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कई राज्यों में 'ऑपरेशन' चलाया, SSP ने पटना में डाला डेरा और छुड़ा लाए अगवा कारोबारी

अपहरण करने वाले कारोबारी प्रवीण सोमानी के परिवार से करोड़ों रुपये की फिरौती की मांग कर रहे थे. छत्तीसगढ़ पुलिस ने कई टीमें बनाकर अलग-अलग राज्यों में डेरा डाला और कारोबारी को सकुशल सुरक्षित छुड़ाया.

जानकारी देते डीजीपी डीएम अवस्थी
जानकारी देते डीजीपी डीएम अवस्थी
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Published : Jan 23, 2020, 11:48 AM IST

रायपुर: 8 जनवरी को सिलतरा से अगवा किए गए कारोबारी प्रवीण सोमानी को 13 दिन बाद पुलिस ने सही-सलामत छुड़ा लिया है. प्रवीण सोमानी को बिहार के कुख्यात आरोपी गिरोह से पुलिस ने सुरक्षित छुड़ाया है. साथ ही दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. कारोबारी को उनके परिवार को सौंप दिया गया है. बाकी आरोपियों की तलाश जारी है.

जानकारी देते डीजीपी डीएम अवस्थी.

डीजीपी डीएम अवस्थी ने देर रात प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर बताया कि ये किडनैपिंग बेहद प्रोफेशनल ढंग से की गई थी. अगवा करने वाला गैंग कई राज्यों में सक्रिय है. छत्तीसगढ़ पुलिस की टीमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, हरियाणा, दिल्ली, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और गुजरात में लगातार सर्च कर रही थीं. रायपुर SSP आरिफ शेख के नेतृत्व में पूरा ऑपरेशन हुआ है. SSP आरिफ शेख खुद पटना गए थे, इनकी अगुवाई में ऑपरेशन पूरा हुआ.

डीजीपी डीएम अवस्थी की बड़ी बातें-

  • गिरोह के सरगना का नाम पप्पू चौधरी था, उसके साथ 10 लोगों का गैंग है. बाकी आरोपियों की तलाश जारी है, पहचान हो गई है.
  • दो गाड़ियों में कारोबारी को अगवा किया गया था. आरोपियों ने इनकम टैक्स की बात कही थी.
  • सिमगा से मंडला फिर कटनी और इलाहाबाद होते हुए अंबेडकर नगर ले जाया गया था, जहां प्रवीण सोमानी को रखा गया था.
  • आरोपियों ने पुलिस को बिहार के नाम पर धोखा देने की कोशिश की थी.
  • सूरत जेल में इस अपहरण का पूरा प्लान बना था.
  • ऑपरेशन में बिहार, उत्तर प्रदेश और गुजरात पुलिस का सहयोग मिला.
  • मामले की गंभीरता को देखते हुए SSP आरिफ शेख को बिहार भेजा गया था.
  • अपहरण के पहले आरोपियों ने 3 महीने तक रेकी की थी.
  • फिरौती का एक पैसा नहीं दिया गया.
  • 13 दिन के दौरान बीच-बीच में कारोबारी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया.
  • पुलिस ने कारोबारी को छुड़ाने की हर संभव कोशिश की.
  • सही वक्त पर सही ऑपरेशन की वजह से कारोबारी को छुड़ाया जा सका है.
  • बार-बार सिम चेंज करने की वजह से किसी भी मोबाइल नंबर की लोकेशन पुलिस नहीं पता कर पाई.

ऑपरेशन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राइम) पंकज चंद्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) तारकेश्वर पटेल एवं कर्मचारियों की टीम लगाई गई थी.

8 जनवरी को अगवा हुआ था कारोबारी

  • सिलतरा चौकी के पास कारोबारी प्रवीण सोमानी का अपहरण हुआ था.
  • इलाके में लगे सीसीटीवी से अपहरण की पुष्टि हुई थी.
  • घटना में इस्तेमाल दो गाड़ियों की जानकारी मिली थी.
  • रायपुर से लेकर प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) तक की 1500 किलोमीटर से अधिक दूरी के सीसीटीवी फुटेज की चेकिंग की गई थी.
  • प्रवीण सोमानी की कार थाना विधानसभा क्षेत्र से बरामद की गई थी.
  • घटना से पूर्व 3 महीने तक आरोपियों ने रेकी की थी.

