लखनऊ : रेलवे यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देगा. स्टेशन से लेकर ट्रेन के अंदर और पटरी पर ट्रेन के संचालन में सुरक्षा को तवज्जो दी जाएगी. रेलवे को रेल बजट में सुरक्षा तंत्र विकसित करने के लिए 400 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इससे स्टेशनों पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी. इसके अलावा ट्रेन की पटरियों को भी सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर किया जाएगा. साथ ही ट्रेनों में भी सुरक्षा उपकरण लगाए जाएंगे. जिससे ट्रेन में भी कोई घटना घटित न होने पाए. महिला सुरक्षा पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाएगा.
ड्रोन की निगहबानी में होंगी रेल लाइनें. इस बार के आम बजट में रेलवे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खास मेहरबान रहीं. पिछले सालों की तुलना में इस साल बजट में जबरदस्त बढ़ोतरी की गई. रेलवे को करीब 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया गया है. इससे रेलवे का कायाकल्प होगा. इसी बजट में से सुरक्षा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए 400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इस धनराशि से रेलवे की तरफ से उत्तर प्रदेश में रेलवे प्रशासन की तरफ से सुरक्षा से जुड़े तमाम काम कराए जाएंगे. इनमें यात्रियों की सुरक्षा से लेकर जानवरों की सुरक्षा और स्टेशनों की सुरक्षा शामिल है. रेलवे स्टेशनों पर किसी भी तरह की गतिविधि को कैप्चर करने के लिए ड्रोन उड़ेंगे. इनसे पल पल की घटना कैप्चर होगी. इसके अलावा स्टेशनों पर हाय डायमेंशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इन कैमरों की नजर से स्टेशन पर आने जाने वाले यात्रियों पर नजर रखी जाएगी. संदिग्ध व्यक्ति के स्टेशन पर प्रवेश करते या फिर बाहर निकलते समय यह कैमरे फोटो कैप्चर कर लेंगे. कंट्रोल से पूरी मॉनिटरिंग होती रहेगी. साथ ही स्टेशन पर मौजूद सुरक्षा बल तत्काल और संदिग्ध व्यक्ति तक पहुंचेंगे. ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से स्टेशन की तो सुरक्षा होगी ही किसी भी तरह कि अपने घटना को ही रोका जा सकेगा.
ड्रोन की निगहबानी में होंगी रेल लाइनें. स्टेशनों पर लगेज स्कैनर और मेटल डिटेक्टर की व्यवस्था : सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे स्टेशन पर लगेज स्कैनर स्थापित किए जाएंगे. किसी भी यात्री के सामान को रेलवे स्टेशन के अंदर तभी भेजा जाएगा जब स्कैनर से लगेज स्कैन हो जाएगा. इसके अलावा सभी रेलवे स्टेशनों पर मेटल डिटेक्टर लगाए जाएंगे. जिससे यात्रियों की जांच पड़ताल हो सकेगी. उनके पास कोई ऐसी सामग्री तो नहीं है जिससे रेलवे स्टेशन को या फिर स्टेशन पर मौजूद यात्रियों को नुकसान हो. रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा की दृष्टि से यह दोनों उपकरण काफी महत्वपूर्ण है. रेलवे प्रशासन इसी को ध्यान में रखकर स्टेशनों पर इस तरह की व्यवस्था करेगा.
ड्रोन की निगहबानी में होंगी रेल लाइनें. रेलवे ट्रैक पर भी सुरक्षा के होंगे बेहतर इंतजाम : 400 करोड़ रुपये रेलवे प्रशासन सुरक्षा पर खर्च करेगा. लिहाजा ट्रैक की सुरक्षा इसमें काफी महत्वपूर्ण सब्जेक्ट होगा. आए दिन ट्रैक पर मवेशियों के आने से दुर्घटना हो जाती है तो कभी बिना कुछ सोचे समझे लोग पटरी क्रॉस करने लगते हैं और ट्रेन से टकराकर दुर्घटना घटित हो जाती है. ऐसे में ट्रैक की सुरक्षा के साथ ही जानमाल की सुरक्षा के लिए भी रेलवे प्रशासन ट्रैक के किनारे वेरिकेडिंग करेगा. नुकीले तार लगाएगा जिससे मवेशी ट्रैक तक न पहुंच सकें. उन ट्रैक के किनारे इस तरह की व्यवस्था की जाएगी जहां पर कोई कॉलोनी है या फिर लोग निवास करते हैं. इस तरह की व्यवस्था होने से ट्रैक तो सुरक्षित रहेगा ही लोगों की जानमाल का नुकसान भी नहीं होगा.
ड्रोन की निगहबानी में होंगी रेल लाइनें. सिगनलिंग प्रणाली को किया जाएगा बेहतर : सुरक्षा के लिहाज से रेलवे ट्रैक के सिगनल भी दुरुस्त किए जाएंगे. पुराने सिग्नल रिप्लेस किए जाएंगे. सिग्नल का काम होने से ट्रेनों को सही समय पर इंडिकेशन मिलेगा. इससे किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सकेगा. इसके अलावा ट्रेनों में भी सुरक्षा के लिहाज से जो भी जरूरी उपकरण होंगे उन्हें भी रेलवे की तरफ से लगाया जाएगा. यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाबलों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. महिला सुरक्षा को लेकर महिला सुरक्षा बल की तैनाती की जाएगी.
ड्रोन की निगहबानी में होंगी रेल लाइनें. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक सुरेश कुमार सपरा का कहना है कि रेल बजट को इस बार कई गुना बढ़ाया गया है. सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए कई करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है. इस धनराशि से सुरक्षा से जुड़े सभी कामों पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाएगा. इनमें रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा के साथ यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े काम कराए जाएंगे. हमारी प्राथमिकता होगी कि यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए.
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