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Cyber Fraud : ITR रिफंड के चक्कर में खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट, साइबर एक्सपर्ट ने दी चेतावनी

साइबर ठग लोगों को ऑनलाइन ठगने (Cyber Fraud) के लगातार नए-नए तरीके अपना रहे हैं. साइबर ठग लोगों को जल्द से जल्द रिफंड दिलाने के दावे करते हुए मैसेज भेज रहे हैं. जिसके बाद लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं.

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Published : Jan 28, 2023, 7:39 PM IST

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लखनऊ : अगर आप आयकरदाता हैं तो जाहिर है कि आपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया होगा या करने वाले होंगे. ऐसे में साफ है कि अगर आपका कोई रिफंड बनता है तो आपको यह आयकर विभाग की तरफ से दिया जाता है, लेकिन इन दिनों रिफंड के नाम पर ठगी हो रही है. बीते दिनों राजधानी में कई लोगों के साथ रिफंड के नाम पर ठगी हो गई. ऐसे में साइबर एक्सपर्ट ने लोगों को चेताया है कि बिना जांचें परखे ऐसे मेल और मैसेज के झांसे में न आएं.

राजधानी के रहने वाले रोहित बाजपेई के मेल में एडमिन के नाम से एक मेल पड़ा हुआ था. उन्होंने उसे खोल कर देखा तो उसमें उनका 41,563 रुपए इनकम टैक्स रिफंड मिलने की जानकारी थी. उनसे उसी मेल में दिए गए एक लिंक पर क्लिक कर रिफंड क्लेम करने के लिए कहा गया था. रोहित को मिले मेल में जानकारी इस तरह दी गई थी जो बिलकुल एक सरकारी मेल की भाषा थी ऐसे में रोहित को यह भरोसा हो गया कि ये रिफंड इनकम टैक्स की ओर से ही भेजा गया है. उन्होंने लिंक ओपन किया और उसमें मांगी गई व्यक्तिगत और अकाउंट डिटेल भर दी. रोहित को एक ओटीपी मिला, जो उन्होंने शेयर कर दिया. रोहित अपना क्लेम का पैसा खाते में आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन थोड़ी देर बाद उनके खाते से 45 हजार रुपए कटने का मैसेज आया.

रोजाना हो रही है ठगी की कोशिश : लखनऊ के साइबर सेल प्रभारी रंजित राय ने बताया कि 'मौजूदा समय ऐसे कई शिकायतकर्ता रोजाना आ रहे हैं, जिन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से रिफंड क्लेम करने के नाम पर ठगी हो रही है, हालांकि कई ऐसे भी हैं जिन्हें ठगने को कोशिश की गई, लेकिन उनकी जागरूकता के चलते उनके पैसे बच गए. उन्होंने बताया कि 'न सिर्फ साइबर पुलिस बल्कि इनकम टैक्स की ओर से समय-समय पर लोगों को फेक मैसेज को लेकर जागरूक होने की बात कही जा रही है.'

जालसाज क्या-क्या मांगते हैं डिटेल : साइबर सेल प्रभारी ने बताया कि 'ठग लोगों को जो मेल भेज रहे हैं उसमें कई तरह की जानकारी मांगी जाती है. जैसे पैन नंबर, पूरा नाम, पत्राचार पता, पिनकोड, मोबाइल नंबर, लिंग, डेट ऑफ बर्थ, ईमेल एड्रेस, बैंक खाता नंबर, आधार नंबर व बैंक का नाम. इन डिटेल को भरने के बाद जब आगे बढ़ा जाता है तो आपके एक नंबर पर ओटीपी आता है, उसे उसमें भरने के लिए कहा जाता है और जैसे ही यूजर ऐसा करता है उसके अकाउंट से पैसा निकल जाता है.'

इनकम टैक्स विभाग भी चेता रहा : इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स को सावधान करते हुए कहा है कि 'कृपया ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें, जो रिफंड देने का वादा करता हो. ये फर्जी मैसेज हैं और सीबीआईसी या एटइंफोसिस अंडरस्कोर जीएसटीएन से नहीं भेजे गए हैं. जीएसटी से जुड़ी ऑनलाइन फाइलिंग के लिए gst.gov.in पर जाएं.' डिपार्टमेंट ने कहा है कि 'वे टैक्स रिफंड के लिए और करदाताओं के केवाईसी डिटेल सहित उनकी निजी जानकारी के लिए कोई मेल नहीं भेज रहे हैं.'

