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यूपी की सड़कों पर हिचकोले खा रहे वाहन, ड्राइवर बचा रहे जान - लखनऊ की सड़कें खराब

यूपी की सत्ता में काबिज होने के बाद योगी सरकार ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का दावा किया था. इसके बाद भी यूपी के कई इलाकों में सड़कों की हालत खस्ता है. ईटीवी भारत की टीम ने प्रदेश के कई जिलों में सड़कों की स्थिति परखने के लिए रियलिटी टेस्ट किया. देखिए इस रिपोर्ट में क्या सच सामने आया...

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टूटी सड़कें दे रहीं दुर्घटनाओं को दावत
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Published : Dec 27, 2020, 10:44 PM IST

लखनऊः प्रदेश के कई इलाकों में सड़कें खस्ताहाल हैं और गड्ढों की भरमार है. सीएम योगी ने घोषणा की थी कि उनके शपथ लेने के 6 माह में ही पूरे प्रदेश में सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया जाएगा. योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. सीएम को यूपी की सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने की घोषणा को तीन साल बीत चुके हैं. गड्ढा मुक्त सड़कों का सीएम योगी का वादा हवाई साबित हो रहा है. आज भी यूपी के कई जिलों में सड़कें बदहाल हैं.

स्पेशल रिपोर्ट

यूपी में बदहाल सड़कें होने का कारण जो भी हो, लेकिन सड़कों के गड्ढे दुर्घटनाओं को दावत देते हैं. साथ ही टूटी सड़कें सीएम के आदेश का पालन न होने की लापरवाही बयां कर रही हैं. ईटीवी भारत की टीम ने यूपी की राजधानी लखनऊ समेत बांदा, बस्ती, गोंडा, अंबेडकरनगर, जौनपुर जिलों में सड़कों की स्थिति परखने की कोशिश की. ईटीवी भारत की टीम को इस रियलिटी चेक में कई इलाकों की सड़कें खस्ताहाल मिली.

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टूटी सड़कों के बीच में भरा पानी

राजधानी की सड़कें हुईं बदहाल

राजधानी लखनऊ के लोगों को उम्मीदें थी कि बीजेपी की सरकार आते ही सड़कों और हाईवे की दुर्दशा सुधर जाएगी. सड़कों की सूरत बदलेगी क्यों नहीं, सीएम ने वादा जो किया था. दरअसल, राजधानी के कुछ इलाकों में सड़कों की स्थिति सीएम के दावों के ठीक उलट है. हकीकत यह है कि यूपी में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का सीएम का दावा कागजों पर ही सिमटकर रह गया है. जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण सड़़कों की हालत बदतर हो गई है. इसी क्रम में राजधानी में नेशनल हाईवे के पास से निकली पारा थाने को जोड़ने वाली सड़क अपनी बदहाली के आंसू बहा रही है. पारा थाने के पास से गुजरती हुई यह सड़क कई कॉलोनियों को जोड़ती है. स्थानीय लोग बताते हैं कि टूटी सड़क की शासन-प्रशासन से कई बार शिकायत की है. इसके बाद भी कई वर्षों से यह सड़क टूटी हुई है.

आए दिन होती हैं दुर्घटनाएं

स्थानीय लोगों के मुताबिक नेशनल हाईवे के पास से निकली पारा थाने को जोड़ने वाली सड़क कई वर्षों से टूटी है. सड़क के बीच में बड़े-बड़े गड्ढे हैं. सड़क के गड्ढों में बरसात का पानी भर जाता है. इसके कारण यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं.

जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला

ईटीवी भारत की टीम ने सभासद रीना रावत से टूटी सड़क के संबंध में बातचीत की तो वह कुछ भी कहने से बचती नजर आईं. सभासद रीना रावत ने बताया कि वह कई बार मेयर को इस संबंध में अवगत करा चुकी हैं. सभासद ने बताया कि मेयर ने हर बार फण्ड में पैसा न होने के कारण सड़क को दुरुस्त करने में असमर्थता जताई है.

बांदा में दुर्घटनाओं का कारण बन रहीं रहीं टूटी सड़कें

बांदा जनपद कई सड़कें खस्ताहाल हो चुकीं हैं. कुछ सड़कों की हालत जर्जर हो चुकी है. इन सड़कों को दुरुस्त करने के लिए कई वर्षों से कार्य नहीं किया गया है. सड़कों की बदहाली के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जिले की कई ऐसी सड़कों का जायजा लिया. स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत को बदहाल सड़कों से होने वाली तमाम समस्याओं को बताया. इस सबंध में जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने बदहाल सड़कों को जल्द ही दुरुस्त कराने की बात कही.

