लखनऊ: 17 जुलाई को सोनभद्र के उम्भा गांव में लगभग 300 लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली से आए थे. इन सभी के पास हथियार और बंदूकें थी. विवाद जमीन को लेकर था. विवाद बढ़ा और दोनों तरफ से गोलियां चलीं, जिसमें मौके पर 10 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल थे.
इसी मामले में अपर मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें उन्होंने सरकार की तरफ की जा रही कार्रवाई के बारे में बताया.
घोरावल, उम्भा और सपही गांव में 17 जुलाई को हुई गोलीकाण्ड की घटना में एसआईटी का गठन किया जाएगा. इसमें सोसाइटी से जुड़े हुए लोगों के खिलाफ, इस पूरे मामले में जो भी लोग लिप्त होंगे, उन सब के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया है.
कांग्रेस नेता ने बनाई थी फर्जी समिति
मुख्यमंत्री ने बताया कि, '1952 में तत्कालीन कांग्रेस के एमलएसी ने फर्जी समिति गठित की. 1955 में लगभग 1300 से अधिक बीघा भूमि इस सोसाइटी के नाम पर दर्ज करवाई थी. उसमें उन्होंने अपने 12 रिश्तेदारों के नाम समिति में रखकर ये कार्रवाई प्रारम्भ की थी. यही विवाद की जड़ वहां से प्रारम्भ होती है.'
उन्होंने कहा कि, 'हमेती नंनद बहुगुणा जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने मंगलदेव विसारद की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी. क्योंकि जगह-जगह से ये शिकायतें आ रही थीं कि ग्राम सभा की भूमि पर समितियां गठित करके भारी मात्रा में उन्होंने कब्जे किए हैं. मंगलदेव विसारद ने अपनी रिपोर्ट 1972-1974 के बीच में जांच करने के बाद सरकार को सौंपी थी.'
कांग्रेस नेता के पास कब्जे की 6 हजार बीघा जमीन
सीएम योगी ने वार्ता में कहा, 'इस पूरे मामले में कांग्रेस के ही नेता लिप्त थे. एक आंकड़े के मुताबिक कांग्रेस के एक नेता के पास, जोकि इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी भी थे, 6000 बीघा जमीन पर अकेला कब्जा है. ऐसे कई नेता हैं जो कांग्रेस की वास्तविकता समाज के सामने, देश के समाने और इस वनवासी समुदाय और अनुसूचित जाति-जनजाति के सामने इन सबके वास्तविक चेहरे को भी प्रदर्शित करेगा.'
सरकार ने इन सभी मामलों पर ध्यान देते हुए सोनभद्र और मिर्जापुर के परिप्रेक्ष्य में हुए एक कमेटी गठित कर तीन महीने के अंदर इस पर कार्रवाई करने के लिए आदेश दिए हैं. आईएएस अफसर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. एफआईआर इस समय भी दर्ज की जा रही है.
सोसाइटी से जुड़े जीवित सदस्यों पर भी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा है कि, 'सोसाइटी से जुड़े जो भी सदस्य जीवित होंगे, उनके खिलाफ भी और जिन्होंने फर्जी तरीके से नामंत्रण, पहले सोसाइटी के नाम पर करने, फिर सोसाइटी की भूमि को अपने नाम पर करने और फिर उस जमीन को बेचने का काम किया है, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.'
सरकार भूमिहीन किसानों के नाम करेगी जमीन
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, 'सरकार यह तय करेगी कि यह भूमि यहां के भूमिहीन वहां के किसानों को, वहां के अनुसूचित जनजाति से जुड़े हुए वहां के भूमिहीन उन किसानों को, उन परिवारों को मिलनी चाहिए जो वहां के मूल निवासी हैं. इस पर सरकार पहले ही आदेश जारी कर चुकी है. इसके साथ ही नए जिलाधिकारी और नए पुलिस अधीक्षक के अलावा नए अन्य अधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है.'
गजटेड अफसरों में आठ अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की गई है-
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को हटाया गया है.
एक एडिशनल एसपी, तीन सीओ, एआर कोऑपरेटिव, एक एआरओ राजस्व.
नॉन गजटेड में इन अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई हुई-
तीन इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर, दो हेड कांस्टेबल पर कार्रवाई हुई.
इन पर कार्रवाई करते हुए इनके निलंबन की कार्रवाई हुई है.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'सराकरी भूमि को गलत तरीके से नामित करने और उन पर कब्जा करने वाली उन सभी समितियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के लिए संस्तुति सरकार को करेगी. आगामी तीन महीने के अंदर हम इस कार्य को करेंगे.'
'हमने पहले ही इस बारे में कह दिया कि ग्राम सभा उम्भा और सपही से जुड़े हुई जो लगभग 1300 बीघा से अधिक की भूमि आदर्श कृषक समिति ने अपने नाम पर की हैं. इस पर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए इस पूरी भूमि को ग्राम पंचायत के नाम पर वापस दर्ज करने की कार्रवाई जिलाधिकारी के यहां प्रारम्भ करवाने के आदेश दिए गए हैं.'