क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट : साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा के मुताबिक, 'साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए फिशिंग वेबसाइट को सहारा बनाते हैं. ये हु ब हू असली वेबसाइट जैसी ही दिखती है. ठग एक पेज तैयार करते हैं और उसे लोगों को भेज देते हैं. जैसे ही कोई व्यक्ति इसमें अपनी डिटेल भरता है वो ठगों तक पहुंच जाती है.' राहुल कहते हैं कि 'जालसाज सोशल मीडिया में पीड़ितों को ढूंढते हैं, उनका रिसर्च करते हैं और फिर उनके मेल आईडी निकाल कर उन्हें मेल किया जाता है.' राहुल कहते हैं कि 'यूसर्स को समझना होगा कि वो उन्हीं वेबसाइट में अपनी डिटेल शेयर करें जो वेरिफाइड हो, वेब युआरएल में https या http लिखा हो तो ही वेबसाइट पर आगे की प्रक्रिया करें.'



कैसे होती है ठगी : साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे कहते हैं कि 'साइबर अपराधी आपके पास कोई ईमेल भेजते हैं. ईमेल ऐसा लगता है कि आपको किसी ट्रस्टेड कंपनी जैसे गूगल, फेसबुक, ट्विटर, सरकारी विभाग या आपके बैंक ने भेजा है. इस ईमेल का डिजाइन आपको आकर्षित करने वाला होता है. इस ईमेल को देखकर आपको ऐसा लगता है कि ये आपके काम का ईमेल है और मजबूरन उस ईमेल पर एक्शन लेने लग जाते हैं. इनमें कुछ ऐसा लिखा होता है जो आपको आकर्षित कर लेता है. जैसे ईमेल पर लिखा है कि आपको कोई नया ऑफर मिला है, सरकारी योजना का लाभ मिला है या फिर कंपनी ने आपके अकाउंट पर कोई अनैतिक एक्टिविटी नोटिस की है या फिर ये भी लिखा हो सकता है कि आप इस लिंक पर क्लिक करके लॉग इन करिए आपको फिर से वेरीफाई किया जा रहा है. ऐसे में नार्मल यूजर इन ईमेल को गंभीरता से लेता है और ईमेल पर दिए लिंक पर क्लिक करने के बाद वह फेंक या नकली वेबसाइट पर पहुंच जाता है. इस तरह कोई भी यूजर फिशिंग ठगी का शिकार हो जाता है.'


यह भी पढ़ें : VIRAL VIDEO : सरेराह महिला ने रिक्शा चालक की चप्पल से की पिटाई, जानिए क्यों?

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लखनऊ : अगर आप आयकरदाता हैं तो जाहिर है कि आपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया होगा या करने वाले होंगे. ऐसे में साफ है कि अगर आपका कोई रिफंड बनता है तो आपको यह आयकर विभाग की तरफ से दिया जाता है, लेकिन इन दिनों रिफंड के नाम पर ठगी हो रही है. बीते दिनों राजधानी में कई लोगों के साथ रिफंड के नाम पर ठगी हो गई. ऐसे में साइबर एक्सपर्ट ने लोगों को चेताया है कि बिना जांचें परखे ऐसे मेल और मैसेज के झांसे में न आएं.

राजधानी के रहने वाले रोहित बाजपेई के मेल में एडमिन के नाम से एक मेल पड़ा हुआ था. उन्होंने उसे खोल कर देखा तो उसमें उनका 41,563 रुपए इनकम टैक्स रिफंड मिलने की जानकारी थी. उनसे उसी मेल में दिए गए एक लिंक पर क्लिक कर रिफंड क्लेम करने के लिए कहा गया था. रोहित को मिले मेल में जानकारी इस तरह दी गई थी जो बिलकुल एक सरकारी मेल की भाषा थी ऐसे में रोहित को यह भरोसा हो गया कि ये रिफंड इनकम टैक्स की ओर से ही भेजा गया है. उन्होंने लिंक ओपन किया और उसमें मांगी गई व्यक्तिगत और अकाउंट डिटेल भर दी. रोहित को एक ओटीपी मिला, जो उन्होंने शेयर कर दिया. रोहित अपना क्लेम का पैसा खाते में आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन थोड़ी देर बाद उनके खाते से 45 हजार रुपए कटने का मैसेज आया.