रायपुर: 8 जनवरी को सिलतरा से अगवा किए गए कारोबारी प्रवीण सोमानी को 13 दिन बाद पुलिस ने सही-सलामत छुड़ा लिया है. प्रवीण सोमानी को बिहार के कुख्यात आरोपी गिरोह से पुलिस ने सुरक्षित छुड़ाया है. साथ ही दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. कारोबारी को उनके परिवार को सौंप दिया गया है. बाकी आरोपियों की तलाश जारी है.

जानकारी देते डीजीपी डीएम अवस्थी.

डीजीपी डीएम अवस्थी ने देर रात प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर बताया कि ये किडनैपिंग बेहद प्रोफेशनल ढंग से की गई थी. अगवा करने वाला गैंग कई राज्यों में सक्रिय है. छत्तीसगढ़ पुलिस की टीमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, हरियाणा, दिल्ली, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और गुजरात में लगातार सर्च कर रही थीं. रायपुर SSP आरिफ शेख के नेतृत्व में पूरा ऑपरेशन हुआ है. SSP आरिफ शेख खुद पटना गए थे, इनकी अगुवाई में ऑपरेशन पूरा हुआ.

डीजीपी डीएम अवस्थी की बड़ी बातें-

  • गिरोह के सरगना का नाम पप्पू चौधरी था, उसके साथ 10 लोगों का गैंग है. बाकी आरोपियों की तलाश जारी है, पहचान हो गई है.
  • दो गाड़ियों में कारोबारी को अगवा किया गया था. आरोपियों ने इनकम टैक्स की बात कही थी.
  • सिमगा से मंडला फिर कटनी और इलाहाबाद होते हुए अंबेडकर नगर ले जाया गया था, जहां प्रवीण सोमानी को रखा गया था.
  • आरोपियों ने पुलिस को बिहार के नाम पर धोखा देने की कोशिश की थी.
  • सूरत जेल में इस अपहरण का पूरा प्लान बना था.
  • ऑपरेशन में बिहार, उत्तर प्रदेश और गुजरात पुलिस का सहयोग मिला.
  • मामले की गंभीरता को देखते हुए SSP आरिफ शेख को बिहार भेजा गया था.
  • अपहरण के पहले आरोपियों ने 3 महीने तक रेकी की थी.
  • फिरौती का एक पैसा नहीं दिया गया.
  • 13 दिन के दौरान बीच-बीच में कारोबारी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया.
  • पुलिस ने कारोबारी को छुड़ाने की हर संभव कोशिश की.
  • सही वक्त पर सही ऑपरेशन की वजह से कारोबारी को छुड़ाया जा सका है.
  • बार-बार सिम चेंज करने की वजह से किसी भी मोबाइल नंबर की लोकेशन पुलिस नहीं पता कर पाई.

ऑपरेशन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राइम) पंकज चंद्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) तारकेश्वर पटेल एवं कर्मचारियों की टीम लगाई गई थी.

8 जनवरी को अगवा हुआ था कारोबारी

  • सिलतरा चौकी के पास कारोबारी प्रवीण सोमानी का अपहरण हुआ था.
  • इलाके में लगे सीसीटीवी से अपहरण की पुष्टि हुई थी.
  • घटना में इस्तेमाल दो गाड़ियों की जानकारी मिली थी.
  • रायपुर से लेकर प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) तक की 1500 किलोमीटर से अधिक दूरी के सीसीटीवी फुटेज की चेकिंग की गई थी.
  • प्रवीण सोमानी की कार थाना विधानसभा क्षेत्र से बरामद की गई थी.
  • घटना से पूर्व 3 महीने तक आरोपियों ने रेकी की थी.
Intro:13 दिवस के भीतर सिलतरा से अपहरण कारोबारी प्रवीण सुमानी को बिहार के कुख्यात आरोपी गिरोह से किया गया सुकर्षित बरामद एवं गिरोह के दो सदस्यों को भी किया गया गिरफ्तार 8 जनवरी 2020 को चौकी सिलतरा क्षेत्र में हुआ था कारोबारी प्रवीण सुमानी का अपहरण। अपने फ्लैट से घर जाने के बीच में अज्ञात आरोपी ने कर लिया था कारोबारी प्रवीण सोमानी का अपहरण। अपहरण के बाद से आरोपी की गिरफ्तारी हेतु 6 से अधिक टीमों का किया गया था गठन आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार से हुई थी अपहरण की पुष्टि घटना में प्रस्तुत दो अज्ञात वाहनों से संबंध में मिली थी जानकारी। रायपुर से लेकर प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश तक के 1500 किलोमीटर से अधिक दूरी के सीसीटीवी फुटेज का किया गया था अध्ययन व विश्लेषण घटना प्रथम दृष्टि किसी प्रोफेशनल अपराधियों के द्वारा करना हो रहा था प्रवीण सोमानी कारोबारी की कार थाना विधानसभा क्षेत्र से की गई थी बरामद घटनास्थल सहित 1500 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तक क्षेत्र का किया गया था तकनीकी विश्लेषण आरोपी द्वारा बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से दिया गया था अपहरण की घटना को अंजाम आरोपी से घटना से पूर्व 3 माह तक किया गया था अपहरण की तैयारी।


