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जातिवादी राजनीति की धुरी बना यूपी, सीएम योगी के इस बयान से विपक्षियों में खलबली

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के लिए सभी राजनीतिक दल जाति समीकरण (Caste Votes) को साधने में जुट गई हैं. सपा जहां 'विजय रथ यात्रा' निकाल रही है, वहीं बसपा 'ब्राह्मण सम्मेलन' आयोजित कर ब्राह्मण समाज को रिझाने का प्रयास कर रही है. आम आदमी पार्टी 'चाणक्य विचार सम्मेलन' कर ब्राह्मणों को जोड़ने का काम रही है. भाजपा ने भी अब जातिगत समीकरणों को साधना शुरु कर दिया है. रविवार को भाजपा ने 'सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन' (Social Representative Community Meetings) की शुरुआत की.

caste votes in UP assembly election.
यूपी जाति समीकरण.
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Published : Oct 18, 2021, 9:28 AM IST

Updated : Oct 18, 2021, 10:17 AM IST

लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में अब कुछ ही महीने रह गए हैं. ऐसे में सभी पार्टियां जातिगत समीकरणों (Caste Votes) को साधने में जुट गई है. विपक्षी जहां बागी नेताओं को पार्टी में सम्मान दे रहा है तो वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने भी जातिगत कार्ड खेलना शुरु कर दिया है. रविवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन' (Social Representative Community Meetings) को संबोधित कर इसकी शुरुआत भी कर दी है.

सीएम योगी ने मंच से संबोधित करते हुए ओबीसी वर्ग में आने वाले कुम्हार समुदाय को 'प्रजापति समाज' (Prajapati Samaj) के नाम से संबोधित किया. बताया जा रहा है कि भाजपा 31 अक्टूबर तक राज्यभर में ऐसे 27 'सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन' आयोजित करने जा रही है. इस सम्मेलन को विपक्ष के जातिगत समीकरणों की काट के रूप में भी देखा जा रहा है. सपा जहां 'विजय रथ यात्रा' (Vijay Rath Yatra) के जरिए जन जन तक पहुंचने के लिए गली कूचे में जा रही है. वहीं बसपा ब्राह्मण समाज को रिझाने के लिए 'ब्राह्मण सम्मेलन' का आयोजन कर रही. साथ ही पार्टी ने चुनाव जीतने पर परशुराम की मूर्ति बनवाने की घोषणा भी कर दी है. वहीं आम आदमी पार्टी ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए 'चाणक्य विचार सम्मेलन' कर रही है.

caste votes in UP assembly election
योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

एक ओर जहां विपक्ष जोर शोर से लगा हुआ है. वहीं 17 अक्टूबर को लखनऊ में बीजेपी द्वारा आयोजित सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन में सीएम योगी ने कुम्हार समाज को भाजपा से जोड़ने की कोशिश की. सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगी ने कुम्हारों की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अपनी सरकार के प्रयासों के बारे में बताया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अयोध्या में दीपावली के लिए 9 लाख दीयों का उपयोग किया जाएगा और इन दीयों की खरीद सरकार क्षेत्र के कुम्हारों से करेगी. सीएम ने कहा कि कुम्हारों की मदद के लिए माटी कला बोर्ड की स्थापना की गई थी.

इसे भी पढ़ें- BSP में टिकट से पहले बहनजी लेंगी साक्षात्कार, उत्तीर्ण प्रार्थियों को बनाएंगी पार्टी का उम्मीदवार!

कुम्हार समाज को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले भारी मात्रा में चीन में बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को ऊंचे दामों पर खरीदा जाता था. इससे प्रजापति समाज के लोगों को नुकसान होता था, लेकिन जब से माटी कला बोर्ड की स्थाना की गई है. तब से प्रजापति समाज अपने दम पर मूर्तियों को बना रहे हैं और लाभ कमा रहे हैं.

caste votes in UP assembly election
प्रियंका गांधी (फाइल फोटो)

बताया जा रहा है कि भाजपा इस तरह के सम्मेलन सात अनुसूचित जाति समूहों के लिए आयोजित करेगी. इनमें पासी, कनौजिया, वाल्मीकि, कोरी, कठेरिया, सोनकर और जाटव जातियां शामिल होंगी. ये सात अनुसूचित जातियों में प्रमुख जातियां हैं. भाजपा सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलनों के जरिए सभी वर्गों को साधने की कोशिश में है. साथ ही अपना वोट बैंक मजबूत करने का भी प्रयास शुरू कर दिया है.

caste votes in UP assembly election
अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

इसे भी पढ़ें- भाजपा का सफाया करने के लिए निकाल रहे हैं 'विजय रथ यात्रा': अखिलेश यादव

बता दें कि पिछले महीने योगी मंत्रिमंडल के विस्तार में, सात नए मंत्रियों को शामिल किया गया था. जिनमें एक ब्राह्मण, तीन ओबीसी, दो एससी और एक एसटी शामिल थे. योगी सरकार ने प्रजापति समाज के नेता धर्मवीर प्रजापति को मंत्रिमंडल में जगह देकर कुम्हार समाज को साधा है. खटीक समाज से आने वाले दिनेश कुमार खटीक को भी मंत्रीमंडल में जगह दी गई है. वहीं जुलाई में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल में यूपी से तीन ओबीसी, तीन एससी और एक ब्राह्मण नेता को शामिल किया.

लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में अब कुछ ही महीने रह गए हैं. ऐसे में सभी पार्टियां जातिगत समीकरणों (Caste Votes) को साधने में जुट गई है. विपक्षी जहां बागी नेताओं को पार्टी में सम्मान दे रहा है तो वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने भी जातिगत कार्ड खेलना शुरु कर दिया है. रविवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन' (Social Representative Community Meetings) को संबोधित कर इसकी शुरुआत भी कर दी है.

सीएम योगी ने मंच से संबोधित करते हुए ओबीसी वर्ग में आने वाले कुम्हार समुदाय को 'प्रजापति समाज' (Prajapati Samaj) के नाम से संबोधित किया. बताया जा रहा है कि भाजपा 31 अक्टूबर तक राज्यभर में ऐसे 27 'सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन' आयोजित करने जा रही है. इस सम्मेलन को विपक्ष के जातिगत समीकरणों की काट के रूप में भी देखा जा रहा है. सपा जहां 'विजय रथ यात्रा' (Vijay Rath Yatra) के जरिए जन जन तक पहुंचने के लिए गली कूचे में जा रही है. वहीं बसपा ब्राह्मण समाज को रिझाने के लिए 'ब्राह्मण सम्मेलन' का आयोजन कर रही. साथ ही पार्टी ने चुनाव जीतने पर परशुराम की मूर्ति बनवाने की घोषणा भी कर दी है. वहीं आम आदमी पार्टी ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए 'चाणक्य विचार सम्मेलन' कर रही है.

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योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

एक ओर जहां विपक्ष जोर शोर से लगा हुआ है. वहीं 17 अक्टूबर को लखनऊ में बीजेपी द्वारा आयोजित सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन में सीएम योगी ने कुम्हार समाज को भाजपा से जोड़ने की कोशिश की. सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगी ने कुम्हारों की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अपनी सरकार के प्रयासों के बारे में बताया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अयोध्या में दीपावली के लिए 9 लाख दीयों का उपयोग किया जाएगा और इन दीयों की खरीद सरकार क्षेत्र के कुम्हारों से करेगी. सीएम ने कहा कि कुम्हारों की मदद के लिए माटी कला बोर्ड की स्थापना की गई थी.

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कुम्हार समाज को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले भारी मात्रा में चीन में बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को ऊंचे दामों पर खरीदा जाता था. इससे प्रजापति समाज के लोगों को नुकसान होता था, लेकिन जब से माटी कला बोर्ड की स्थाना की गई है. तब से प्रजापति समाज अपने दम पर मूर्तियों को बना रहे हैं और लाभ कमा रहे हैं.

caste votes in UP assembly election
प्रियंका गांधी (फाइल फोटो)

बताया जा रहा है कि भाजपा इस तरह के सम्मेलन सात अनुसूचित जाति समूहों के लिए आयोजित करेगी. इनमें पासी, कनौजिया, वाल्मीकि, कोरी, कठेरिया, सोनकर और जाटव जातियां शामिल होंगी. ये सात अनुसूचित जातियों में प्रमुख जातियां हैं. भाजपा सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलनों के जरिए सभी वर्गों को साधने की कोशिश में है. साथ ही अपना वोट बैंक मजबूत करने का भी प्रयास शुरू कर दिया है.

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अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

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बता दें कि पिछले महीने योगी मंत्रिमंडल के विस्तार में, सात नए मंत्रियों को शामिल किया गया था. जिनमें एक ब्राह्मण, तीन ओबीसी, दो एससी और एक एसटी शामिल थे. योगी सरकार ने प्रजापति समाज के नेता धर्मवीर प्रजापति को मंत्रिमंडल में जगह देकर कुम्हार समाज को साधा है. खटीक समाज से आने वाले दिनेश कुमार खटीक को भी मंत्रीमंडल में जगह दी गई है. वहीं जुलाई में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल में यूपी से तीन ओबीसी, तीन एससी और एक ब्राह्मण नेता को शामिल किया.

Last Updated : Oct 18, 2021, 10:17 AM IST
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