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योगी सरकार का किसानों को तोहफा, बढ़ाये गन्ने के दाम

योगी सरकार ने गन्ने के दाम में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. अब 315 रुपये प्रति क्विंटल वाले गन्ने का दाम 340 रुपये और 325 रुपये प्रति क्विंटल वाले गन्ने का दाम 350 रुपये कर दिया गया है.

योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ
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Published : Sep 26, 2021, 4:17 PM IST

Updated : Sep 26, 2021, 9:57 PM IST

लखनऊ : किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों को बड़ी सौगात दी है. उन्होंने गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. 315 रुपये प्रति क्विंटल वाले गन्ने का दाम अब 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. इसके साथ ही 325 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का दाम अब 350 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने किसानों के बकाये बिजली बिल पर ब्याज माफ करने की घोषणा की है.

सीएम योगी ने रविवार को लखनऊ स्थित डिफेन्स एक्सपो कार्यक्रम स्थल आयोजित किसान सम्मेलन में यह बड़ी घोषणाएं की. किसानों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का आधार किसान और गरीब कल्याण है. गन्ना मूल्य बढ़ोतरी की बहुप्रतीक्षित आस पूरी करते हुए सीएम योगी ने कहा कि, प्रदेश के 45.44 लाख किसानों को इस वर्ष बढ़े हुए गन्ना मूल्य से लगभग रु.4,000 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि की प्राप्ति होगी.

"अंधकार युग" था 2004-2014 तक का काल

सपा-बसपा सरकारों के कार्यकाल में चीनी मिलों की बंदी की याद दिलाते हुए सीएम ने 2004 से 2014 तक के कार्यकाल को देश और प्रदेश के लिए "अंधकार युग" बताया. उन्होंने कहा कि तब यहां अराजकता और गुंडागर्दी का बोलबाला था. प्रदेश का किसान आत्महत्या को मजबूर था और गरीब भूख से मर रहा था. सपा शासन काल के मुजफ्फरनगर दंगों की याद दिलाते हुए योगी ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगे में मरने वाला अगर कोई था तो किसान था. हमारी सरकार में कोई दंगा नहीं हुआ. अगर किसी ने दंगा करने की कोशिश की तो उसकी 07 पीढ़ियां जुर्माना भरते-भरते खप जाएंगी.

08 साल से बकाया था गन्ना मूल्य, किया गया 1.44 लाख करोड़ का रिकॉर्ड भुगतान

किसान सम्मेलन में योगी ने पिछली सरकारों में गन्ना मूल्य बकाये से लेकर बंद हुईं चीनी मिलों से किसानों की बदहाली की बात भी की. उन्होंने कहा, सपा-बसपा की सरकार में औने-पौने दाम पर चीनी मिलें बेची गईं. 250 करोड़ की चीनी मिलें 25-30 करोड़ रुपये में बिक गई. सपा की सरकार में 11 चीनी मिलें बंद हुई, लेकिन हमने 2017 से आज तक एक भी चीनी मिल बंद नहीं की, बल्कि बंद पड़ी चीनी मिलों को चलाने का काम किया.

इसे भी पढ़ें- चीनी मिल और गन्ना किसान दोनों संकट में, किसान के जीवन से गायब है मिठास!

कोविड काल में किसानों हित संरक्षित करने की कोशिशों का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान दुनिया परेशान थी. ब्राजील जो चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक है. वहां उद्योग ठप हो गया. महाराष्ट्र की आधी से अधिक चीनी मिलें बंद हो गईं, कर्नाटक की कुछ मिलें बंद हुईं, लेकिन यूपी के गन्ना विभाग ने सभी 119 चीनी मिलें चलाने का कार्य किया. किसानों के सामने आंकड़े पेश करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 2017 में 08 साल पहले के गन्ने का भुगतान बकाया था. जिससे किसान निराश था, परेशान था, पर भाजपा सरकार ने टीमवर्क के साथ दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई और गन्ना विभाग द्वारा साढ़े चार साल में 01.44 लाख करोड़ का भुगतान कराया गया.

भाजपा ने पूरा किया संकल्पपत्र का वादा
किसानों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों से पूछना चाहिए कि उन्होंने किसानों से अन्न खरीदने की व्यवस्था क्यों नहीं की. जो आज किसानों के हितैषी बने हैं, वो तब कहां थे? कोरोना काल में यूपी के 15 करोड़ लोगों को बिना भेदभाव के मुफ्त राशन दिया. इससे पहले की सरकारें भी कर सकती थीं, लेकिन उनके पास न तो नीति थी और न ही किसानों के कल्याण की नीयत. भाजपा ने पराली जलाने के मामले में किसानों के ऊपर लगे सारे मुकदमे वापस ले लिए हैं. सीएम ने 2017 के चुनाव के भाजपा लोक कल्याण संकल्प पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार बनते ही भाजपा ने 86 लाख किसानों का फसली ऋण माफ करने का वादा पूरा किया.

