लखनऊः भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) ने बुधवार को यूपी के सांसदों के साथ दिल्ली में सियासी मंथन किया और यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में जीत को लेकर टास्क दिया. दिल्ली में आयोजित सांसद बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath), बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह व प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के साथ भाजपा सांसद मौजूद रहे.
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बैठक में विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर सांसदों की जिम्मेदारी तय करते हुए बड़ा टास्क दिया गया है. इसके तहत भाजपा के सांसदों को विधानसभा चुनाव मिशन 2022 फतह करने के लिए 15 अगस्त के बाद से अपने संसदीय क्षेत्रों में यात्रा निकालते हुए जनता के बीच जाएंगे और जनता से संवाद करेंगे. इस अभियान के अंतर्गत सांसद जनता को अपने कामकाज की रिपोर्ट सौंपेंगे. इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के जन कल्याणकारी कामकाज की जानकारी देंगे और कोरोना के संकट काल के दौरान भाजपा की सरकारों द्वारा किए गए कार्यों का विस्तार से वर्णन जनता के बीच करेंगे. इसके अलावा सांसद जब अपने क्षेत्रों में जाएंगे तो विपक्ष की भी पोल खोलने का काम करेंगे. विपक्ष की तरफ से जिस प्रकार से तमाम मुद्दों पर नकारात्मक राजनीति की जा रही है, उसकी सच्चाई और बीजेपी के कामकाज की सच्चाई जनता के बीच रखने की जिम्मेदारी भी सांसदों को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने सौंपी है.
खुली जीप में निकालेंगे जन आशीर्वाद यात्रा
इसके अलावा पिछले दिनों नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में जिन नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, उन्हें और अन्य सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्रों में जन आशीर्वाद यात्रा निकालकर 15 अगस्त से जनता के बीच जाने का टास्क दिया गया है. सभी सांसदों और नए मंत्रियों को अपने क्षेत्रों में खुले वाहनों से भ्रमण करना है और जनता से संवाद करना है. सांसदों से कहा गया है कि वह सिर्फ एक जगह नहीं बल्कि पूरे संसदीय क्षेत्र का भ्रमण करेंगे और मिशन 2022 को लेकर बेहतर ढंग से काम करेंगे. जिससे भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने कामकाज के आधार पर उत्तर प्रदेश में दोबारा सरकार बना सके,
विपक्षी दलों की नकारात्मक भूमिका भी जनता को बताने की जिम्मेदारी
दिल्ली में हुई बैठक में भाजपा सांसदों और नए मंत्रियों को विपक्षी दलों की नकारात्मक भूमिका का मुद्दा भी जनता के बीच ले जाने का टास्क दिया गया है. इसके साथ ही जनता को विपक्ष की जानकारी देनी है कि कोरोना संकट के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने किस प्रकार से सेवा के कार्य किए. जबकि विपक्षी दलों के नेता अपने घर से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझा. भारतीय जनता पार्टी के सांसदों को विपक्ष को घेरने के लिए 15 अगस्त के बाद से इस अभियान को शुरू करने की बात कही गई है. इसके साथ ही विपक्षी नेताओं द्वारा संसद सत्र को बाधित करने और आतंकियों को फंडिंग दिए जाने के मुद्दे पर वॉकआउट करने सहित तमाम अन्य मुद्दों पर जनता के बीच सच्चाई बताने की भी बात कही गई है. सांसदों से कहा कि वह जनता को यह बताएं कि विपक्षी नेता किस प्रकार से आतंकवादियों की पैरवी कर रहे हैं. आखिर आतंकवादियों से इन लोगों को किस प्रकार की हमदर्दी है, जो उनके पक्ष में संसद सत्र को बाधित करने का काम कर रहे हैं.
बयानबाजी से बचने की भी हिदायत
बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने यह भी कहा है कि पार्टी के सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों से बेहतर समन्वय बनाकर काम करें. कहीं कोई दिक्कत है तो उसे संगठन स्तर पर दूर करने का प्रयास करें. पिछले दिनों कुछ बयानबाजी हुई और पत्राचार किया गया, उससे भी बचें. जिससे जनता के बीच बेहतर समन्वय का संदेश दिया जा सके. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने सांसदों को अभियान के दौरान डिजिटल माध्यम का भी भरपूर उपयोग करने का निर्देश दिया है. सांसद जहां भी जनता से जाकर संवाद करेंगे उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग करनी है. इस रिकॉर्डिंग को सोशल मीडिया पर अपलोड करना है, जिससे केंद्रीय नेतृत्व मॉनिटरिंग कर सकें.
सांसद निधि का बेहतर हो उपयोग
बैठक में भाजपा के शीर्ष नेताओं ने सांसदों से कहा कि कोरोना तीसरी लहर के मद्देनजर सक्रियता से काम करें. घर में बिल्कुल भी नहीं बैठना है और विपक्ष को भी लगातार गिरने का काम करना है. जिससे जनता के बीच यह संदेश दिया जा सके कि भारतीय जनता पार्टी लगातार जनता के बीच काम कर रही है. कोरोना काल के दौरान जिस प्रकार का काम भारतीय जनता पार्टी ने पहले किया है, सेवा ही संगठन के नाम से और आने वाले दिनों में भी जिस प्रकार से काम करने हैं. वह सब जनता को ठीक ढंग से समझाने का काम किया जाए. इसके अलावा सांसद निधि का बेहतर ढंग से उपयोग करते हुए जनहित के कामकाज को तेजी से कराए जाने के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं. इसको लेकर विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधि व पार्टी नेताओं के साथ समन्वय बनाकर सांसद निधि खर्च करने को कहा गया है.