सोमवार 17 मई की सुबह 7 बजे तक विस्तारित किया जाए. इस अवधि में चिकित्सा सबंधी कार्य, वैक्सीनेशन, औद्योगिक गतिविधियों सहित आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं यथावत जारी रहेंगी. उन्होंने कहा कि सभी माध्यमिक, उच्च एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थानों को 20 मई तक बन्द रखा जाए. इस अवधि में ऑनलाइन कक्षाएं भी स्थगित रहेंगी. प्राथमिक स्तर की शिक्षण संस्थाओं को पहले ही 20 मई तक के लिए बन्द कर दिया गया है.

पर्याप्त संख्या में आरआरटी का किया जाए गठन

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए विगत 5 मई से संचालित विशेष स्क्रीनिंग एवं टेस्टिंग अभियान को प्रभावी और त्वरित गति से चलाया जाए. इसके लिए प्रत्येक दशा में सभी जनपदों में पर्याप्त संख्या में आरआरटी (रैपिड रिस्पांस टीम) का गठन किया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण इलाकों में स्क्रीनिंग के दौरान निगरानी समितियों द्वारा सभी लक्षणयुक्त तथा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों को मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए. अभियान के दौरान आरआरटी द्वारा पूरी सक्रियता से एण्टीजन टेस्ट किये जायें.

'पंजीकृत लोगों का ही वैक्सीनेशन किया जाए'
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम में वैक्सीन की उपयोगिता को देखते हुए वैक्सीनेशन की कार्यवाही व्यापक और प्रभावी ढंग से संचालित की जाए. वैक्सीनेशन सेंटर पर सुचारु व्यवस्था बनाये रखने तथा भीड़ को नियंत्रित कर संक्रमण की आशंका खत्म करने के लिए पूर्व पंजीकृत लोगों का ही वैक्सीनेशन किया जाए. स्पाॅट रजिस्ट्रेशन किसी भी दशा में न किया जाए. वैक्सीनेशन सेण्टर पर उन्हीं लोगों को बुलाया जाए, जिनका वैक्सीनेशन किया जाना है. टीकाकरण केंद्र पर बुलाये जाने वाले लोगों के आने का कंफेरमशन भी निर्धारित तिथि से एक-दो दिन पूर्व फोन के माध्यम से किया जाए.

'वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित किये जाएं'
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मई सोमवार से प्रदेश के 11 अन्य जनपदों में 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग का वैक्सीनेशन प्रारम्भ हो रहा है. इसके लिए सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि पर्याप्त संख्या में वैक्सीनेशन सेण्टर स्थापित किये जाएं. वैक्सीनेशन में वेस्टेज को न्यूनतम करने के लिए प्रभावी प्रयास किये जायें. इसके लिए उन्होंने बेहतर स्थानीय प्रबन्धन पर बल दिया. उन्होंने कहा कि देश में सर्वाधिक संख्या में वैक्सीन का इस्तेमाल प्रदेश में ही किया जाना है. इसको देखते हुए वैक्सीन की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गहन प्रयास किये जाएं.

'बेड की संख्या दो गुना किये जाने के निर्देश'
मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों के आकलन के दृष्टिगत कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि करते हुए इसे दो गुना किये जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में बच्चों के इलाज के लिए पीडियाट्रिक आईसीयू (PICU) की स्थापना का कार्य अभी से प्रारम्भ किया जाए. छोटे जनपदों में 25 बेड और बड़े जनपदों एवं मण्डल मुख्यालयों में 100 बेड तक का PICU स्थापित किया जाए. साथ ही, पीडियाट्रीशियन की ट्रेनिंग का कार्य भी साथ ही साथ चलाया जाए. उन्होंने कहा कि सभी कोविड अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में मानव संसाधन की उपलब्धता के लिए भर्ती प्रक्रिया को तेज किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कोविड अस्पतालों में रेमडेसिविर एवं अन्य जीवन रक्षक दवाइयों की अनवरत उपलब्धता बनी रहे. इन दवाओं की सप्लाई चेन दुरुस्त रहे। प्रत्येक जनपद में इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेन्टर (आईसीसीसी) को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए.

'आईसीसीसी के लिए अधिकारी प्रभारी बनाया जाए'
सीएम ने बैठक में कहा कि आईसीसीसी के लिए एक जिम्मेदार अधिकारी प्रभारी बनाया जाए. साथ ही, आईसीसीसी के स्तर पर संचालित कार्यों की जिम्मेदारी अलग-अलग टीमों को दी जाए. प्रत्येक जनपद में उपलब्ध सभी वेंटिलेटर्स एवं ऑक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर को कार्यशील रखा जाए. खराब उपकरणों की मरम्मत/रिप्लेस कराया जाए. उन्होंने कहा कि सभी जनपदों द्वारा निजी एम्बुलेंस का किराया निर्धारित किया जाए. निजी एम्बुलेंस संचालकों द्वारा मनमानी किराया वसूलने पर उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए. उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमित व्यक्तियों की प्रभावी उपचार व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही, सभी जिला चिकित्सालयों में पोस्ट कोविड केयर सेंटर स्थापित किये जाएं. आगामी 2 दिनों में इन सेण्टरों को हर जनपद में कार्यशील किया जाए. पोस्ट कोविड केयर सेन्टर में एक फिजिशियन, एक साइकेट्रिस्ट और एक फिजियोथेरेपिस्ट की तैनाती की जाए.

'ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की कारगर व्यवस्था लागू की जाए'
सीएम ने बैठक में कहा कि सभी जरूरतमंद व्यक्तियों को ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे जरूरतमंद रोगियों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की कारगर व्यवस्था लागू की जाए. कोविड संक्रमितों के अलावा अन्य जरूरतमंद रोगियों को चिकित्सक के परामर्श पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड सहित विभिन्न संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वच्छता, सेनेटाइजेशन तथा फॉगिंग की प्रभावी कार्यवाही का निरन्तर संचालन अत्यन्त महत्वपूर्ण है. इसके दृष्टिगत पूरे प्रदेश में स्वच्छता, सेनेटाइजेशन तथा फॉगिंग का कार्य प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए.उन्होंने निर्देशित किया कि कूड़े को एकत्र करने के साथ ही, तत्काल निस्तारण भी सुनिश्चित किया जाए.

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