स्पेशल रिपोर्ट

जिले की कई प्रमुख सड़कें हैं जर्जर

जनपद में सड़कों के हालत जर्जर हो चुके हैं. इसी क्रम में बांदा शहर का बाई पास मार्ग जिसकी लम्बाई 5 किलोमीटर है. यह मार्ग पूरी तरह जर्जर हो चुका है, यह बाईपास मार्ग बांदा से महोबा जिले को जोड़ता है. इस मार्ग से हजारों की संख्या में रोजाना वाहन गुजरते हैं. इसके अलावा बांदा से मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले को जाने वाले सम्पर्क मार्गों में भूरागढ़ से पहरा लगभग 8 किलोमीटर और मटौंध से सरबई रोड लगभग 10 किलोमीटर भाग पूरी तरह से खराब हो चुका है. शहर की रिंग रोड, गुरेह से बिसंडा रोड, पैलानी तहसील क्षेत्र के रेहुटा से अमलोर मोड़ लगभग 4 किलोमीटर, पैलानी के कालेश्वर मन्दिर से अतरहत रोड लगभग लगभग 5 किलोमीटर, पपरेन्दा से चिल्ला लगभग 10 किलोमीटर, बांदा नवीन मंडी से कपसा जनपद हमीरपुर रोड लगभग 15 किलोमीटर तक खराब हैं.

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उखड़ी हुई सड़क पर फैली गिट्टी

कैमरे के सामने बोलने से बचते दिखे जिम्मेदार

ईटीवी भारत की टीम ने बदहाल सड़कों के बारे में PWD के अधीक्षण अभियंता से बात करने की कोशिश की. PWD के अधीक्षण अभियंता एससी जैन ने बताया कि बांदा का बाईपास रोड जो बांदा को महोबा से जोड़ता है. यह मार्ग लगभग 5 किलोमीटर खराब है. कारण यह है कि कई साल पहले जब यह बाईपास बना था, तो इसे 750 कमर्शियल व्हीकल लोड करने की क्षमता के हिसाब से इसे बनाया गया था. मौजूदा समय में इस रोड पर 5,100 कमर्शियल व्हीकल चल रहे हैं. इसके कारण यह रोड खराब हो चुका है. एससी जैन ने बताया कि वह वर्तमान में चल रहे भारी वाहनों की गणना कर रहे हैं. गणना के आधार पर इस बाईपास की सड़क को बनवाने का काम किया जाएगा.

गड्ढों और धूल से भरमार हैं बस्ती की सड़कें

एसी कमरों में बैठकर सरकार की योजनाओं को चलाने वाले अधिकारी सीएम के दावों पर पतीला लगा रहे हैं. ऐसा ही कुछ कारनामा बस्ती जिले में सामने आया है. बस्ती के जिलाधिकारी जिले की 17 सड़कों को पूरी तरह से गड्ढा मुक्त करने का प्रेस नोट जारी कर चुके हैं. इन सड़कों को नो ऑब्जेक्शन प्रमाण पत्र भी दिया जा चुका है. कागजों पर दुरुस्त इन सड़कों की सच्चाई कुछ और ही है. कागजों में दुरुस्त इन सड़कों की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने बस्ती जिले की कई सड़कों का जायजा लिया. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम को कई सड़कें खस्ताहाल मिली.

स्पेशल रिपोर्ट

इन सड़कों में जनपद की मूड़घाट-दुबौला-पचपेड़वा मार्ग, टिनिच कप्तानगंज मार्ग, संसारीपुर से पैकोलिया मार्ग की स्थिति बदहाल है. लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आर.एन यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि कुछ गलतफहमी की वजह से प्रेस नोट जारी हो गया था. अब उस गलती को सुधारा जा रहा है, जो सड़कें गड्ढे वाली थीं, उन पर काम हो रहा है. जल्द ही सारी सड़कें गड्ढा मुक्त कर ली जाएंगी.