रोजाना हो रही है ठगी की कोशिश : लखनऊ के साइबर सेल प्रभारी रंजित राय ने बताया कि 'मौजूदा समय ऐसे कई शिकायतकर्ता रोजाना आ रहे हैं, जिन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से रिफंड क्लेम करने के नाम पर ठगी हो रही है, हालांकि कई ऐसे भी हैं जिन्हें ठगने को कोशिश की गई, लेकिन उनकी जागरूकता के चलते उनके पैसे बच गए. उन्होंने बताया कि 'न सिर्फ साइबर पुलिस बल्कि इनकम टैक्स की ओर से समय-समय पर लोगों को फेक मैसेज को लेकर जागरूक होने की बात कही जा रही है.'

जालसाज क्या-क्या मांगते हैं डिटेल : साइबर सेल प्रभारी ने बताया कि 'ठग लोगों को जो मेल भेज रहे हैं उसमें कई तरह की जानकारी मांगी जाती है. जैसे पैन नंबर, पूरा नाम, पत्राचार पता, पिनकोड, मोबाइल नंबर, लिंग, डेट ऑफ बर्थ, ईमेल एड्रेस, बैंक खाता नंबर, आधार नंबर व बैंक का नाम. इन डिटेल को भरने के बाद जब आगे बढ़ा जाता है तो आपके एक नंबर पर ओटीपी आता है, उसे उसमें भरने के लिए कहा जाता है और जैसे ही यूजर ऐसा करता है उसके अकाउंट से पैसा निकल जाता है.'

इनकम टैक्स विभाग भी चेता रहा : इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स को सावधान करते हुए कहा है कि 'कृपया ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें, जो रिफंड देने का वादा करता हो. ये फर्जी मैसेज हैं और सीबीआईसी या एटइंफोसिस अंडरस्कोर जीएसटीएन से नहीं भेजे गए हैं. जीएसटी से जुड़ी ऑनलाइन फाइलिंग के लिए gst.gov.in पर जाएं.' डिपार्टमेंट ने कहा है कि 'वे टैक्स रिफंड के लिए और करदाताओं के केवाईसी डिटेल सहित उनकी निजी जानकारी के लिए कोई मेल नहीं भेज रहे हैं.'

क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट : साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा के मुताबिक, 'साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए फिशिंग वेबसाइट को सहारा बनाते हैं. ये हु ब हू असली वेबसाइट जैसी ही दिखती है. ठग एक पेज तैयार करते हैं और उसे लोगों को भेज देते हैं. जैसे ही कोई व्यक्ति इसमें अपनी डिटेल भरता है वो ठगों तक पहुंच जाती है.' राहुल कहते हैं कि 'जालसाज सोशल मीडिया में पीड़ितों को ढूंढते हैं, उनका रिसर्च करते हैं और फिर उनके मेल आईडी निकाल कर उन्हें मेल किया जाता है.' राहुल कहते हैं कि 'यूसर्स को समझना होगा कि वो उन्हीं वेबसाइट में अपनी डिटेल शेयर करें जो वेरिफाइड हो, वेब युआरएल में https या http लिखा हो तो ही वेबसाइट पर आगे की प्रक्रिया करें.'



कैसे होती है ठगी : साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे कहते हैं कि 'साइबर अपराधी आपके पास कोई ईमेल भेजते हैं. ईमेल ऐसा लगता है कि आपको किसी ट्रस्टेड कंपनी जैसे गूगल, फेसबुक, ट्विटर, सरकारी विभाग या आपके बैंक ने भेजा है. इस ईमेल का डिजाइन आपको आकर्षित करने वाला होता है. इस ईमेल को देखकर आपको ऐसा लगता है कि ये आपके काम का ईमेल है और मजबूरन उस ईमेल पर एक्शन लेने लग जाते हैं. इनमें कुछ ऐसा लिखा होता है जो आपको आकर्षित कर लेता है. जैसे ईमेल पर लिखा है कि आपको कोई नया ऑफर मिला है, सरकारी योजना का लाभ मिला है या फिर कंपनी ने आपके अकाउंट पर कोई अनैतिक एक्टिविटी नोटिस की है या फिर ये भी लिखा हो सकता है कि आप इस लिंक पर क्लिक करके लॉग इन करिए आपको फिर से वेरीफाई किया जा रहा है. ऐसे में नार्मल यूजर इन ईमेल को गंभीरता से लेता है और ईमेल पर दिए लिंक पर क्लिक करने के बाद वह फेंक या नकली वेबसाइट पर पहुंच जाता है. इस तरह कोई भी यूजर फिशिंग ठगी का शिकार हो जाता है.'


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