लखनऊ : विकास प्राधिकरण ने अतिक्रमण हटाने के बाद सरकारी जमीन पर कब्जा कराने और करने वालों के खिलाफ मुकदमा लिखवाना शुरू कर दिया है. जिसके तहत पिछले दिनों हनुमान सेतु के पास कब्जा की गई 100 करोड़ से अधिक की जमीन को खाली कराने के बाद, प्राधिकरण वीसी के आदेश पर 2 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
LDA ने संगीन धाराओं में दर्ज कराया मुकदमा
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पुलिस में दी गयी शिकायत में कहा है कि हनुमान सेतु के पास बीरबल साहनी मार्ग पर स्थित जमीन पर कब्जा कर रखा था, वह एक नजूल की भूमि है. वहीं पूर्व में सहकारी आवास समिति को पट्टे के रूप में दिया गया था, जिसकी अवधि वर्ष 2011 में ही समाप्त हो गई थी. जिसके बाद भूमि फिर से राज्य सरकार के पास नियमतः आ गई थी. जमीन को अपना दर्शाते हुए मोहम्मद फरहान भाटी और सेठ बशीर अहमद भाटी ने कबाड़ी के व्यापारियों को दे दिया था. जिसके एवज में वो उनसे मोटा किराया भी वसूलते थे. इससे राज्य सरकार के राजस्व की हानि होने के साथ-साथ लोक संपत्ति का भी नुकसान हो रहा था. इस कब्जे को हटवाने में लखनऊ विकास प्राधिकरण को फिजूल खर्च भी करना पड़ा. अभियुक्तों की ये कारस्तानी धारा 419 ,420, 406 ,120 बी भारतीय दंड संहिता धारा 3 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आता है.
दिलीप कुमार, क्षेत्रीय अमीन, लखनऊ विकास प्राधिकरण (शिकायतकर्ता)
सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ अभियान चला रखा है. जिसमें कि अब तक करोड़ों की सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाए गए हैं. प्राधिकरण इस अभियान को रणनीतिक तरीके से चला रहा है. जिससे कि इस अभियान में कहीं कोई रुकावट न आने पाए. प्राधिकरण के वीसी अभिषेक प्रकाश का ये कड़ा रुख सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों के लिए एक बड़ा मैसेज है.