लखनऊ : उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के लखनऊ आरटीओ कार्यालय में दर्ज एक व्यावसायिक गाड़ी लखनऊ में सब्जी ढोती रही और उसी तारीख में उत्तराखंड परिवहन विभाग ने हरिद्वार में ब्लैकलिस्ट कर दी. अब जब वाहन स्वामी लखनऊ आरटीओ कार्यालय में अपने वाहन की फिटनेस कराने पहुंचा तो पता चला कि उसकी गाड़ी तो 30 जुलाई 2022 को हरिद्वार में परिवहन विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों ने ब्लैकलिस्ट कर दी है, जबकि वाहन स्वामी का साफ कहना है कि आज तक कभी हरिद्वार गाड़ी लेकर गए ही नहीं. अब परिवहन विभाग इस मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहा है लेकिन यह उसके गले की फांस बना हुआ है. इसी तरह के विभिन्न राज्यों में दर्ज वाहनों के तमाम मामले आ रहे हैं जिनमें गाड़ी किसी राज्य की और ब्लैक लिस्ट कहीं और कर दी गई. अब केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की तरफ से इस तरह के मामलों को निपटाने के लिए व्यवस्था में बदलाव भी किया गया है, जिससे वाहन स्वामियों को इस तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े
लखनऊ के इटौंजा निवासी राजू जिनके वाहन का नंबर यूपी 32 एफएन 3340 है. राजू अपने गुड्स कैरियर वाहन से सब्जी मंडी में काम करते हैं. 23 सितंबर 2015 को राजू ने अपनी गाड़ी खरीदी और लखनऊ आरटीओ में रजिस्टर्ड कराया. समय-समय पर वाहन की फिटनेस होती रही. पिछली बार उन्होंने गाड़ी की फिटनेस कराई जिसकी वैलिडिटी 24 सितंबर 2023 तक है. अब जब फिटनेस का समय करीब आया तो राजू ने अपने वाहन की फिटनेस के लिए रजिस्ट्रेशन कराने का प्रयास किया, लेकिन अब राजू की गाड़ी का फिटनेस होने में अड़ंगा लगा हुआ है. रजिस्ट्रेशन के बजाय अब राजू आरटीओ कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर है जबकि उसकी कोई गलती भी नहीं. दरअसल, हुआ यूं कि राजू की गाड़ी को हरिद्वार एआरटीओ की तरफ से लॉक कर दिया गया, जबकि राजू का कहना है कि कभी न खुद उत्तराखंड या हरिद्वार गए न उनकी गाड़ी हरिद्वार गई. जिस 30 जुलाई 2022 को गाड़ी को हरिद्वार में दिखाया गया है उसnदिन वह लखनऊ में ही थे. ऐसे में भला गाड़ी कैसे हरिद्वार में हो सकती है कि लॉक कर दी जाए. अब अधिकारियों के चक्कर काटकर हरिद्वार एआरटीओ की तरफ से लॉक की गई गाड़ी को खुलवाने की गुजारिश कर रहे हैं.
अन्य राज्यों से भी प्रकरण आए सामने : जिस तरह गाड़ी यूपी के लखनऊ में और लॉक उत्तराखंड के हरिद्वार में कर दी गई. इसी तरह के मामले दूसरे राज्यों से भी सामने आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने साल 2016 से लेकर साल 2021 तक के वाहनों के चालान माफ किए तो ऐसे वाहनों के मामले सामने आए. गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा एयर पंजाब में वाहनों का चालान कर उन्हें लॉक करने की कार्रवाई कर दी गई. अब इन वाहनों का काम नहीं हो पा रहा है.
जुर्माने की भरपाई के लिए कर देते हैं लॉक : किसी राज्य के वाहन के दूसरे राज्य में ले जाने पर चेकिंग के दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर चालान की कार्रवाई की जाती है. इसके बाद वहां पर प्रवर्तन अधिकारी इसलिए गाड़ी को लॉक कर देते हैं जिससे जब तक वाहन स्वामी जुर्माना न भर दे तब तक उसका आरटीओ से संबंधित काम होने न पाए. अब सबसे बड़ी समस्या यही खड़ी हो रही है कि आखिर वाहन स्वामी को पता भी कैसे चले कि उसकी गाड़ी लॉक कर दी गई है. यह तब पता चल पा रहा है जब वह वाहन की फिटनेस के साथ वाहन से जुड़े अन्य काम कराने आरटीओ कार्यालय कराने पहुंच रहा है.
अब संबंधित कार्यालय को ईमेल कर हटवाया जा रहा लॉक : दूसरे राज्य में गाड़ी लॉक होने के प्रकरण सामने आने पर अब उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की तरफ से उन राज्यों के आरटीओ कार्यालय से संपर्क कर ईमेल के जरिए मैसेज भेजा जा रहा है. संबंधित गाड़ी को अनलॉक करने को कहा जा रहा है जिससे आरटीओ से संबंधित वाहन स्वामी अपने वाहन का काम करा सके. लखनऊ आरटीओ कार्यालय से ही विभिन्न राज्यों के आरटीओ कार्यालय को इस तरह के ईमेल भेजे जा रहे हैं.
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