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सुभासपा अध्यक्ष राजभर के लिए भाजपा ने बनाया ये प्लान, मंत्री पद सहित मिल सकता है ये तोहफा

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Published : Jun 19, 2023, 10:08 PM IST

सियासी दलों ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. एक बार फिर से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं.

सुभासपा अध्यक्ष राजभर
सुभासपा अध्यक्ष राजभर
भाजपा के साथ सुभासपा अध्यक्ष की नजदीकियां बढ़ गईं हैं.

लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दल अपनी रणनीति और सियासी मोर्चेबंदी करने में जुट गए हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर की नजदीकियां भाजपा के साथ पिछले कुछ समय से ज्यादा बढ़ी हैं. बेटे की शादी के मौके पर भाजपा भी उनसे और जुड़ने में सफल रही. सीएम से भी राजभर की मुलाकात हुई. सूत्र बताते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ भी राजभर के साथ गठबंधन को लेकर सहमत हो गए हैं, पूर्व में जब राजभर भाजपा सरकार में मंत्री थे तो अक्सर सरकार को निशाने पर लेने से नहीं चूकते थे. बाद में उनकी इन्हीं हरकतों के चलते उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. इसके साथ ही गठबंधन टूट गया और अब एक बार फिर राजभर और भाजपा लोकसभा चुनाव में साथ रहेंगे, ऐसे संकेत मिल रहे हैं.

सीटों की स्थिति.
सीटों की स्थिति.

सूत्रों का कहना है 2024 के चुनाव में भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. ऐसी दशा में भाजपा ने राजभर के लिए खास प्लान बनाया है. राजभर को मंत्री पद सहित लोकसभा चुनाव में गठबंधन में एक सीट और एक एमएलसी की सीट भी देने की रणनीति बनाई गई है. राजभर को भी पता है कि अभी प्रदेश में भाजपा की सरकार है और 2027 तक रहनी भी है. सपा के साथ गठबंधन में राजभर को कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में अब भाजपा के साथ रहना ही फायदेमंद है.

एक से दो महीने में हो सकता है गठबंधन : भाजपा सरकार में शामिल एक मंत्री ने बताया कि ओमप्रकाश राजभर और बीजेपी नेतृत्व के बीच बातचीत चल रही है. आने वाले 1 से 2 महीने में ओमप्रकाश राजभर के पार्टी के साथ गठबंधन होगा. राजभर भाजपा सरकार में मंत्री बनाए जाएंगे. इसके साथ ही उन्हें एक एमएलसी सीट और एक लोकसभा सीट देने पर अभी तक सहमति बन चुकी है, लेकिन राजभर की डिमांड कुछ ज्यादा है.

ऐसे में अब आगे नेतृत्व के स्तर पर तय किया जाएगा कि क्या फैसला लेना है. मंत्री का कहना है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि राजभर की पार्टी का पूर्वांचल की तमाम सीटों पर उनकी बिरादरी के अच्छे मतदाता हैं. तमाम सीटों पर उनकी पार्टी और उनके लोगों का प्रभाव है. ऐसे में राजभर के साथ रहने से बीजेपी के लिए सियासी लड़ाई काफी बेहतर हो सकती है. इसी कारण से उन्हें साथ लेने को लेकर सहमति लगभग बन चुकी है. आने वाले समय में इस पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी.

वोट बैंक को साधने की कोशिश : भारतीय जनता पार्टी पूर्वांचल की 2 दर्जन से अधिक सीटों पर राजभर के सहारे जीतने में सफल हो सकती है, ऐसा बीजेपी नेतृत्व को लग रहा है. राजभर जाति के साथ-साथ अन्य पिछड़ी जातियों में भी ओमप्रकाश राजभर की पार्टी का प्रभाव है. करीब 2 दर्जन से अधिक लोकसभा सीटों पर डेढ़ से 2 लाख व उससे भी ज्यादा राजभर समाज का वोट है. ऐसे में इस वोट बैंक को साधने के लिए ही भारतीय जनता पार्टी ओमप्रकाश राजभर को साध रही है.

सियासी गठबंधन को लेकर भी भाजपा पूरी सक्रियता के साथ काम कर रही है. भाजपा ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन करने पर राजी हो गई और उसी के अनुसार हर फैसले किये जा रहे हैं. सूत्रों का दावा है कि राजभर की पार्टी के साथ आने वाले एक-दो महीने में गठबंधन का ऐलान किया जाएगा.ओमप्रकाश राजभर पहले बीजेपी के साथ थे लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी के साथ चले गए थे. अब 2024 लोकसभा चुनाव से पहले राजभर भाजपा के साथ पूरी तरह से आने पर सहमत हो रहे हैं.

