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विधानसभा चुनाव में किसान आंदोलन का नहीं पड़े असर, भाजपा ने इसके लिए कसी कमर

किसान आंदोलन (Farmers Protest) का असर आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) पर नहीं पड़े, इसके लिए भाजपा (Bharatiya Janata Party) ने कोशिश शुरू कर दी है. सरकार किसानों को बताएगी कि केंद्र और राज्य सरकार ने उनकी भलाई के लिए क्या-क्या कदम उठाये हैं.

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Published : Aug 5, 2021, 3:58 PM IST

Updated : Aug 5, 2021, 7:19 PM IST

किसान आंदोलन
किसान आंदोलन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) कुछ ही महीने बाद होने वाले हैं. इधर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) भी लगातार जारी है. ऐसे में योगी सरकार (Yogi Government) इस प्रयास में है कि किसान आंदोलन का असर विधानसभा चुनाव पर कम से कम पड़े. योगी सरकार किसान आंदोलन के असर को फीका करने की कोशिश में जुट गयी है. रणनीति के तहत सरकार किसान संगठनों के साथ मिलकर किसानों के बीच पहुंचेगी. किसानों को यह समझाने का प्रयास किया जाएगा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने उनकी भलाई के लिए क्या-क्या महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. जब विपक्षी दल सत्ता में थे तब उनकी सरकारों के दौरान किसान किस तरह से ठगे गए, कैसे उनकी सरकारों के दौरान सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच सका, यह सब बातें किसानों को बतायी जाएंगी. हालांकि आधिकारिक तौर पर भाजपा ने यह कभी स्वीकार नहीं किया है कि किसान पार्टी से नाराज हैं.

तैयार हो रही चुनावी रणनीति

भारतीय जनता पार्टी ने सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए सरकार के मंत्री से लेकर जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को लगा दिया है. भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, राधामोहन सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल के बाद पीएम मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह ने योगी सरकार के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों से बात की है. सभी को विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयारी करने के लिए कहा गया है. भाजपा के एक सांसद ने बताया कि उन्हें किसानों और आम जनता के बीच जाने के लिए कहा गया है. वह कहते हैं कि प्रदेश के हर हिस्से में किसानों की नाराजगी नहीं है. पश्चिमी क्षेत्र में आंदोलन का हल्ला है. जमीन पर भाजपा के विरोध में किसान नहीं हैं. फिर भी भाजपा के खिलाफ जो हल्ला है, उसे समाप्त करने के लिए किसानों के बीच जाएंगे. हम आम जनता के बीच भी जा रहे हैं. अन्न वितरण केंद्रों पर भाजपा कार्यकर्ता, नेता, विधायक, सांसद, मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंचे हैं.



भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कि यूपी में किसान खुशहाल हैं. एमएसपी पर धान, गेहूं खरीद से लेकर गन्ना मूल्य भुगतान से किसानों का भला हुआ है. पीएम किसान सम्मान निधि से यूपी के करीब ढाई करोड़ किसानों को तिमाही दो हजार रुपये दिये जा रहे हैं. वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशु अवस्थी सीधे भाजपा सरकार पर हमलावर दिखाई देते हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की जितनी उपेक्षा भाजपा की योगी सरकार में हुई है, उतनी आजादी से लेकर अब तक कभी नहीं हुई. राहुल गांधी लगातार किसानों की समस्याओं को उठाते रहे हैं. एमएसपी पर धान खरीदी की बात हो तो उत्तर प्रदेश में सारी व्यवस्था चौपट रही है. राज्य के प्रत्येक जिले में धान खरीद नहीं होने से किसानों ने नाराजगी व्यक्त की है. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए आंदोलन करना पड़ा. कई जिलों में भाजपा के नेता-कार्यकर्ता भी धरना दिये तब कुछ चिन्हित किसानों का धान खरीदा गया. अब भाजपा और योगी सरकार कुछ भी कर ले लेकिन किसान हकीकत समझ चुके हैं.


राजनीतिक विश्लेषक राकेश पांडेय इस मामले में कहते हैं कि नाराजगी का ठीक से आंकलन चुनाव में ही देखने को मिलेगा. भाजपा इस बात को समझ रही है. लिहाजा भाजपा तमाम कारणों से जनता के बीच बनी है. भाजपा और आरएसएस का हमेशा से यह मानना रहा है कि राजनीति के क्षेत्र में नाराजगी किसी भी हद तक क्यों न हो, मिलने और अपनी बात रखने से कम हो जाती है. भाजपा के खिलाफ किसानों में नाराजगी हो या नहीं हो, दोनों ही स्थितियों में सम्पर्क कार्यक्रम पार्टी के लिये लाभकारी होगा.

