लखनऊ : शहर की अंधेरी गलियां रोशन होंगी. खाली पड़े खम्भों पर एलईडी लाइटें लगायी जाएंगी. पार्षदों की मांग पर हर वार्ड में 50-50 स्ट्रीट लाइटें लगेंगी. इसके अलावा पार्षद कोटे से 1.25 करोड़, महापौर निधि से 30 करोड़ तथा नगर आयुक्त की निधि से 25 करोड़ रुपये किए जाने का फैसला सोमवार को महापौर सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय कार्यकारिणी ने लिया. 31 जुलाई तक हाउस टैक्स में मिलने वाली 10 प्रतिशत छूट अब 31 अगस्त तक मिल सकेगी. वरिष्ठ पार्षद गिरीश गुप्ता को कार्यकारिणी का उपाध्यक्ष चुना गया. इस अवसर पर मेयर सहित अन्य पार्षद व अधिकारियों ने उन्हें बधाई देते हुए शुभकामनाएं दीं.
पार्षदों ने वार्ड विकास प्राथमिकता निधि (पार्षद कोटा) को फिर से बहाल करा लिया है. चुनाव से पहले प्रशासक काल में बजट पास किया गया, जिसमें पार्षद कोटे को आधा कर दिया गया था. सोमवार को कार्यकारिणी की बैठक में पार्षदों ने एकमत से पार्षद कोटा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा. इस पर निर्णय लिया गया कि 110 वार्ड में पार्षद अपने वार्ड में विकास कार्य के लिए बिना जीएसटी 1.25 करोड़ रुपये खर्च कर सकेंगे. अभी तक इसमें जीएसटी भी शामिल थी. अब 18 प्रतिशत जीएसटी अलग से शामिल किया गया है. इसके अलावा महापौर निधि को 17 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 30 करोड़ कर दिया गया है और नगर आयुक्त निधि को 25 करोड़ रुपये किए जाने का निर्णय लिया गया है. कार्यकारिणी में प्रत्येक वार्ड के लिए 50-50 लाख रुपये की पहली किस्त जारी भी कर दी गई है, इसमें से सड़क मरम्मत पर 10 लाख, पार्क, स्ट्रीट लाइट व स्कूल मरम्मत के लिए 5-5 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे.
हटाए गए तीन हजार सफाई कर्मी वापस होंगे : कार्यकारिणी में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए महापौर सुषमा खर्कवाल व अपर नगर आयुक्त अवनींद्र सिंह ने बताया कि 'शहर की सफाई व्यवस्था को और बेहतर किया जाएगा. इसके लिए पूर्व में कार्यदायी संस्था से हटाये गये 25 प्रतिशत सफाई श्रमिकों को बहाल करने का निर्णय लिया गया है. इससे जिन वार्डों में सफाई व्यवस्था चरमरा गई थी, वहां के हालात में सुधार होगा, हालांकि तैनाती से पहले वार्डवार सफाई श्रमिकों की संख्या का आकलन किया जाएगा. इसके बाद जरूरत के हिसाब से इनकी तैनाती होगी. इस मुद्दे पर नगर निगम कार्यकारिणी में काफी समय तक विचार विमर्श किया. लगभग सभी पार्षद सफाई कर्मी रखे जाने के पक्ष में थे, लेकिन अधिकारियों की ओर से नगर निगम के आर्थिक हालत को देखते हुए स्वीकृति नहीं दी जा रही थी. अंत में महापौर ने प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी. बता दें कि पूर्व नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने तीन हजार से अधिक कार्यदायी संस्था से काम करने वाले सफाई श्रमिकों को हटा दिया था. बताया गया था इनके नाम पर सिर्फ मानदेय निकल रहा है, इनकी तैनाती वास्तव में कहीं नहीं है. अब इनकी पुन: बहाली से नगर निगम पर करोड़ों का खर्च बढे़गा. इसके साथ यह निर्णय भी लिया गया कि वार्डों में मृतक व सेवानिवृत्त सफाई कर्मचारी के स्थान पर दो माह में व्यवस्था की जाए. वार्डों में तैनात सफाई कर्मचारियों का स्थानांतरण पार्षद की संस्तुति के बिना न किया जाए. सफाई कर्मचारियों को सात तारीख तक वेतन का भुगतान किया जाएगा.'
खत्म होगा करार, दी जाएगी नोटिस : शहर में एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने के साथ ही मेंटीनेंस की जिम्मेदारी ईईएसएल को दी गई थी. इसके लिए शासनादेश के आधार पर करार हुआ है. इस व्यवस्था पर नगर निगम कंपनी पर करीब तीन करोड़ रुपये खर्च कर रहा है, इसके बाद भी बड़ी संख्या में लाइटें खराब हैं. नगर निगम कार्यकारिणी में पार्षदों ने इस मुद्दे को उठाया. इस पर यह निर्णय लिया गया कि ईईएसएल से अनुबंध को समाप्त किया जाएगा. संस्था को नोटिस दी जाएगी. नगर निगम खुद मेंटीनेंस कराएगा, पिछले एक साल से शहर में स्ट्रीट लाइट नहीं लग पा रही थीं.