सीएम के वादे की पोल खोल रहीं गोंडा की सड़कें

"तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है मगर यह आंकड़े झूठे हैं, और वादे किताबी हैं." मशहूर शायर अदम गोंडवी की ये चंद लाइनें सरकार के गड्ढा मुक्त अभियान को आईना दिखाने के लिए काफी हैं. यूपी के गोंडा जिले की सड़कें कुछ ऐसे ही हाल ए बयां कर रहीं हैं. जिले के कई इलाकों में सड़कें टूटी हैं. इसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं. इसी क्रम में गोंडा लखनऊ-मार्ग को बहराइच से जुड़ने वाले बाईपास मार्ग की हालत भी खस्ता है. इस सड़क से दिनभर में लगभग 500 वाहन गुजरते हैं. इसके अलावा गोंडा जिले की अन्य कई सड़कें बदहाल हैं. इनमें पुलिस लाइन मार्ग, गोण्डा कटहा घाट डेहरास मार्ग, बालपुर परसपुर मार्ग, डुमरियाडीह कहोबा संपर्क मार्ग, डुमरियाडीह से तरबगंज ब्लाक संपर्क मार्ग, बलरामपुर रोड से रेलवे कॉलोनी मार्ग शामिल है.

स्पेशल रिपोर्ट

गड्ढों में समाई अंबेडकरनगर की सड़क

प्रदेश में काबिज होने के बाद योगी सरकार ने सभी सड़कों को गड्डा मुक्त करने का दावा किया था. अंबेडकरनगर जिले में सड़कों की वास्तविक दशा जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने कुछ मुख्य सड़कों का निरीक्षण किया. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम को जिले की कई सड़कें बदहाल मिली. ईटीवी भारत ने टांडा-इल्तिफात गंज मार्ग को जोड़ने वाली सड़क का जायजा लिया. ईटीवी की टीम को इस सड़क में कई खामियां नजर आईं.

स्पेशल रिपोर्ट

टांडा-इल्तिफात गंज मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. उखड़ी हुई सड़क पर फैली गिट्टी राहगीरों के लिए मुसीबत बन गई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ माह पूर्व ही इस सड़क की मरम्मत की गई थी. सड़क निर्माण में घटिया सामिग्री उपयोग होने के कारण सड़क उखड़ गई है. जनपद का टांडा-इल्तिफात गंज मार्ग इंजीनियरिंग कॉलेज के बगल से होकर गुजरता है. इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता है. इस मार्ग से तकरीबन 30 हजार आबादी प्रभावित होती है. इस सड़क का निर्माण 4 वर्ष पहले प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत किया गया था. सड़क टूटी होने के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. ईटीवी भारत की टीम ने जब PWD के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया, तो वह कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं हुए.

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सड़कों हालत खस्ता

धूल और गड्ढों से अटी जौनपुर की सड़कें

जौनपुर जिले के शाहगंज विधानसभा क्षेत्र स्थित खेतासराय उठान मार्ग की हालत खस्ता हो चुकी है. यह सड़क योगी सरकार के कार्यकाल में मार्च 2018 में बनाई गई थी. रोड को बने हुए 3 साल भी पूरे नहीं हुए हैं. कम समय में ही सड़क की हालत जर्जर हो चुकी है. बताते चलें कि जौनपुर की यह वही सड़क है, जिसको लेकर पीएम मोदी ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान तात्कालिक सीएम अखिलेश यादव पर तंज कसा था. पीएम ने कहा था, कि "अगर इस रोड पर अखिलेश यादव अपने नए दोस्त (राहुल गांधी) के साथ साइकिल पर सवार होकर जाएंगे, तो वह कभी समाजवादी पार्टी को वोट देने का काम नहीं करेंगे."

स्पेशल रिपोर्ट

कब हुआ था सड़क का निर्माण

जिले के खेतासराय-खुटहन मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण रोजगार योजना के तहत मार्च 2018 में किया गया था. सड़क का निर्माण मेंबर्स दिव्या कंस्ट्रक्शन ने किया था. सड़क की लम्बाई लगभग 9.7 किलोमीटर है. इसे बनाने में 407.97 लाख रुपये की लागत आई थी. सड़क का निर्माण कराने वाली कंपनी पर 5 साल तक सड़क की मरम्मत कराने का प्रावधान था.

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दुर्घटनाओं को दावत दे रही टूटी सड़क

" यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम ग्रामीण योजना के तहत बनी है, जिसे मेंबर्स दिव्या कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा बनाया गया है. इसका निर्माण मार्च 2018 में किया गया था. प्रधानमंत्री ग्राम विकास योजना के तहत बनाई गई सड़कों में 5 साल मरम्मत का प्रधान है. जो भी कंस्ट्रक्शन कंपनी सड़क का निर्माण करती है, उसे 5 साल तक उस सड़क की मरम्मत कराना होता है. जिस कंपनी ने इसे बनाया है, उसके यहां कोरोना वायरस का संक्रमण होने कारण मरम्मत का कार्य में देरी हुई है. कल से इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा."