इसे भी पढ़ें - अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा पर बीजेपी ने साधा निशाना, कहा- 'बड़ी देर कर दी हुजूर आते-आते'

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) कुछ ही महीने बाद होने वाले हैं. इधर किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) भी लगातार जारी है. ऐसे में योगी सरकार (Yogi Government) इस प्रयास में है कि किसान आंदोलन का असर विधानसभा चुनाव पर कम से कम पड़े. योगी सरकार किसान आंदोलन के असर को फीका करने की कोशिश में जुट गयी है. रणनीति के तहत सरकार किसान संगठनों के साथ मिलकर किसानों के बीच पहुंचेगी. किसानों को यह समझाने का प्रयास किया जाएगा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने उनकी भलाई के लिए क्या-क्या महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. जब विपक्षी दल सत्ता में थे तब उनकी सरकारों के दौरान किसान किस तरह से ठगे गए, कैसे उनकी सरकारों के दौरान सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच सका, यह सब बातें किसानों को बतायी जाएंगी. हालांकि आधिकारिक तौर पर भाजपा ने यह कभी स्वीकार नहीं किया है कि किसान पार्टी से नाराज हैं.

तैयार हो रही चुनावी रणनीति

भारतीय जनता पार्टी ने सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए सरकार के मंत्री से लेकर जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को लगा दिया है. भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, राधामोहन सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल के बाद पीएम मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह ने योगी सरकार के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों से बात की है. सभी को विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयारी करने के लिए कहा गया है. भाजपा के एक सांसद ने बताया कि उन्हें किसानों और आम जनता के बीच जाने के लिए कहा गया है. वह कहते हैं कि प्रदेश के हर हिस्से में किसानों की नाराजगी नहीं है. पश्चिमी क्षेत्र में आंदोलन का हल्ला है. जमीन पर भाजपा के विरोध में किसान नहीं हैं. फिर भी भाजपा के खिलाफ जो हल्ला है, उसे समाप्त करने के लिए किसानों के बीच जाएंगे. हम आम जनता के बीच भी जा रहे हैं. अन्न वितरण केंद्रों पर भाजपा कार्यकर्ता, नेता, विधायक, सांसद, मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंचे हैं.



भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कि यूपी में किसान खुशहाल हैं. एमएसपी पर धान, गेहूं खरीद से लेकर गन्ना मूल्य भुगतान से किसानों का भला हुआ है. पीएम किसान सम्मान निधि से यूपी के करीब ढाई करोड़ किसानों को तिमाही दो हजार रुपये दिये जा रहे हैं. वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशु अवस्थी सीधे भाजपा सरकार पर हमलावर दिखाई देते हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की जितनी उपेक्षा भाजपा की योगी सरकार में हुई है, उतनी आजादी से लेकर अब तक कभी नहीं हुई. राहुल गांधी लगातार किसानों की समस्याओं को उठाते रहे हैं. एमएसपी पर धान खरीदी की बात हो तो उत्तर प्रदेश में सारी व्यवस्था चौपट रही है. राज्य के प्रत्येक जिले में धान खरीद नहीं होने से किसानों ने नाराजगी व्यक्त की है. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए आंदोलन करना पड़ा. कई जिलों में भाजपा के नेता-कार्यकर्ता भी धरना दिये तब कुछ चिन्हित किसानों का धान खरीदा गया. अब भाजपा और योगी सरकार कुछ भी कर ले लेकिन किसान हकीकत समझ चुके हैं.


राजनीतिक विश्लेषक राकेश पांडेय इस मामले में कहते हैं कि नाराजगी का ठीक से आंकलन चुनाव में ही देखने को मिलेगा. भाजपा इस बात को समझ रही है. लिहाजा भाजपा तमाम कारणों से जनता के बीच बनी है. भाजपा और आरएसएस का हमेशा से यह मानना रहा है कि राजनीति के क्षेत्र में नाराजगी किसी भी हद तक क्यों न हो, मिलने और अपनी बात रखने से कम हो जाती है. भाजपा के खिलाफ किसानों में नाराजगी हो या नहीं हो, दोनों ही स्थितियों में सम्पर्क कार्यक्रम पार्टी के लिये लाभकारी होगा.

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Last Updated : Aug 5, 2021, 7:19 PM IST
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