वाराणसी/जौनपुर: प्रत्यक्ष देव भगवान सूर्य की आराधना का महापर्व डाला छठ पूरे प्रदेश में मनाया जा रहा है. इस पर्व की झलक पूरे देश में देखने को मिल रही है. बिहार से शुरू हुआ यह महापर्व अब देश और दुनिया के कोने-कोने में धूमधाम के साथ मनाया जाने लगा है. शनिवार को छठ पर्व पर डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जा रहा है और फिर रविवार सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती महिलाएं अपना कठिन व्रत पूरा करेंगी, लेकिन कुछ जिले में इस महापर्व पर अनोखा रूप देखने को मिल रहा है. जानकारी के मुताबिक छठ घाट पर अपनी वेदी को आरक्षित करने करने के लिए लोग अपने नाम के साथ पद नाम लिख रहे हैं, जिससे लोग उस जगह पर कब्जा न कर सके.
जौनपुर जिले में भी लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है. जिले में गोमती किनारे घाटों पर महिलाओं का पहुंचना शुरू हो गया है. वहीं छठ के गीतों से घाट पर रौनक ही कुछ अलग तरह की देखने को मिल रही है. घाटों पर बनी वेदियों की पूजा का काम शुरू हो गया है तो वहीं महिलाएं गोमती में स्नान करके अब इस पूजा के अगले पड़ाव पर पहुंच रही हैं.
वेदियों को आरक्षित करने का खोजा नया तरीका
गोमती घाट के किनारे लोगों ने अपनी वेदियों को आरक्षित करने के लिए अलग-अलग रंगों का सहारा लिया है. कुछ लोगों ने वेदियों पर पुलिस और सीआईडी का नाम लिखकर भी अपनी वेदी को आरक्षित किया है, जिससे कि उनकी बेदियों पर कोई दूसरा कब्जा न कर सके.
बिहार की रहने वाली शांति देवी बीते 40 सालों से छठ की पूजा कर रही हैं और अपने घर की सुख शांति के लिए उन्होंने 36 घंटे का निर्जला व्रत भी रखा है. यही हाल मीनाक्षी का भी है. पहले साल व्रत में शामिल हुईं मीनाक्षी ने बताया कि व्रत को उठाने में उन्हें खुशी महसूस हुई, क्योंकि इस व्रत को लेकर उनके अंदर बहुत दिनों से आकर्षण था.
वाराणसी में धूमधाम से मनाया जा रहा है छठ पर्व
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में वैसे तो पुलिस के कई कारनामे आपने सुने होंगे और देखे भी होंगे, लेकिन हद तो तब हो गई जब छठ पूजा के दौरान इस रुतबे का हनन कुछ यूं दिखा कि लोग हैरान रह गए.
छठ पूजा में जगह रोकने के लिए दिखी पुलिसिया हनक
मामला शास्त्रीय घाट का है, जहां छठ पूजा में जगह रोकने के लिए पुलिसिया हनक देखने को मिली. यहां वेदी बनाकर जगह रोकने के लिए कहीं क्राइम ब्रांच तो कहीं पुलिस विभाग लिखा मिला. घाट पर पहली बार ऐसा देखने को मिला है, जब ऐसे नाम के साथ पद नाम भी लिखे हुए हैं, जिससे लोग उस जगह को कब्जा न कर सकें.