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भाई दूज कल, सिर्फ 2 घंटे का शुभ मुहूर्त, जानें पूजा विधि

मान्यता है कि जो भाई इस दिन बहन के घर जाकर भोजन ग्रहण करता है और तिलक करवाता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है. जानिए इस बार भाई दूज का शुभ मुहूर्त (Bhai dooj shubh muhurat) और भाई को तिलक करने का सही समय.

भाई दूज 2021
भाई दूज 2021
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Published : Nov 5, 2021, 12:14 PM IST

लखनऊ : Bhai dooj 2021 दिवाली के बाद कार्तिक शुक्ल द्वितिया को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस बार यह पर्व 6 नवंबर 2021 (शनिवार) को मनाया जाएगा.

शुभ मुहूर्त 2 घंटा 11 मिनट तक रहेगा.

भाई दूज का त्योहार शुभ मुहूर्त में मनाने से लाभ होता, जबकि राहु काल में भाई को तिलक करने से बचना चाहिए. भाई दूज की द्वितिया तिथि 5 नवंबर को रात 11 बजकर 14 मिनट से लगेगी, जो 6 नवंबर को शाम 7 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. इस दिन भाईयों को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 बजे से लेकर 3 बजकर 21 बजे तक रहेगा. यानि तिलक करने का शुभ मुहूर्त 2 घंटा 11 मिनट तक रहेगा.

भाई दूज पर भाई की आरती उतारते वक्त बहन की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला जरूर होना चाहिए.

बहनें सुबह स्नान करने के बाद अपने ईष्ट देव, भगवान विष्णु या गणेश की पूजा करें. इस दिन भाई के हाथों में सिंदूर और चावल का लेप लगाने के बाद उस पर पान के पांच पत्ते, सुपारी और चांदी का सिक्का रखती हैं. फिर उसके हाथ पर कलावा बांधकर जल उडेलते हुए भाई की दीर्घायु के लिए मंत्र पढ़ती हैं.

कहीं-कहीं बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं और फिर कलाई पर कलावा बांधती हैं. फिर वह भाई का माखन-मिश्री या मिठाई से मुंह मीठा करवाती हैं और अंत में उसकी आरती उतारती हैं. इस दिन बहुत से भाई अपनी बहनों के घर जाकर भोजन भी करते हैं और उन्हें कुछ उपहार भी देते हैं.

लखनऊ : Bhai dooj 2021 दिवाली के बाद कार्तिक शुक्ल द्वितिया को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस बार यह पर्व 6 नवंबर 2021 (शनिवार) को मनाया जाएगा.

शुभ मुहूर्त 2 घंटा 11 मिनट तक रहेगा.

भाई दूज का त्योहार शुभ मुहूर्त में मनाने से लाभ होता, जबकि राहु काल में भाई को तिलक करने से बचना चाहिए. भाई दूज की द्वितिया तिथि 5 नवंबर को रात 11 बजकर 14 मिनट से लगेगी, जो 6 नवंबर को शाम 7 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. इस दिन भाईयों को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 बजे से लेकर 3 बजकर 21 बजे तक रहेगा. यानि तिलक करने का शुभ मुहूर्त 2 घंटा 11 मिनट तक रहेगा.

भाई दूज पर भाई की आरती उतारते वक्त बहन की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला जरूर होना चाहिए.

बहनें सुबह स्नान करने के बाद अपने ईष्ट देव, भगवान विष्णु या गणेश की पूजा करें. इस दिन भाई के हाथों में सिंदूर और चावल का लेप लगाने के बाद उस पर पान के पांच पत्ते, सुपारी और चांदी का सिक्का रखती हैं. फिर उसके हाथ पर कलावा बांधकर जल उडेलते हुए भाई की दीर्घायु के लिए मंत्र पढ़ती हैं.

कहीं-कहीं बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं और फिर कलाई पर कलावा बांधती हैं. फिर वह भाई का माखन-मिश्री या मिठाई से मुंह मीठा करवाती हैं और अंत में उसकी आरती उतारती हैं. इस दिन बहुत से भाई अपनी बहनों के घर जाकर भोजन भी करते हैं और उन्हें कुछ उपहार भी देते हैं.

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