लखनऊः ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने सात श्वेत पत्र तैयार किये हैं. जिसमें सबसे जरूरी श्वेत पत्र कृषि पर है. 'आमदनी न हुई दोगुनी, दर सौ गुना' ये वाली किताब प्रकाशित हुई है. छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने पीएम मोदी पर तंज कसे हैं. उन्होंने कहा कि मेरे पास प्रॉम्पटर नहीं, मैं श्वेत पत्र की सहायता लूंगा या नोट करके लाया हूं, उसकी सहायता से बोलूंगा. नरेंद्र मोदी ने बरेली की सभा में कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर दी जाएगी. ऐसा नहीं हुआ, 2014 में कहा था कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू कर दूंगा वो भी नहीं हुआ. प्रतिदिन आमदनी 27 रुपये रह गई. कर्जा 74 हजार रुपये प्रति किसान हो गया है.
मोदी सत्ता में आये तो तीन बार अध्यादेश लाए कांग्रेस विरोध के चलते उस अध्यादेश को निरस्त करना पड़ा. राज्य को ये अधिकार दिया कि अगर राज्य संशोधन करना चाहते हैं, तो कर लें. जेवर हवाई अड्डे के लिए किसानों को हटाया गया. मुआवजा चार गुना देना था, लेकिन नहीं मिला. आज किसान ठंडी में रह रहे हैं. अटल जी के समय धान की कीमत केवल 450 थी जिसे बढ़ाकर 9 सौ रुपये कर दिया गया. इसके बाद 1350 दूसरी पंचवर्षीय में कांग्रेस सरकार ने कर दिया था. कृषि यंत्रों पर कभी टैक्स नहीं लगा था. लेकिन अब कृषि यंत्रों पर भी जीएसटी लगा दी गई है. डीजल और पेट्रोल के भाव जिस तरह बढ़ रहा है, उससे कृषि विभाग पर बुरा असर पड़ रहा है. बीजेपी सरकार में एक ओर समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी नहीं हुई तो वहीं दूसरी ओर किसानों की खेती में लागत भी बढ़ गई.
अनुमान ये है कि प्रति हेक्टेयर 25,000 की बढ़ोत्तरी हुई है. उत्पादन लागत ज्यादा हो रही है आय में कमी आई है. रिपोर्ट बताती है कि किसान लगातार मजदूरी के लिए मजबूर हुए हैं खेती की आय मजदूर से मिलने वाली आय से भी कम है. छुट्टा जानवरों से किसान परेशान है. उत्तर प्रदेश में गाय के नाम पर खूब राजनीति हुई है. उत्तर प्रदेश के किसान को रातभर जागकर अपनी फसल की सुरक्षा करनी पड़ रही है. गौशाला में गाय दुबली हो रही है. लेकिन गौशाला चलाने वाले मोटे जरूर हो रहे हैं. सभी फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए.
आंदोलन करने के बाद भी किसानों को एमएसपी की गारंटी नहीं दी जा रही है. अन्नदाता की मेहनत का सम्मान ये सरकार नहीं कर पा रही है. आज भारत सरकार डीएपी और यूरिया खाद भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है. सोसाइटी में 15 साल के प्रति बोरी के हिसाब से खाद मिल रही है. किसानों को हर स्थिति में दबाने की कोशिश की जा रही है. लखीमपुर में आपने देखा कि मंत्री के बेटे ने किस तरह किसानों को छाती पर गाड़ी चढ़ा कर रौंदा. जनता को महंगाई से निजात पाना है. किसानों को फसल का लाभ लेना है तो इस सरकार को अपदस्थ करना होगा. इस सवाल का जवाब उत्तर प्रदेश के किसान जरूर देंगे. किसानों का भला करने के लिए दो-तीन कदम उठाने चाहिए.
उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए कोशिश होनी चाहिए. इसीलिए छत्तीसगढ़ में धान 2,540 रुपये में खरीदा जा रहा है. यही बात प्रियंका ने उत्तर प्रदेश में अपनी प्रतिज्ञा में कही है. जब देश में गन्ना 250 रुपये में था, तो हमने 355 रुपये में खरीद की. छत्तीसगढ़ सरकार 2 रुपये में गोबर खरीद रही है. अभी तक 60 लाख क्विंटल गोबर छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीदा. उत्तर प्रदेश में भी गोधन न्याय योजना लागू की जाएगी. यहां पर पशुओं का गोबर खरीदा जाएगा. इसे घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा. दलितों की बात हुई तो मायावती अखिलेश और मुलायम आए. धर्म की बात हुई तो योगी आदित्यनाथ आ गए.
इसे भी पढ़ें- भाजपा में शामिल हुईं अपर्णा यादव, बोलीं- पीएम मोदी की कार्यशैली से हूं प्रभावित
लेकिन असल समस्याओं पर यहां कोई नेता आगे नहीं आया. जबकि इन्हीं समस्याओं के लिए कांग्रेस आगे आ रही है. भूपेश पटेल बोले कि मैं लगातार डोर टू डोर कैंपेन कर रहा हूं. नोएडा में 3 विधानसभाओं के साथ ही कल मथुरा में भी डोर टू डोर कैंपेन किया. उत्तर प्रदेश में इस बार किसान ही मुख्य मुद्दा होगा. किसान योगी सरकार से बहुत नाराज है. उत्तर प्रदेश में इस समय कांग्रेस के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है. प्रियंका के नेतृत्व में संगठन का ढांचा खड़ा हो गया है. अब जनता कांग्रेस के प्रति आशान्वित हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप