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Bird Festival 2023 : उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा, महोबा में 1 फरवरी से बर्ड फेस्टिवल

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के महोबा जनपद में एक से तीन फरवरी तक बर्ड फेस्टिवल (Bird Festival 2023) मनाया जाएगा. आयोजन के दौरान बुंदेलखंड के इस इलाके में पर्यटकों की खास मौजूदगी रहेगी.

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Published : Jan 30, 2023, 4:00 PM IST

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग फेस्ट का आयोजन किया जाएगा. जिसकी शुरुआत महोबा में बर्ड फेस्ट से की जाएगी. ऐसे ही दुधवा, कतर्निया घाट, पीलीभीत और लायन सफारी में फेस्ट का आयोजन करके देश-विदेश के पर्यटकों को उत्तर प्रदेश के इको टूरिज्म में आकर्षित किया जाएगा. वन अधिकारियों का कहना है कि 'अब अक्टूबर में मनाया जाने वाला वन्य जीव सप्ताह फेस्ट के तौर पर मनाया जाएगा. जिसके जरिए हम अलग-अलग वन क्षेत्रों में फेस्टिवल आयोजित करके वन्यजीव प्रेमियों को आमंत्रित करेंगे.'

बर्ड फेस्टिवल
बर्ड फेस्टिवल
नेचर आफ बर्ड फेस्टिवल
नेचर आफ बर्ड फेस्टिवल

महोबा बर्ड फेस्टिवल एक से तीन फरवरी तक आयोजित किया जाएगा. पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने इस बर्ड फेस्टिवल के लोगो का अनावरण किया. महोबा के वेटलैंड में इसको पहली बार आयोजित किया जा रहा है. इसके साथ ही हेरिटेज टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जाएगा. अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी ने बताया कि 'देश में वेटलैंड बढ़ते जा रहे हैं. दुनिया भर में पाई जाने वाली 10 हजार प्रजाति के पक्षियों में से 500 उत्तर प्रदेश में पाए जाते हैं. ऐसे में पक्षियों के संगठनों को बल मिलेगा. इस तरह के इवेंट केवल एक केंद्र तक सीमित नहीं रहेंगे.' उन्होंने बताया कि 'आने वाले समय में अलग-अलग वन क्षेत्रों में ऐसे ही फेस्टिवल का आयोजन करेंगे.' उन्होंने बताया कि 'आने वाले समय में हम वन्य प्राणी सप्ताह को भी इसी तरह अलग-अलग वन क्षेत्रों में आयोजित करेंगे. इको टूरिज्म को उत्तर प्रदेश में और अधिक बढ़ावा मिलेगा.'

बर्ड फेस्टिवल
बर्ड फेस्टिवल

उत्तर प्रदेश के प्रमुख वन क्षेत्र : चूका टाइगर रिजर्व (पीलीभीत), दूधवा राष्ट्रीय उद्यान (लखीमपुर), इटावा लायन सफारी, कतर्निया घाट वन क्षेत्र, दौली-चन्द्रप्रभा वन्य जीव विहार, बहराइच-चित्रकूट-रानीपुर वन्य जीव विहार, ललितपुर-महावीर स्वामी वन्य जीव विहार, आगरा-सूरसरोवर पक्षी विहार, मीरजापुर-कैमूर वन्य जीव विहार, मेरठ-हस्तिनापुर वन्य जीव विहार, बिजनौर-अमानगढ़ टाइगर रिजर्व, बलरामपुर-सोहेलवा वन्य जीव विहार, वाराणसी-कछुआ प्रजनन केन्द्र, रायबरेली-समसपुर पक्षी विहार, कन्नौज-लाख बहोसी पक्षी विहार, हरदोई-सांडी पक्षी विहार, संत कबीर नगर-बखिरा पक्षी विहार, गौतमबुद्ध नगर-ओखला पक्षी विहार, मैनपुरी-समान पक्षी विहार, गोंडा-पार्वती अरगा पक्षी विहार, महोबा-विजय सागर पक्षी विहार, एटा-पटना पक्षी विहार, प्रतापगढ़-डा. भीमराव आंबेडकर पक्षी विहार, अलीगढ़-शेखा झील, लखनऊ-लखनऊ प्राणि उद्यान, कानपुर-कानपुर प्राणि उद्यान, गोरखपुर-गोरखपुर प्राणि उद्यान, बरेली-मिनी जू इज्जत नगर. अम्बेडकरनगर-दखन झील, आजमगढ़-बढेला ताल, औरैया-खानपुर वन ब्लाक, कानपुर देहात-मगही झील, कौशाम्बी-अलवारा वेटलैंड, जौनपुर-शाहगंज वेटलैंड (घूमर ताल), फतेहपुर-अखनई झील, फर्रूखाबाद-कुठिला झील, अयोध्या-समदा झील, देवरिया-सिंधुवा, तालबांदा-दियाबानी मंदिर पैलानी, बाराबंकी-भगहर वेटलैंड, भदोही-समधा, तालमथुरा-जोधपुर ताल, सहारनपुर-एलिफेंट रिजर्व, सिद्धार्थनगर-मझौली सागर, सीतापुर-अज्जैपुर झील, सोनभद्र-कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, अमेठी-कांदूनाला वन ब्लाक, हमीरपुर-मौदहा, बांध हाथरस-नगला शेखा वेटलैंड, बस्ती-संत रविदास वन विहार, मऊ-वन देवी मंदिर, शाहजहांपुर-नगर निगम बायोडायवर्सिटी पार्क, कासगंज-चन्दनपुर घटियारी बायोडायवर्सिटी पार्क, प्रयागराज-चांद खम्हरिया कृष्ण मृग संरक्षण क्षेत्र, बलिया-जय प्रकाश नारायण पक्षी विहार.

यह भी पढ़ें : Ramcharit Manas Controversy : पूर्व डीजीपी ने कहा स्वामी प्रसाद मौर्य ने नहीं किया मानस का अपमान, कानून का हो रहा गलत इस्तेमाल

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग फेस्ट का आयोजन किया जाएगा. जिसकी शुरुआत महोबा में बर्ड फेस्ट से की जाएगी. ऐसे ही दुधवा, कतर्निया घाट, पीलीभीत और लायन सफारी में फेस्ट का आयोजन करके देश-विदेश के पर्यटकों को उत्तर प्रदेश के इको टूरिज्म में आकर्षित किया जाएगा. वन अधिकारियों का कहना है कि 'अब अक्टूबर में मनाया जाने वाला वन्य जीव सप्ताह फेस्ट के तौर पर मनाया जाएगा. जिसके जरिए हम अलग-अलग वन क्षेत्रों में फेस्टिवल आयोजित करके वन्यजीव प्रेमियों को आमंत्रित करेंगे.'

बर्ड फेस्टिवल
बर्ड फेस्टिवल
नेचर आफ बर्ड फेस्टिवल
नेचर आफ बर्ड फेस्टिवल

महोबा बर्ड फेस्टिवल एक से तीन फरवरी तक आयोजित किया जाएगा. पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने इस बर्ड फेस्टिवल के लोगो का अनावरण किया. महोबा के वेटलैंड में इसको पहली बार आयोजित किया जा रहा है. इसके साथ ही हेरिटेज टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जाएगा. अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी ने बताया कि 'देश में वेटलैंड बढ़ते जा रहे हैं. दुनिया भर में पाई जाने वाली 10 हजार प्रजाति के पक्षियों में से 500 उत्तर प्रदेश में पाए जाते हैं. ऐसे में पक्षियों के संगठनों को बल मिलेगा. इस तरह के इवेंट केवल एक केंद्र तक सीमित नहीं रहेंगे.' उन्होंने बताया कि 'आने वाले समय में अलग-अलग वन क्षेत्रों में ऐसे ही फेस्टिवल का आयोजन करेंगे.' उन्होंने बताया कि 'आने वाले समय में हम वन्य प्राणी सप्ताह को भी इसी तरह अलग-अलग वन क्षेत्रों में आयोजित करेंगे. इको टूरिज्म को उत्तर प्रदेश में और अधिक बढ़ावा मिलेगा.'

बर्ड फेस्टिवल
बर्ड फेस्टिवल

उत्तर प्रदेश के प्रमुख वन क्षेत्र : चूका टाइगर रिजर्व (पीलीभीत), दूधवा राष्ट्रीय उद्यान (लखीमपुर), इटावा लायन सफारी, कतर्निया घाट वन क्षेत्र, दौली-चन्द्रप्रभा वन्य जीव विहार, बहराइच-चित्रकूट-रानीपुर वन्य जीव विहार, ललितपुर-महावीर स्वामी वन्य जीव विहार, आगरा-सूरसरोवर पक्षी विहार, मीरजापुर-कैमूर वन्य जीव विहार, मेरठ-हस्तिनापुर वन्य जीव विहार, बिजनौर-अमानगढ़ टाइगर रिजर्व, बलरामपुर-सोहेलवा वन्य जीव विहार, वाराणसी-कछुआ प्रजनन केन्द्र, रायबरेली-समसपुर पक्षी विहार, कन्नौज-लाख बहोसी पक्षी विहार, हरदोई-सांडी पक्षी विहार, संत कबीर नगर-बखिरा पक्षी विहार, गौतमबुद्ध नगर-ओखला पक्षी विहार, मैनपुरी-समान पक्षी विहार, गोंडा-पार्वती अरगा पक्षी विहार, महोबा-विजय सागर पक्षी विहार, एटा-पटना पक्षी विहार, प्रतापगढ़-डा. भीमराव आंबेडकर पक्षी विहार, अलीगढ़-शेखा झील, लखनऊ-लखनऊ प्राणि उद्यान, कानपुर-कानपुर प्राणि उद्यान, गोरखपुर-गोरखपुर प्राणि उद्यान, बरेली-मिनी जू इज्जत नगर. अम्बेडकरनगर-दखन झील, आजमगढ़-बढेला ताल, औरैया-खानपुर वन ब्लाक, कानपुर देहात-मगही झील, कौशाम्बी-अलवारा वेटलैंड, जौनपुर-शाहगंज वेटलैंड (घूमर ताल), फतेहपुर-अखनई झील, फर्रूखाबाद-कुठिला झील, अयोध्या-समदा झील, देवरिया-सिंधुवा, तालबांदा-दियाबानी मंदिर पैलानी, बाराबंकी-भगहर वेटलैंड, भदोही-समधा, तालमथुरा-जोधपुर ताल, सहारनपुर-एलिफेंट रिजर्व, सिद्धार्थनगर-मझौली सागर, सीतापुर-अज्जैपुर झील, सोनभद्र-कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, अमेठी-कांदूनाला वन ब्लाक, हमीरपुर-मौदहा, बांध हाथरस-नगला शेखा वेटलैंड, बस्ती-संत रविदास वन विहार, मऊ-वन देवी मंदिर, शाहजहांपुर-नगर निगम बायोडायवर्सिटी पार्क, कासगंज-चन्दनपुर घटियारी बायोडायवर्सिटी पार्क, प्रयागराज-चांद खम्हरिया कृष्ण मृग संरक्षण क्षेत्र, बलिया-जय प्रकाश नारायण पक्षी विहार.

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