लखनऊ: बुंदेलखंड में भाजपा की लहर इस बार भी बरकरार रही. भाजपा गठबंधन ने यहां 19 में से 16 सीटों पर जीत दर्ज की. इनमें से 14 सीटें भाजपा और 2 सीटें सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) ने जीती. वहीं, तीन सीटों पर सपा को सफलता मिली. इनमें चित्रकूट की सदर, बांदा की बबेरू और कालपी सीट शामिल रही. अबकी अन्न, पशु, जल-संकट, बेरोजगारी, पलायन जैसे मुद्दों पर बुंदेलखंड में चुनाव लड़ा गया.
सपा ने इन मुद्दों पर भाजपा को खूब घेरा, लेकिन अंतत: बुंदेलखंड की जनता ने भाजपा को ही चुना. यहां प्रचार के दौरान भाजपा ने जल परियोजनाओं, डिफेंस कारीडोर और अन्य योजनाओं को प्रचार का आधार बनाया था. इसी का असर रहा कि झांसी, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा की सभी 10 सीटों पर भाजपा गठबंधन की जीत सुनिश्चित हुई.
हालांकि, बांदा के बबेरू सीट पर सपा को जीत मिली तो जिले की बाकी तीन सीटों पर भाजपा का कब्जा बरकरार रहा. वहीं, चित्रकूट की सदर सीट पर लोनिवि राज्य मंत्री सीपी उपाध्याय सपा के अनिल प्रधान पटेल से हार गए. इधर, अपना दल (एस) ने क्रमश: झांसी की मऊरानीपुर और चित्रकूट की मानिकपुर सीट जीत दर्ज की तो कालपी सीट पर सपा को कामयाबी मिली. यहां समाजवादी पार्टी के विनोद चतुर्वेदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी निषाद पार्टी के छोटे सिंह को शिकस्त दी.
हार गए दलबदलू
ऐन चुनाव से पहले भाजपा छोड़ सपा में गए तिंदवारी के बृजेश प्रजापति चुनाव हार गए. उन्हें भाजपा के रामकेश निषाद ने हराया.
दो मंत्रियों में एक जीते, एक हारे
वहीं, बुंदेलखंड से सूबे की योगी सरकार में दो राज्यमंत्री थे. इनमें से चित्रकूट से सीपी उपाध्याय सपा से हार गए, जबकि ललितपुर की मेहरौनी सीट से लड़े श्रम राज्यमंत्री मनोहीरलाल पंथ 1.10 लाख वोटों से जीत दर्ज किए.
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