-प्रमोद यादव, सहायक अभियंता

लखनऊः प्रदेश के कई इलाकों में सड़कें खस्ताहाल हैं और गड्ढों की भरमार है. सीएम योगी ने घोषणा की थी कि उनके शपथ लेने के 6 माह में ही पूरे प्रदेश में सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया जाएगा. योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. सीएम को यूपी की सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने की घोषणा को तीन साल बीत चुके हैं. गड्ढा मुक्त सड़कों का सीएम योगी का वादा हवाई साबित हो रहा है. आज भी यूपी के कई जिलों में सड़कें बदहाल हैं.

स्पेशल रिपोर्ट

यूपी में बदहाल सड़कें होने का कारण जो भी हो, लेकिन सड़कों के गड्ढे दुर्घटनाओं को दावत देते हैं. साथ ही टूटी सड़कें सीएम के आदेश का पालन न होने की लापरवाही बयां कर रही हैं. ईटीवी भारत की टीम ने यूपी की राजधानी लखनऊ समेत बांदा, बस्ती, गोंडा, अंबेडकरनगर, जौनपुर जिलों में सड़कों की स्थिति परखने की कोशिश की. ईटीवी भारत की टीम को इस रियलिटी चेक में कई इलाकों की सड़कें खस्ताहाल मिली.

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टूटी सड़कों के बीच में भरा पानी

राजधानी की सड़कें हुईं बदहाल

राजधानी लखनऊ के लोगों को उम्मीदें थी कि बीजेपी की सरकार आते ही सड़कों और हाईवे की दुर्दशा सुधर जाएगी. सड़कों की सूरत बदलेगी क्यों नहीं, सीएम ने वादा जो किया था. दरअसल, राजधानी के कुछ इलाकों में सड़कों की स्थिति सीएम के दावों के ठीक उलट है. हकीकत यह है कि यूपी में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का सीएम का दावा कागजों पर ही सिमटकर रह गया है. जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण सड़़कों की हालत बदतर हो गई है. इसी क्रम में राजधानी में नेशनल हाईवे के पास से निकली पारा थाने को जोड़ने वाली सड़क अपनी बदहाली के आंसू बहा रही है. पारा थाने के पास से गुजरती हुई यह सड़क कई कॉलोनियों को जोड़ती है. स्थानीय लोग बताते हैं कि टूटी सड़क की शासन-प्रशासन से कई बार शिकायत की है. इसके बाद भी कई वर्षों से यह सड़क टूटी हुई है.

आए दिन होती हैं दुर्घटनाएं

स्थानीय लोगों के मुताबिक नेशनल हाईवे के पास से निकली पारा थाने को जोड़ने वाली सड़क कई वर्षों से टूटी है. सड़क के बीच में बड़े-बड़े गड्ढे हैं. सड़क के गड्ढों में बरसात का पानी भर जाता है. इसके कारण यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं.

जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला

ईटीवी भारत की टीम ने सभासद रीना रावत से टूटी सड़क के संबंध में बातचीत की तो वह कुछ भी कहने से बचती नजर आईं. सभासद रीना रावत ने बताया कि वह कई बार मेयर को इस संबंध में अवगत करा चुकी हैं. सभासद ने बताया कि मेयर ने हर बार फण्ड में पैसा न होने के कारण सड़क को दुरुस्त करने में असमर्थता जताई है.

बांदा में दुर्घटनाओं का कारण बन रहीं रहीं टूटी सड़कें

बांदा जनपद कई सड़कें खस्ताहाल हो चुकीं हैं. कुछ सड़कों की हालत जर्जर हो चुकी है. इन सड़कों को दुरुस्त करने के लिए कई वर्षों से कार्य नहीं किया गया है. सड़कों की बदहाली के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जिले की कई ऐसी सड़कों का जायजा लिया. स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत को बदहाल सड़कों से होने वाली तमाम समस्याओं को बताया. इस सबंध में जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने बदहाल सड़कों को जल्द ही दुरुस्त कराने की बात कही.