Body:पूर्व में भी आरोपी द्वारा दिया चुका है कई घटना कोई अंजाम । अपहरण की बहुत सी घटना को अंजाम आरोपी के संबंध में जानकारी प्राप्त होने पर की कई गई थी उड़ीसा , गुजरात , बिहार एवं उत्तर प्रदेश रवाना टीम द्वारा उड़ीसा गुजरात बिहार एवं उत्तर प्रदेश के जाकर कैंप करते हुए प्रारंभ किया गया आरोपी के संबंध में जानकारी एकत्र करना। आरोपी द्वारा घटना करने के लिए गया था फर्जी गाड़ी नंबर का उपयोग गिरोह के संबंध है अलग-अलग राज्यों के निवासी पप्पू चौधरी पूर्व में हिंगोरा आरोपी कांड में भी रह चुके हैं आरोपी। पप्पू चौधरी कुख्यात आरोपी अपरण के सरगना चंदन सोनार का शागिर्द आरोपी पप्पू चौधरी मुल्तान जिला वैशाली बिहार के बिंदु पुर थाना के गंगा किनारे दियारा बिहार गांव मथुरा गोकुल क्षेत्र का है निवासी टीम द्वारा इस गिरोह से जुड़े बिहार गुजरात उड़ीसा एवं उत्तर प्रदेश के दर्जनों लोगों को उठाकर की गई गहन पूछताछ एवं दर्जनों इलाकों में की गई छापेमारी कार्रवाई इस दौरान टीम को सीसीटीवी फुटेज तकनीकी विश्लेषण के आधार पर स्थानीय शेल्टर उपलब्ध कराने वाले अनिल चौधरी को दोन्धेकला से पकड़ने में मिली सफलता अलग-अलग राज्यों में कैंप का आरोपी की गिरफ्तारी में काम कर रही टीमों को गिरोह के अन्य सदस्य मुन्ना नाहक निवासी गजाम उड़ीसा को गिरफ्तार करने में टीम को मिली सफलता गिरोह के सरगना पप्पू चौधरी अपने गिरोह के अन्य सदस्यों को देता था उनकी जानकारी जितना आवश्यक हो।


Conclusion:पुलिस द्वारा अलग-अलग राज्यों में 14 से अधिक दिनों तक लगातार कैंप करते हुए अपहरण के चंगुल से प्रवीण सुमानी को छुड़ाने में मिली सफलता। पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ एवं पुलिस अधीक्षक लगातार कर रहे थे प्रखंड की समीक्षा और दे रहे थे आवश्यक दिशा निर्देश आरोप द्वारा प्रवीण सोमानी कारोबारी के परिवार से की गई थी करोड़ों में फिरौती की मांग घटना में गिरोह में 10 सदस्य हैं सम्मिलित जिसकी कर ली गई पहचान। सुनिश्चित किये गए आरोपियों की जाएगी उनकी शीघ्र गिरफ्तारी। आरोपी की गिरफ्तारी में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री आरिफ शेख के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम श्री पंकज चंद्रा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण तारकेश्वर पटेल एवं कर्मचारियों की टीम लगाई गई थी। बाइट :- डीजीपी डीएम अवस्थी
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