लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने मॉब लिंचिंग को भयानक बीमारी करार देते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि मॉब लिंचिंग एक भयानक बीमारी की तरह है. यह रोग बीजेपी सरकारों द्वारा कानून का राज स्थापित नहीं करने की नियत और नीति की देन है. इससे अब केवल दलित, आदिवासी और धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं बल्कि सर्व समाज के लोग और पुलिस भी शिकार बन रही है.
मॉब लिंचिंग पर मायावती ने पीएम मोदी को घेरा-
- बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि वैसे तो मॉब लिंचिंग की घटना में पहले इक्का-दुक्का हुआ करती थी, लेकिन अब यह घटनाएं काफी आम हो गई हैं.
- इस प्रकार देश में लोकतंत्र के हिंसक भीड़तंत्र में बदल जाने पर देश में हर तरफ सभ्य समाज में चिंता की लहर है.
- सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका संज्ञान लेकर केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं.
- इस मामले में भी केंद्र और राज्य सरकारें कतई भी गंभीर नहीं है. यह दुख की बात है.
मॉब लिंचिंग पर बने सख्त कानून
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद वैसे तो केंद्र की मोदी सरकार को अब तक मॉब लिंचिंग पर सख्त कानून बना लेना चाहिए था, लेकिन अभी तक कानून नहीं बनाए जाने से सरकार की लापरवाही साफ झलकती है. मायावती ने कहा कि मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं सामाजिक ताने-बाने को बिखेर रही हैं.
मॉब लिंचिंग पर कानून के लिए मुख्यमंत्री को सौंपा प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस एएन मित्तल ने मॉब लिंचिंग पर कानून बनाए जाने को लेकर 129 पेज का एक प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा है. उन्होंने अपनी इस रिपोर्ट में यह दर्शाया है कि मॉब लिंचिंग की देश के पश्चिम बंगाल, राजस्थान और जम्मू कश्मीर राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी घटनाएं बढ़ी हैं. वर्ष 2012 से 2019 के बीच 50 घटनाएं हुई हैं. इसमें 17 लोगों की जान गई है. राज्य विधि आयोग की इस पहल पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सरकार को घेरने के साथ-साथ आयोग के इस पहल की सराहना की है.