स्पेशल रिपोर्ट

जिले की कई प्रमुख सड़कें हैं जर्जर

जनपद में सड़कों के हालत जर्जर हो चुके हैं. इसी क्रम में बांदा शहर का बाई पास मार्ग जिसकी लम्बाई 5 किलोमीटर है. यह मार्ग पूरी तरह जर्जर हो चुका है, यह बाईपास मार्ग बांदा से महोबा जिले को जोड़ता है. इस मार्ग से हजारों की संख्या में रोजाना वाहन गुजरते हैं. इसके अलावा बांदा से मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले को जाने वाले सम्पर्क मार्गों में भूरागढ़ से पहरा लगभग 8 किलोमीटर और मटौंध से सरबई रोड लगभग 10 किलोमीटर भाग पूरी तरह से खराब हो चुका है. शहर की रिंग रोड, गुरेह से बिसंडा रोड, पैलानी तहसील क्षेत्र के रेहुटा से अमलोर मोड़ लगभग 4 किलोमीटर, पैलानी के कालेश्वर मन्दिर से अतरहत रोड लगभग लगभग 5 किलोमीटर, पपरेन्दा से चिल्ला लगभग 10 किलोमीटर, बांदा नवीन मंडी से कपसा जनपद हमीरपुर रोड लगभग 15 किलोमीटर तक खराब हैं.

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उखड़ी हुई सड़क पर फैली गिट्टी

कैमरे के सामने बोलने से बचते दिखे जिम्मेदार

ईटीवी भारत की टीम ने बदहाल सड़कों के बारे में PWD के अधीक्षण अभियंता से बात करने की कोशिश की. PWD के अधीक्षण अभियंता एससी जैन ने बताया कि बांदा का बाईपास रोड जो बांदा को महोबा से जोड़ता है. यह मार्ग लगभग 5 किलोमीटर खराब है. कारण यह है कि कई साल पहले जब यह बाईपास बना था, तो इसे 750 कमर्शियल व्हीकल लोड करने की क्षमता के हिसाब से इसे बनाया गया था. मौजूदा समय में इस रोड पर 5,100 कमर्शियल व्हीकल चल रहे हैं. इसके कारण यह रोड खराब हो चुका है. एससी जैन ने बताया कि वह वर्तमान में चल रहे भारी वाहनों की गणना कर रहे हैं. गणना के आधार पर इस बाईपास की सड़क को बनवाने का काम किया जाएगा.

गड्ढों और धूल से भरमार हैं बस्ती की सड़कें

एसी कमरों में बैठकर सरकार की योजनाओं को चलाने वाले अधिकारी सीएम के दावों पर पतीला लगा रहे हैं. ऐसा ही कुछ कारनामा बस्ती जिले में सामने आया है. बस्ती के जिलाधिकारी जिले की 17 सड़कों को पूरी तरह से गड्ढा मुक्त करने का प्रेस नोट जारी कर चुके हैं. इन सड़कों को नो ऑब्जेक्शन प्रमाण पत्र भी दिया जा चुका है. कागजों पर दुरुस्त इन सड़कों की सच्चाई कुछ और ही है. कागजों में दुरुस्त इन सड़कों की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने बस्ती जिले की कई सड़कों का जायजा लिया. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम को कई सड़कें खस्ताहाल मिली.

स्पेशल रिपोर्ट

इन सड़कों में जनपद की मूड़घाट-दुबौला-पचपेड़वा मार्ग, टिनिच कप्तानगंज मार्ग, संसारीपुर से पैकोलिया मार्ग की स्थिति बदहाल है. लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आर.एन यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि कुछ गलतफहमी की वजह से प्रेस नोट जारी हो गया था. अब उस गलती को सुधारा जा रहा है, जो सड़कें गड्ढे वाली थीं, उन पर काम हो रहा है. जल्द ही सारी सड़कें गड्ढा मुक्त कर ली जाएंगी.

