लखनऊ: आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक 17 साल की युवती के पेट से बालों का गुच्छा निकला है. अब सवाल यह उठता है कि युवती के पेट में इतने बाल पहुंचे कैसे ? क्या यह युवती बाल खाती थी ? जी हां, ये सच है. दरअसल ये युवती मनोरोग का शिकार थी और इसको बाल नोच-नोच कर खाने की आदत हो गई थी. लंबे समय तक ये सिलसिला चलता रहा. ऐसा करते-करते युवती के पेट में बालों का गुच्छा बन गया.
बलरामपुर जनपद निवासी 17 वर्षीय युवती मानसिक रोग की चपेट में हैं. युवती दो साल से लगातार कमजोर होती जा रही थी. परिवारजनों ने देखा कि उसके सिर के बाल कम हो रहे थे. पूछने पर वह कुछ बता भी नहीं रही थी. 10 दिन पहले उसे पेट में भीषण दर्द हुआ और उल्टियां होने लगीं. परिजनों ने डॉक्टरों को दिखाया पर, युवती को राहत नहीं मिली. थक हारकर घरवाले मरीज को लेकर बलरामपुर अस्पताल आए. यहां सर्जरी विभाग के डॉ. एसआर समदर ने मरीज को देखा. अल्ट्रासाउंड जांच में युवती के पेट में गांठ नजर आई. इसके बाद डॉक्टरों ने सिटी स्कैन कराने का फैसला किया. सिटी स्कैन में बड़ी गांठ दिखी. 20 सेंटीमीटर चौड़ी गांठ देखकर डॉक्टर हैरत में पड़ गए. इसके बाद डॉ. समदर ने युवती की इंडोस्कोपी करने का फैसला किया, जिसके बाद जांच में पता चला युवती के पेट में ट्रॉयकोबिजोर (बालों का गोला) है. यह गोला करीब दो किलो है, जिसके बाद डॉक्टरों ने तुरंत युवती का ऑपरेशन करके उसके पेट से बालों का गुच्छा निकाला.
12 शहरों में 1800 लोगों में पी एंड जी तंत्रिका स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया गया. इसमें पाया गया कि नसों सम्बंधी बीमारी में 60 फीसदी से अधिक लोगों ने शुरूआती लक्षणों की अनदेखी की. सिर्फ लखनऊ में 61 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने नसों की खराबी के शुरूआती लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया. हील हेल्थ और हंसा रिसर्च द्वारा किए गए सर्वे में इस बात की पुष्टि हुई है. एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ. संजय कालरा के मुताबिक शरीर की आवश्यकता से कम विटामिन बी12 का सेवन विशेष रूप से नसों के विकारों का कारण बनता है.