दो लोकसभा सीट मांग रहे राजभर : उच्च स्तरीय सूत्रों का दावा है कि भाजपा एक लोकसभा सीट, योगी सरकार में मंत्री पद, एक एमएलसी सीट सहित कई अन्य तरह की भागीदारी देने पर राजी हो गई है, जबकि राजभर दो लोकसभा सीट मांग रहे हैं. महत्वपूर्ण बात यह भी है कि ओमप्रकाश राजभर समाजवादी पार्टी के साथ अब बिल्कुल भी नहीं जाएंगे. तमाम मौके पर ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव को निशाने पर रखते हुए तमाम तरह के बयान भी दिए थे.

ओमप्रकाश राजभर को यह भी पता है कि समाजवादी पार्टी के साथ रहने पर उन्हें कोई सियासी फायदा नहीं होने वाला है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अच्छी लड़ाई लड़ती हुई फिलहाल नजर आ रही है. 2027 तक उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और भाजपा के साथ रहने पर बीजेपी सरकार में मंत्री पद मिलने पर ओमप्रकाश राजभर को बड़ा सियासी लाभ लाभ मिलेगा. इन्हीं सब वजहों को देखते हुए ही बीजेपी के साथ गठबंधन करने पर राजभर सहमत हुए हैं.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर कहते हैं कि बेटे की शादी का गठबंधन हो चुका है और अब आगे सियासी गठबंधन पर बातचीत होगी. लोकसभा चुनाव में जो ठीक रहेगा हम लोग वही करेंगे. जिसके साथ गठबंधन करेंगे वही पूर्वांचल की सीटों पर विजयी होगा.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के जो सहयोगी दल हैं उन्हें लेकर हम 2017 से चुनाव लड़ रहे हैं. 2017-2019 2022 के विधानसभा चुनाव में सफलता मिली. हमारी विचारधारा और हमारी नीतियों से प्रभावित होकर कई छोटे-छोटे दल हमारे साथ आना चाहते हैं. राजनीतिक रूप से उत्तर प्रदेश के अंदर भारतीय जनता पार्टी अपने नेतृत्व के भरोसे और अपने रीति नीति के दम पर बड़ी जीत दर्ज कर रही है, उसमें अगर कोई और सहयोगी दल हमारी नीतियों के साथ आना चाहता तो हमें कोई आपत्ति नहीं है. हां यह जरूर है कि कुछ लोग इधर-उधर चुनाव के दौरान आते हैं. अगर ओमप्रकाश राजभर को लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में काम करना चाहिए तो उनका स्वागत है.

यह भी पढ़ें : क्या अतीत की गलतियों से सबक लेकर लोकसभा चुनावों में उतरेगी समाजवादी पार्टी

भाजपा के साथ सुभासपा अध्यक्ष की नजदीकियां बढ़ गईं हैं.

लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दल अपनी रणनीति और सियासी मोर्चेबंदी करने में जुट गए हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर की नजदीकियां भाजपा के साथ पिछले कुछ समय से ज्यादा बढ़ी हैं. बेटे की शादी के मौके पर भाजपा भी उनसे और जुड़ने में सफल रही. सीएम से भी राजभर की मुलाकात हुई. सूत्र बताते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ भी राजभर के साथ गठबंधन को लेकर सहमत हो गए हैं, पूर्व में जब राजभर भाजपा सरकार में मंत्री थे तो अक्सर सरकार को निशाने पर लेने से नहीं चूकते थे. बाद में उनकी इन्हीं हरकतों के चलते उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. इसके साथ ही गठबंधन टूट गया और अब एक बार फिर राजभर और भाजपा लोकसभा चुनाव में साथ रहेंगे, ऐसे संकेत मिल रहे हैं.

सीटों की स्थिति.
सीटों की स्थिति.

सूत्रों का कहना है 2024 के चुनाव में भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. ऐसी दशा में भाजपा ने राजभर के लिए खास प्लान बनाया है. राजभर को मंत्री पद सहित लोकसभा चुनाव में गठबंधन में एक सीट और एक एमएलसी की सीट भी देने की रणनीति बनाई गई है. राजभर को भी पता है कि अभी प्रदेश में भाजपा की सरकार है और 2027 तक रहनी भी है. सपा के साथ गठबंधन में राजभर को कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में अब भाजपा के साथ रहना ही फायदेमंद है.

एक से दो महीने में हो सकता है गठबंधन : भाजपा सरकार में शामिल एक मंत्री ने बताया कि ओमप्रकाश राजभर और बीजेपी नेतृत्व के बीच बातचीत चल रही है. आने वाले 1 से 2 महीने में ओमप्रकाश राजभर के पार्टी के साथ गठबंधन होगा. राजभर भाजपा सरकार में मंत्री बनाए जाएंगे. इसके साथ ही उन्हें एक एमएलसी सीट और एक लोकसभा सीट देने पर अभी तक सहमति बन चुकी है, लेकिन राजभर की डिमांड कुछ ज्यादा है.

