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धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट में हाजिर हुए BJP MLA शैलेंद्र कुमार सिंह

राजधानी लखनऊ में धोखाधड़ी के मामले में भाजपा विधायक शैलेंद्र कुमार सिंह उर्फ शैलू ने एमपी-एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण किया. विशेष जज ने मामले में जारी गैर जमानती वारंट निरस्त करते हुए भाजपा विधायक को 50 हजार के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया.

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Published : Jan 28, 2021, 8:13 PM IST

एमपी-एमएलए कोर्ट
एमपी-एमएलए कोर्ट

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने धोखाधड़ी के एक मामले में जारी गैर जमानती वारंट निरस्त करते हुए भाजपा विधायक शैलेंद्र कुमार सिंह उर्फ शैलू को 50 हजार के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया.

गुरुवार को विशेष अदालत में भाजपा विधायक शैलेंद्र कुमार सिंह ने आत्मसमर्पण किया और वारंट रिकॉल करने का प्रार्थना पत्र दिया. उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने इस मामले में गैर हाजिर रहने पर भाजपा विधायक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट व कुर्की से पहले की कार्यवाही का नोटिस भी जारी किया था. उक्त नोटिस जारी होने के बाद अभियुक्त ने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया.

धोखाधड़ी के इस मामले की एफआईआर 13 अक्टूबर 2009 को गोरखपुर के केडी अग्रवाल ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. एफआईआर के मुताबिक शिकायतकर्ता ने एक जमीन खरीदी थी. जिस पर कूटरचित दस्तावेजों के जरिए अभियुक्त शिवनंदन ने व्यवधान पैदा किया. इसके बाद शैलेंद्र कुमार सिंह उर्फ शैलू से इस जमीन का अवैध रूप से विक्रय अनुबंध कर लिया.

विवेचना के बाद इस मामले में शिवनंदन व शैलेंद्र कुमार सिंह उर्फ शैलू के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. मामले में दोनों अभियुक्त जमानत पर रिहा किये गए थे. हालांकि गैर हाजिरी के चलते कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए गैर जमानती वारंट व कुर्की के पूर्व की कार्यवाही का नोटिस जारी किया था.

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने धोखाधड़ी के एक मामले में जारी गैर जमानती वारंट निरस्त करते हुए भाजपा विधायक शैलेंद्र कुमार सिंह उर्फ शैलू को 50 हजार के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया.

गुरुवार को विशेष अदालत में भाजपा विधायक शैलेंद्र कुमार सिंह ने आत्मसमर्पण किया और वारंट रिकॉल करने का प्रार्थना पत्र दिया. उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने इस मामले में गैर हाजिर रहने पर भाजपा विधायक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट व कुर्की से पहले की कार्यवाही का नोटिस भी जारी किया था. उक्त नोटिस जारी होने के बाद अभियुक्त ने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया.

धोखाधड़ी के इस मामले की एफआईआर 13 अक्टूबर 2009 को गोरखपुर के केडी अग्रवाल ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. एफआईआर के मुताबिक शिकायतकर्ता ने एक जमीन खरीदी थी. जिस पर कूटरचित दस्तावेजों के जरिए अभियुक्त शिवनंदन ने व्यवधान पैदा किया. इसके बाद शैलेंद्र कुमार सिंह उर्फ शैलू से इस जमीन का अवैध रूप से विक्रय अनुबंध कर लिया.

विवेचना के बाद इस मामले में शिवनंदन व शैलेंद्र कुमार सिंह उर्फ शैलू के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. मामले में दोनों अभियुक्त जमानत पर रिहा किये गए थे. हालांकि गैर हाजिरी के चलते कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए गैर जमानती वारंट व कुर्की के पूर्व की कार्यवाही का नोटिस जारी किया था.

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