लखनऊ: आगामी विधानसभा चुनाव (up assembly election 2022) को लेकर भाजपा (bjp) ने तैयारियां तेज कर दी हैं. संभावना जताई जा रही है कि 20 दिसंबर के आसपास यूपी में आचार संहिता लागू हो सकती है. ऐसे में पार्टी ने इस तिथि को ही अपनी डेडलाइन बना लिया है. पार्टी ताबड़तोड़ अपनी सभी योजनाओं के लोकार्पण और घोषणाओं को इस डेडलाइन से पहले पूरा करने में जुट गई है.
वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी 13 दिसम्बर को करेंगे. इसके साथ ही भाजपा विजय विकास यात्राओं का आगाज भी करेगी. साथ ही लैपटॉप और टैबलेट वितरण भी 20 दिसंबर से पहले हो जाएगा. इसके जरिए पार्टी युवाओं को जोड़ने की कोशिश करेगी.
गौरतलब है कि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च 2022 को खत्म हो जाएगा. 20 मार्च को नई सरकार का गठन होना है. वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में आठ चरणों में 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे. इसमें करीब तीन से चार माह का समय लगा था. ऐसे में इस बार संभावना जताई जा रही है कि 20 दिसंबर के आसपास चुनाव आयोग आचार संहिता लागू कर सकता है.
भाजपा से जुड़े सूत्रों की माने तो पार्टी भी इसी तिथि के हिसाब से चल रही है. इसी डेडलाइन के हिसाब से पीएम नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे. टैबलेट और लैपटॉप के वितरण के जरिए पार्टी युवाओं का विश्वास जीतने की कोशिश करेगी.
इस बारे में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई का कहना है कि हर बूथ और हर पन्ने की तैयारी है. हर जिले में कार्यक्रम हो रहे हैं. हम चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. विपक्षी चुनाव के पास आते ही सक्रिय होते हैं. योगी आदित्यनाथ की सरकार फिर से पूरी ताकत के साथ सत्ता में आएगी.
अखिलेश को थाली में मिली थी सत्ता...
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर रथयात्रा के दौरान कहा था कि वह चुनाव लड़ेंगे, इस बारे में पार्टी की कार्यसमिति तय करेगी. इसके पहले वह चुनाव न लड़ने की बात कह चुके हैं. इस बारे में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई का कहना है कि अखिलेश यादव को 2012 में उनके पिता ने थाली में सजाकर सत्ता दी थी. वह इसे संभाल नहीं सके. 2014 के लोकसभा, 2017 के विधानसभा और 2019 में लोकसभा के चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद अब वह फिर से चुनाव लड़ने की बात कह रहे है. उनको फिर से हार का सामना करना पड़ेगा.
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