ऐसे में अब आगे नेतृत्व के स्तर पर तय किया जाएगा कि क्या फैसला लेना है. मंत्री का कहना है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि राजभर की पार्टी का पूर्वांचल की तमाम सीटों पर उनकी बिरादरी के अच्छे मतदाता हैं. तमाम सीटों पर उनकी पार्टी और उनके लोगों का प्रभाव है. ऐसे में राजभर के साथ रहने से बीजेपी के लिए सियासी लड़ाई काफी बेहतर हो सकती है. इसी कारण से उन्हें साथ लेने को लेकर सहमति लगभग बन चुकी है. आने वाले समय में इस पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी.

वोट बैंक को साधने की कोशिश : भारतीय जनता पार्टी पूर्वांचल की 2 दर्जन से अधिक सीटों पर राजभर के सहारे जीतने में सफल हो सकती है, ऐसा बीजेपी नेतृत्व को लग रहा है. राजभर जाति के साथ-साथ अन्य पिछड़ी जातियों में भी ओमप्रकाश राजभर की पार्टी का प्रभाव है. करीब 2 दर्जन से अधिक लोकसभा सीटों पर डेढ़ से 2 लाख व उससे भी ज्यादा राजभर समाज का वोट है. ऐसे में इस वोट बैंक को साधने के लिए ही भारतीय जनता पार्टी ओमप्रकाश राजभर को साध रही है.

सियासी गठबंधन को लेकर भी भाजपा पूरी सक्रियता के साथ काम कर रही है. भाजपा ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन करने पर राजी हो गई और उसी के अनुसार हर फैसले किये जा रहे हैं. सूत्रों का दावा है कि राजभर की पार्टी के साथ आने वाले एक-दो महीने में गठबंधन का ऐलान किया जाएगा.ओमप्रकाश राजभर पहले बीजेपी के साथ थे लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी के साथ चले गए थे. अब 2024 लोकसभा चुनाव से पहले राजभर भाजपा के साथ पूरी तरह से आने पर सहमत हो रहे हैं.

दो लोकसभा सीट मांग रहे राजभर : उच्च स्तरीय सूत्रों का दावा है कि भाजपा एक लोकसभा सीट, योगी सरकार में मंत्री पद, एक एमएलसी सीट सहित कई अन्य तरह की भागीदारी देने पर राजी हो गई है, जबकि राजभर दो लोकसभा सीट मांग रहे हैं. महत्वपूर्ण बात यह भी है कि ओमप्रकाश राजभर समाजवादी पार्टी के साथ अब बिल्कुल भी नहीं जाएंगे. तमाम मौके पर ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव को निशाने पर रखते हुए तमाम तरह के बयान भी दिए थे.

ओमप्रकाश राजभर को यह भी पता है कि समाजवादी पार्टी के साथ रहने पर उन्हें कोई सियासी फायदा नहीं होने वाला है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अच्छी लड़ाई लड़ती हुई फिलहाल नजर आ रही है. 2027 तक उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और भाजपा के साथ रहने पर बीजेपी सरकार में मंत्री पद मिलने पर ओमप्रकाश राजभर को बड़ा सियासी लाभ लाभ मिलेगा. इन्हीं सब वजहों को देखते हुए ही बीजेपी के साथ गठबंधन करने पर राजभर सहमत हुए हैं.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर कहते हैं कि बेटे की शादी का गठबंधन हो चुका है और अब आगे सियासी गठबंधन पर बातचीत होगी. लोकसभा चुनाव में जो ठीक रहेगा हम लोग वही करेंगे. जिसके साथ गठबंधन करेंगे वही पूर्वांचल की सीटों पर विजयी होगा.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के जो सहयोगी दल हैं उन्हें लेकर हम 2017 से चुनाव लड़ रहे हैं. 2017-2019 2022 के विधानसभा चुनाव में सफलता मिली. हमारी विचारधारा और हमारी नीतियों से प्रभावित होकर कई छोटे-छोटे दल हमारे साथ आना चाहते हैं. राजनीतिक रूप से उत्तर प्रदेश के अंदर भारतीय जनता पार्टी अपने नेतृत्व के भरोसे और अपने रीति नीति के दम पर बड़ी जीत दर्ज कर रही है, उसमें अगर कोई और सहयोगी दल हमारी नीतियों के साथ आना चाहता तो हमें कोई आपत्ति नहीं है. हां यह जरूर है कि कुछ लोग इधर-उधर चुनाव के दौरान आते हैं. अगर ओमप्रकाश राजभर को लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में काम करना चाहिए तो उनका स्वागत है.

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