लखनऊ: ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में बीटेक की पढ़ाई कर रहे छात्रों को अब संस्कृत, उर्दू और दूसरी विदेशी भाषाएं पढ़ने का मौका मिलेगा. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इसके लिए पाठ्यक्रम में विशेष बदलाव किए जा रहे हैं. आगामी शैक्षिक सत्र से इसे लागू करने की तैयारी है.
भाषा विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर यूरोपियन एंड एशियन स्टडीज की डॉ. तनवीर खदीजा ने बताया कि बीसीए, बीटेक जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज में कम्युनिकेशन स्किल्स एक पेपर है. जिसमें, छात्रों को भाषा का ज्ञान दिया जाता है. अब इसका दायरा बढ़ाया जा रहा है. यहां छात्रों को संस्कृत, उर्दू के साथ ही दूसरी विदेशी भाषाएं पढ़ने का विकल्प खुलेगा. नए शैक्षिक सत्र के साथ छात्र यह विकल्प चुन सकेंगे. डॉ. तनवीर खदीजा ने बताया कि इससे छात्रों को विदेशी कंपनियों के साथ काम करने में काफी लाभ मिलेगा.
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आईआईटी तक कर रहा बदलाव
नई शिक्षा नीति में छात्रों को तकनीकी ज्ञान के साथ भाषा के ज्ञान से भी जोड़ने पर जोड़ दिया गया है. बीते दिनों आईआईटी से इंजीनियर की पढ़ाई करने वाले छात्रों को संस्कृत और दूसरी भाषाएं भी पढ़ाई जाने की बात सामने आई थी. राष्ट्रीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर ने बीते दिनों राजधानी में हुए एक कार्यक्रम में बताया था कि आगामी सत्र से आईआईटी में नवप्रवेशित विद्यार्थी कम से कम एक सेक्शन भारतीय भाषा में पढ़ेंगे. नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है. विद्यार्थियों की सम्पूर्ण प्रतिभा का विकास अपनी भाषा में ही संभव है. उन्होंने बताया कि भारतीय शिक्षण मंडल की एक बैठक मानव संसाधन मंत्रालय के साथ हुई है, जिसमें यह निर्णय हुआ है.