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'स्लेट' पर पढ़ेंगे संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र, यह किए जा रहे बदलाव

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र फेसबुक पर चलने वाली ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ते हैं. अब उनके लिए नयी सुविधा शुरू की जा रही है. यह सुविधा लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से शुरू की गई है.

वाराणसी
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Published : Jun 1, 2021, 8:35 AM IST

Updated : Jun 1, 2021, 9:43 AM IST

लखनऊः वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र अब स्लेट पर पढ़ेंगे. हैरान ना हों, ये वह बचपन वाली स्लेट नहीं है. असल में यह लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से विकसित किया गया ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म है. लखनऊ विश्वविद्यालय में अब इसका फायदा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को देने का फैसला लिया है. इसके लिए दोनों विश्वविद्यालयों के बीच एक एमओयू भी साइन किया जा रहा है.

ऑनलाइन क्लास

अभी फेसबुक पर चलती हैं क्लासेस
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को हाल में ही वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया. प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि यह जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्हें पता चला कि संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में ऑनलाइन क्लासेज फेसबुक पर होती हैं. इसको देखते हुए वहां के छात्रों को स्लेट का लाभ उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है.

एक या 11 रुपये में उपलब्ध कराएंगे यह सुविधा
प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को यह सुविधा 1 से 11 रुपये जैसे एक सांकेतिक शुल्क के आधार पर उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने बताया कि इसके लिए एमओयू तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि जल्द ही इसे मूर्त रूप दिया जाएगा.

इसे भी पढ़ेंः यूपी में चार जून से होगा सीरो सर्वे, सामुदायिक संक्रमण का होगा खुलासा


यह है एलयू का स्लेट
लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम स्लेट ( स्ट्रैटेजिक लर्निंग एप्लीकेशन फॉर ट्रांसफॉर्मेटिव एजुकेशन) की शुरुआत की गई है. विश्वविद्यालय में वर्तमान में स्नातक और परास्नातक से लेकर सभी अन्य पाठ्यक्रमों की कक्षाएं इस पर संचालित की जा रही हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि स्लेट को विश्वविद्यालय में होने वाली ऑनलाइन क्लासेस के लिए स्पेशल रूप से डिजाइन किया गया है. पिछले एक साल से लखनऊ विश्वविद्यालय में इसके इस्तेमाल से बेहतर ढंग से कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. अब प्रयास है कि प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को भी इसका लाभ मिल सके. उन्होंने बताया कि जल्द ही एमओयू की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.

लखनऊः वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र अब स्लेट पर पढ़ेंगे. हैरान ना हों, ये वह बचपन वाली स्लेट नहीं है. असल में यह लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से विकसित किया गया ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म है. लखनऊ विश्वविद्यालय में अब इसका फायदा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को देने का फैसला लिया है. इसके लिए दोनों विश्वविद्यालयों के बीच एक एमओयू भी साइन किया जा रहा है.

ऑनलाइन क्लास

अभी फेसबुक पर चलती हैं क्लासेस
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को हाल में ही वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया. प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि यह जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्हें पता चला कि संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में ऑनलाइन क्लासेज फेसबुक पर होती हैं. इसको देखते हुए वहां के छात्रों को स्लेट का लाभ उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है.

एक या 11 रुपये में उपलब्ध कराएंगे यह सुविधा
प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को यह सुविधा 1 से 11 रुपये जैसे एक सांकेतिक शुल्क के आधार पर उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने बताया कि इसके लिए एमओयू तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि जल्द ही इसे मूर्त रूप दिया जाएगा.

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यह है एलयू का स्लेट
लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम स्लेट ( स्ट्रैटेजिक लर्निंग एप्लीकेशन फॉर ट्रांसफॉर्मेटिव एजुकेशन) की शुरुआत की गई है. विश्वविद्यालय में वर्तमान में स्नातक और परास्नातक से लेकर सभी अन्य पाठ्यक्रमों की कक्षाएं इस पर संचालित की जा रही हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि स्लेट को विश्वविद्यालय में होने वाली ऑनलाइन क्लासेस के लिए स्पेशल रूप से डिजाइन किया गया है. पिछले एक साल से लखनऊ विश्वविद्यालय में इसके इस्तेमाल से बेहतर ढंग से कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. अब प्रयास है कि प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को भी इसका लाभ मिल सके. उन्होंने बताया कि जल्द ही एमओयू की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.

Last Updated : Jun 1, 2021, 9:43 AM IST
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