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लखनऊ: लॉकडाउन के दौरान लाखों यात्रियों को रोडवेज ने दिया सहारा - लखनऊ में कोरोना वायरस

राजधानी लखनऊ में लॉकडाउन के दौरान बहुत से लोग बाहर के राज्यों में फंस हुए थे. इस समस्या के समाधान के लिए योगी आदित्यनाथ ने यात्रियों को घर सुरक्षित पहुंचाने के लिए रोडवेज प्रशासन को 1,000 बसों के संचालन का निर्देश दिया था.

यात्रियों के लिए बसों का कराया गया मुहैया
यात्रियों के लिए बसों का कराया गया मुहैया
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Published : Apr 6, 2020, 4:44 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के दौरान बसों के संचालन के लिए निर्देश दिए थे. दूरदराज क्षेत्रों में फंसे तमाम यात्रियों के लिए 1,000 बसों के संचालन के लिए रोडवेज प्रशासन को निर्देश दिया गया था. वहीं 25 से 29 मार्च तक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रशासन ने 700 से 800 तक बसों का संचालन कराया. लाखों की संख्या में यात्रियों को विभिन्न स्थानों से उनके घरों तक पहुंचाया गया.


लोगों को दी गई मुफ्त बस सेवा
कोरोना वायरस के कारण देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक देशभर में लॉकडाउन का ऐलान किया, जिससे तमाम लोग दूसरे राज्यों में फंसे रह गए. वहीं गाजियाबाद में एक साथ लाखों की भीड़ बस स्टेशन पर बस पकड़ने के लिए उमड़ पड़ी. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए 1,000 बसों के संचालन का आदेश जारी किया.

26 मार्च से 29 मार्च तक लखनऊ से 730 बसें संचालित की गई. इनमें सबसे ज्यादा बसें 29 मार्च को संचालित हुई. बीते 29 मार्च को 339 बसें चलवाई गई. 26 से 28 मार्च तक बसों से सफर करने वाले यात्रियों से रोडवेज ने किराया वसूला, लेकिन 28 मार्च को रात में सरकार की तरफ से मुफ्त यात्रा का आदेश जारी कर दिया गया. इसके बाद 29 मार्च को किसी भी यात्री से किराया वसूल नहीं किया गया.


रोडवेज अफसर तैयार कर रहे डाटा
रोडवेज अधिकारी डाटा तैयार करने में जुटे हुए हैं. बीते दिनों में रोडवेज के कितने बसों का संचालन हुआ. उसमें कितना किराया वसूल किया गया और मुफ्त में बसों से यात्रियों को यात्रा कराने के दौरान कुल कितना खर्च हुआ. अधिकारियों का कहना है कि मुफ्त यात्रा रोडवेज पर तकरीबन 17 करोड़ का खर्च आया है, जिसे प्रदेश सरकार रोडवेज को वापस करेगी.


ड्राइवर कंडक्टर का भी रोडवेज ने रखा ख्याल
रोडवेज बसों के ड्राइवर और कंडक्टर कोरोना से संक्रमित न हों, इसके लिए भी प्रशासन ने खासा ख्याल रखा था. सभी बसों को सैनिटाइज कराने के साथ ही ड्राइवर और कंडक्टरों को सैनिटाइजर, मास्क और ग्लव्स दिए गए थे. इतना ही नहीं बस स्टेशन पर ड्राइवर कंडक्टर के उतरते ही डॉक्टरों की टीम ने उनका चिकित्सकीय परीक्षण भी किया.


पुलिस प्रशासन ने की बस संचालन में सहायता
बसों का संचालन होने पर यात्रियों को मैनेज करने के लिए रोडवेज के अधिकारी के साथ-साथ पुलिस प्रशासन ने भी भरपूर सहयोग किया. पुलिसकर्मी लगातार यात्रियों को बस के बैठाने के लिए मैनेज कराते रहे.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के दौरान बसों के संचालन के लिए निर्देश दिए थे. दूरदराज क्षेत्रों में फंसे तमाम यात्रियों के लिए 1,000 बसों के संचालन के लिए रोडवेज प्रशासन को निर्देश दिया गया था. वहीं 25 से 29 मार्च तक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रशासन ने 700 से 800 तक बसों का संचालन कराया. लाखों की संख्या में यात्रियों को विभिन्न स्थानों से उनके घरों तक पहुंचाया गया.


लोगों को दी गई मुफ्त बस सेवा
कोरोना वायरस के कारण देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक देशभर में लॉकडाउन का ऐलान किया, जिससे तमाम लोग दूसरे राज्यों में फंसे रह गए. वहीं गाजियाबाद में एक साथ लाखों की भीड़ बस स्टेशन पर बस पकड़ने के लिए उमड़ पड़ी. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए 1,000 बसों के संचालन का आदेश जारी किया.

26 मार्च से 29 मार्च तक लखनऊ से 730 बसें संचालित की गई. इनमें सबसे ज्यादा बसें 29 मार्च को संचालित हुई. बीते 29 मार्च को 339 बसें चलवाई गई. 26 से 28 मार्च तक बसों से सफर करने वाले यात्रियों से रोडवेज ने किराया वसूला, लेकिन 28 मार्च को रात में सरकार की तरफ से मुफ्त यात्रा का आदेश जारी कर दिया गया. इसके बाद 29 मार्च को किसी भी यात्री से किराया वसूल नहीं किया गया.


रोडवेज अफसर तैयार कर रहे डाटा
रोडवेज अधिकारी डाटा तैयार करने में जुटे हुए हैं. बीते दिनों में रोडवेज के कितने बसों का संचालन हुआ. उसमें कितना किराया वसूल किया गया और मुफ्त में बसों से यात्रियों को यात्रा कराने के दौरान कुल कितना खर्च हुआ. अधिकारियों का कहना है कि मुफ्त यात्रा रोडवेज पर तकरीबन 17 करोड़ का खर्च आया है, जिसे प्रदेश सरकार रोडवेज को वापस करेगी.


ड्राइवर कंडक्टर का भी रोडवेज ने रखा ख्याल
रोडवेज बसों के ड्राइवर और कंडक्टर कोरोना से संक्रमित न हों, इसके लिए भी प्रशासन ने खासा ख्याल रखा था. सभी बसों को सैनिटाइज कराने के साथ ही ड्राइवर और कंडक्टरों को सैनिटाइजर, मास्क और ग्लव्स दिए गए थे. इतना ही नहीं बस स्टेशन पर ड्राइवर कंडक्टर के उतरते ही डॉक्टरों की टीम ने उनका चिकित्सकीय परीक्षण भी किया.


पुलिस प्रशासन ने की बस संचालन में सहायता
बसों का संचालन होने पर यात्रियों को मैनेज करने के लिए रोडवेज के अधिकारी के साथ-साथ पुलिस प्रशासन ने भी भरपूर सहयोग किया. पुलिसकर्मी लगातार यात्रियों को बस के बैठाने के लिए मैनेज कराते रहे.

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