लखनऊ : किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों को बड़ी सौगात दी है. उन्होंने गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. 315 रुपये प्रति क्विंटल वाले गन्ने का दाम अब 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. इसके साथ ही 325 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का दाम अब 350 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने किसानों के बकाये बिजली बिल पर ब्याज माफ करने की घोषणा की है.

सीएम योगी ने रविवार को लखनऊ स्थित डिफेन्स एक्सपो कार्यक्रम स्थल आयोजित किसान सम्मेलन में यह बड़ी घोषणाएं की. किसानों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का आधार किसान और गरीब कल्याण है. गन्ना मूल्य बढ़ोतरी की बहुप्रतीक्षित आस पूरी करते हुए सीएम योगी ने कहा कि, प्रदेश के 45.44 लाख किसानों को इस वर्ष बढ़े हुए गन्ना मूल्य से लगभग रु.4,000 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि की प्राप्ति होगी.

"अंधकार युग" था 2004-2014 तक का काल

सपा-बसपा सरकारों के कार्यकाल में चीनी मिलों की बंदी की याद दिलाते हुए सीएम ने 2004 से 2014 तक के कार्यकाल को देश और प्रदेश के लिए "अंधकार युग" बताया. उन्होंने कहा कि तब यहां अराजकता और गुंडागर्दी का बोलबाला था. प्रदेश का किसान आत्महत्या को मजबूर था और गरीब भूख से मर रहा था. सपा शासन काल के मुजफ्फरनगर दंगों की याद दिलाते हुए योगी ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगे में मरने वाला अगर कोई था तो किसान था. हमारी सरकार में कोई दंगा नहीं हुआ. अगर किसी ने दंगा करने की कोशिश की तो उसकी 07 पीढ़ियां जुर्माना भरते-भरते खप जाएंगी.

08 साल से बकाया था गन्ना मूल्य, किया गया 1.44 लाख करोड़ का रिकॉर्ड भुगतान

किसान सम्मेलन में योगी ने पिछली सरकारों में गन्ना मूल्य बकाये से लेकर बंद हुईं चीनी मिलों से किसानों की बदहाली की बात भी की. उन्होंने कहा, सपा-बसपा की सरकार में औने-पौने दाम पर चीनी मिलें बेची गईं. 250 करोड़ की चीनी मिलें 25-30 करोड़ रुपये में बिक गई. सपा की सरकार में 11 चीनी मिलें बंद हुई, लेकिन हमने 2017 से आज तक एक भी चीनी मिल बंद नहीं की, बल्कि बंद पड़ी चीनी मिलों को चलाने का काम किया.

इसे भी पढ़ें- चीनी मिल और गन्ना किसान दोनों संकट में, किसान के जीवन से गायब है मिठास!

कोविड काल में किसानों हित संरक्षित करने की कोशिशों का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान दुनिया परेशान थी. ब्राजील जो चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक है. वहां उद्योग ठप हो गया. महाराष्ट्र की आधी से अधिक चीनी मिलें बंद हो गईं, कर्नाटक की कुछ मिलें बंद हुईं, लेकिन यूपी के गन्ना विभाग ने सभी 119 चीनी मिलें चलाने का कार्य किया. किसानों के सामने आंकड़े पेश करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 2017 में 08 साल पहले के गन्ने का भुगतान बकाया था. जिससे किसान निराश था, परेशान था, पर भाजपा सरकार ने टीमवर्क के साथ दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई और गन्ना विभाग द्वारा साढ़े चार साल में 01.44 लाख करोड़ का भुगतान कराया गया.

भाजपा ने पूरा किया संकल्पपत्र का वादा
किसानों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों से पूछना चाहिए कि उन्होंने किसानों से अन्न खरीदने की व्यवस्था क्यों नहीं की. जो आज किसानों के हितैषी बने हैं, वो तब कहां थे? कोरोना काल में यूपी के 15 करोड़ लोगों को बिना भेदभाव के मुफ्त राशन दिया. इससे पहले की सरकारें भी कर सकती थीं, लेकिन उनके पास न तो नीति थी और न ही किसानों के कल्याण की नीयत. भाजपा ने पराली जलाने के मामले में किसानों के ऊपर लगे सारे मुकदमे वापस ले लिए हैं. सीएम ने 2017 के चुनाव के भाजपा लोक कल्याण संकल्प पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार बनते ही भाजपा ने 86 लाख किसानों का फसली ऋण माफ करने का वादा पूरा किया.

Last Updated : Sep 26, 2021, 9:57 PM IST
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