हवाई उड़ान व यात्रियों से कर वसूलने का प्रस्ताव पास : नगर निगम ने अपनी आय बढ़ाने के लिए हैलीपैडों, हवाई अड्डों व पट्टियों पर प्रति व्यक्ति 100 रुपये तथा चार्टर्ड विमान, हेलीकाप्टर इत्यादि के प्रति उड़ान पर तीन हजार रुपये की दर से कर वसूलने के प्रस्ताव को पास कर दिया है. अपर नगर आयुक्त ने बताया कि 'पूर्व में पास किये गए इस प्रस्ताव की पैरवी करने का निर्णय लिया गया है. बता दें कि जून 2018 में भी इस प्रस्ताव को पास किया गया था, इसके बाद इसे शासन को भेजा गया था, लेकिन पैरवी न किए जाने से इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका. अब नगर निगम सदन से मुहर लगने के बाद उसे शासन को भेजा जाएगा. पैरवी करते हुए राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार व नागरिक उड्डयन मंत्रालय से पास कराया जाएगा. उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 172 (ग) के तहत यह कर वसूलने का प्रस्ताव पास किया गया है. अब नगर निगम फिर से इस प्रस्ताव को कार्यकारिणी समिति की बैठक में लाकर उसे मंजूरी देगा और फिर शहर में मनमाने ढंग से संचालित हो रहे टेंपो और आटो को लेकर भी कार्यकारिणी में प्रस्ताव लाया जा रहा है.
आटो, रिक्शा स्टैंड का निर्णय कमेटी करेगी : अपर नगर आयुक्त ने बताया कि 'शहर में 72 स्थलों पर टेंपों, टैक्सी व आटो, रिक्शा के संचालन की अनुमति पर फैसला नहीं हो सका. डीएम की अध्यक्षता में टेंपो और आटो रिक्शा संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में हुई बैठक के बिंदुओं पर चर्चा हुई. इसमें शहरी क्षेत्र में 45 जगहों पर ठहराव स्थलों पर मोर्चा पदाधिकारियों की तरफ से संचालन और 27 पिक एंड डंप स्थलों के अनुमोदन दिए जाने का प्रस्ताव कार्यकारिणी समिति के समक्ष लाया गया. निर्णय लिया गया कि इसके लिए कमेटी निर्णय करेगी. महापौर की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में दो भाजपा व एक सपा के पार्षद, परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस, नगर निगम व संयुक्त मोर्चा से एक-एक सदस्य नामित किया गया है.'
ईकोग्रीन का अनुबंध निरस्त होगा! : अपर नगर आयुक्त ने बताया कि 'कूड़ा प्रबंधन का काम देख रही मेसर्स ईको ग्रीन से अनुबंध खत्म करने और बाद में व्यवस्थाओं को देखने का प्रस्ताव लाया गया. इस पर महापौर व नगर आयुक्त को अधिकृत कर दिया गया है, हालांकि कूड़ा प्रबंधन को लेकर कार्यकारिणी समिति और सदन में ईको ग्रीन से अनुबंध खत्म करने पर पहले भी फैसला हो चुका है, कमिश्नर भी शासन को पत्र लिख चुकी हैं, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हो सकी.'
इंसीनरेटर में कुत्तों का अंतिम संस्कार : अपर नगर आयुक्त ने बताया कि 'खतरनाक हो गए आवारा कुत्तों को पकड़ने की चर्चा भी कार्यकारिणी समिति के समक्ष हुई. शहर में लगातार कुत्तों के काटे जाने की घटनाएं हो रही हैं. शासन से जारी एसओपी के अनुसार, एबीसी सेंटर में डॉग केयर सेंटर बनेंगे. ऐसे हमलावर कुत्तों को चिह्नित कर यहां रखा जाएगा. दरअसल, आवारा कुत्तों को पकड़कर फिर से उसी जगह पर छोड़ दिए जाने से लोग परेशान हो रहे हैं. इसके अलावा यह निर्णय लिया गया कि कुत्तों के अंतिम संस्कार के लिए इंसीनरेटर लगेगा. शिवरी प्लांट में इसे लगाने में करीब 4 करोड़ रुपये खर्च होंगे. 15वें वित्त के मद से यह खर्च होगा. मृत पशुओं को तीन घंटे में उठान कर निस्तारण कराना होगा. इसके लिए जोनवार 4-4 गाड़ियां दी जाएंगी.'
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इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी : अपर नगर आयुक्त ने बताया कि '10 लाख से होने वाले कार्यों का मैनुअल टेंडर और 10 लाख से ऊपर के काम का ई-टेंडर किया जाएगा. हर वार्ड को कूड़ा उठान के लिए 12-12 रिक्शा ट्राली दी जाएंगी. रोड कटिंग के बाद मरम्मत का काम उसी वार्ड में होगा, जिस वार्ड के लिए मरम्मत का बजट मिला है. कूड़ा उठाने के लिए हर वार्ड को एक छोटी गाड़ी उपलब्ध करायी जाएगी. पार्षद अपनी निधि से यह गाड़ी खरीद सकेंगे.'
आर्थिक सहायता के लिए बनेगा महापौर फंड : सफाई कर्मियों की असमय मृत्यु होने पर परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए महापौर फंड बनेगा. इसमें अधिकारी, कर्मचारी व पार्षद सहयोग करेंगे. महापौर ने बताया कि 'हाल ही में एक महिला कर्मी की दुर्घटना के बाद मौत हो गई. उसके परिजनों को सहायता उपलब्ध कराई गई. भविष्य में इस तरह की समस्या आने पर फंड से राशि उपलब्ध हो सकेगी.'
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