लखनऊ : अचानक आग लग जाए, बिल्डिंग ढह जाए. सड़क दुर्घटना हो फिर या किसी इमारत की लिफ्ट फंस जाए उस स्थिति में लखनऊ के फायर फाइटर कितने तैयार हैं यह जानने के लिए सोमवार को फायर अफसर ने बैकबेंचर फायर कर्मचारियों की क्लास की. जिसमें अधिकांश फेल ही साबित हुए. फायर अफसर ने कर्मचारियों को डांट लगाई और जल्द से जल्द रेस्क्यू उपकरणों को ऑपरेट करने की ट्रेनिंग लेने के निर्देश दिए.
हजरतगंज स्थित फायर स्टेशन में सोमवार को उन फायर कर्मचारियों की दक्षता परीक्षण किया गया, जो फायर फाइटिंग करने से दूर रहते हैं या फिर सबसे पीछे की पंक्ति में रेस्क्यू पूरा होने का इंतजार करते हैं. मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ मंगेश कुमार ने इन सभी कर्मचारियों के सामने रेस्क्यू के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एक दर्जन उपकरणों को रखा और दो दो कर्मचारियों के ग्रुप को उक्त उपकरणों को इस्तमाल करने के लिए कहा गया. जिन्हें देख अधिकांश कमर्चारियों के हाथ पैर फूल गए.
मशीन ऑन ही नहीं कर सके फायर कर्मचारी
अधिकांश फायर कर्मचारियों सीएफओ के सामने ऑक्सीजन लेने वाले ब्रीदिंग ऑपरेटर के मास्क को ही नहीं लगा सके. इतना ही नहीं इन कर्मचारियों को चेन शॉ स्टार्ट करने और फिर उसे इस्तेमाल करने में कई बार प्रयास करना पड़ा. इसी तरह स्प्रेंडर को इंस्टाल करना किसी भी कर्मचारी को नहीं आता था. यही हाल स्मोक एक्जोटर को भी ऑपरेट करने में कई तरह की मुश्किल देखने को मिली.
फायर कर्मचारियों की दक्षता परीक्षण में मुख्यतया कंक्रीट दीवार काटने के लिए इस्तेमाल होने वाला चेन शॉ, सड़क दुर्लघटना में क्षतिग्रस्त गाड़ी को हटाने का रेस्क्यू और लिफ्ट फंसने पर उसे खोलने के इस्तेमाल होने वाला स्प्रेडर, आग लगने पर बिल्डिंग में घुस कर रेस्क्यू करते वक्त मुंह में सांस लेने के लिए प्रयोग होने वाले ब्रिदिंग ऑपरेटर और बिल्डिंग से धुंआ निकालने के लिए स्मोक एक्जोटर शामिल था.
मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) मंगेश कुमार ने बताया कि हम आज उन कर्मचारियों की दक्षता का आंकलन कर रहे थे, जो फायर फाइटिंग के समय अमूमन पीछे की पंक्ति में रहते हैं. इसके अलावा इसमें कुछ ऐसे भी कर्मी थे जो टेबल जॉब पर हैं. इन कर्मचारियों को उपकरणों को चलाने में कुछ समस्याएं आई हैं. इन्हें वार्निंग देते हुए जल्द से जल्द ट्रेनिंग लेकर उपकरणों को चलाना सीखने की हिदायत दी गई है.