सीएम के वादे की पोल खोल रहीं गोंडा की सड़कें

"तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है मगर यह आंकड़े झूठे हैं, और वादे किताबी हैं." मशहूर शायर अदम गोंडवी की ये चंद लाइनें सरकार के गड्ढा मुक्त अभियान को आईना दिखाने के लिए काफी हैं. यूपी के गोंडा जिले की सड़कें कुछ ऐसे ही हाल ए बयां कर रहीं हैं. जिले के कई इलाकों में सड़कें टूटी हैं. इसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं. इसी क्रम में गोंडा लखनऊ-मार्ग को बहराइच से जुड़ने वाले बाईपास मार्ग की हालत भी खस्ता है. इस सड़क से दिनभर में लगभग 500 वाहन गुजरते हैं. इसके अलावा गोंडा जिले की अन्य कई सड़कें बदहाल हैं. इनमें पुलिस लाइन मार्ग, गोण्डा कटहा घाट डेहरास मार्ग, बालपुर परसपुर मार्ग, डुमरियाडीह कहोबा संपर्क मार्ग, डुमरियाडीह से तरबगंज ब्लाक संपर्क मार्ग, बलरामपुर रोड से रेलवे कॉलोनी मार्ग शामिल है.

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गड्ढों में समाई अंबेडकरनगर की सड़क

प्रदेश में काबिज होने के बाद योगी सरकार ने सभी सड़कों को गड्डा मुक्त करने का दावा किया था. अंबेडकरनगर जिले में सड़कों की वास्तविक दशा जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने कुछ मुख्य सड़कों का निरीक्षण किया. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम को जिले की कई सड़कें बदहाल मिली. ईटीवी भारत ने टांडा-इल्तिफात गंज मार्ग को जोड़ने वाली सड़क का जायजा लिया. ईटीवी की टीम को इस सड़क में कई खामियां नजर आईं.

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टांडा-इल्तिफात गंज मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. उखड़ी हुई सड़क पर फैली गिट्टी राहगीरों के लिए मुसीबत बन गई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ माह पूर्व ही इस सड़क की मरम्मत की गई थी. सड़क निर्माण में घटिया सामिग्री उपयोग होने के कारण सड़क उखड़ गई है. जनपद का टांडा-इल्तिफात गंज मार्ग इंजीनियरिंग कॉलेज के बगल से होकर गुजरता है. इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता है. इस मार्ग से तकरीबन 30 हजार आबादी प्रभावित होती है. इस सड़क का निर्माण 4 वर्ष पहले प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत किया गया था. सड़क टूटी होने के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. ईटीवी भारत की टीम ने जब PWD के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया, तो वह कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं हुए.

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सड़कों हालत खस्ता

धूल और गड्ढों से अटी जौनपुर की सड़कें

जौनपुर जिले के शाहगंज विधानसभा क्षेत्र स्थित खेतासराय उठान मार्ग की हालत खस्ता हो चुकी है. यह सड़क योगी सरकार के कार्यकाल में मार्च 2018 में बनाई गई थी. रोड को बने हुए 3 साल भी पूरे नहीं हुए हैं. कम समय में ही सड़क की हालत जर्जर हो चुकी है. बताते चलें कि जौनपुर की यह वही सड़क है, जिसको लेकर पीएम मोदी ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान तात्कालिक सीएम अखिलेश यादव पर तंज कसा था. पीएम ने कहा था, कि "अगर इस रोड पर अखिलेश यादव अपने नए दोस्त (राहुल गांधी) के साथ साइकिल पर सवार होकर जाएंगे, तो वह कभी समाजवादी पार्टी को वोट देने का काम नहीं करेंगे."

स्पेशल रिपोर्ट

कब हुआ था सड़क का निर्माण

जिले के खेतासराय-खुटहन मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण रोजगार योजना के तहत मार्च 2018 में किया गया था. सड़क का निर्माण मेंबर्स दिव्या कंस्ट्रक्शन ने किया था. सड़क की लम्बाई लगभग 9.7 किलोमीटर है. इसे बनाने में 407.97 लाख रुपये की लागत आई थी. सड़क का निर्माण कराने वाली कंपनी पर 5 साल तक सड़क की मरम्मत कराने का प्रावधान था.

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दुर्घटनाओं को दावत दे रही टूटी सड़क

" यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम ग्रामीण योजना के तहत बनी है, जिसे मेंबर्स दिव्या कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा बनाया गया है. इसका निर्माण मार्च 2018 में किया गया था. प्रधानमंत्री ग्राम विकास योजना के तहत बनाई गई सड़कों में 5 साल मरम्मत का प्रधान है. जो भी कंस्ट्रक्शन कंपनी सड़क का निर्माण करती है, उसे 5 साल तक उस सड़क की मरम्मत कराना होता है. जिस कंपनी ने इसे बनाया है, उसके यहां कोरोना वायरस का संक्रमण होने कारण मरम्मत का कार्य में देरी हुई है. कल से इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा."

-प्रमोद यादव, सहायक अभियंता

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