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मौसम के सटीक हुए पूर्वानुमान तो अभिभावक बोले 'जय विज्ञान' - उत्तर प्रदेश में बनाए गए 55 स्वचालित मौसम निगरानी स्टेशन

लखनऊ में स्थित मौसम विभाग के आधुनिकीकरण ने लोगों को संतोष का एहसास कराया है. मौसम विभाग के सटीक पूर्वानुमान के कारण लोगों को मौसम का हाल जानने में सहूलियत हुई है.

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मौसम के सटीक पूर्वानुमान के लिए 55 स्वचालित मौसम निगरानी स्टेशन
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Published : Jan 18, 2020, 5:32 AM IST

Updated : Jan 18, 2020, 11:02 PM IST

लखनऊ: जिले में मौसम विज्ञान के सटीक पूर्वानुमानों ने राजधानी में अभिभावकों को असीम संतोष का एहसास कराया है. ऐसे में लोगों का अब मौसम विज्ञान पर विश्वास भी बढ़ा है और वह हर रोज बेसब्री से मौसम संबंधी सूचना का इंतजार करते हैं, लेकिन यह सब मौसम विभाग के आधुनिकीकरण से संभव हुआ है जिसके तहत उत्तर प्रदेश में 55 स्वचालित मौसम निगरानी स्टेशन बनाए गए हैं.

मौसम के सटीक हुए पूर्वानुमान तो अभिभावक बोले 'जय विज्ञान'.

मौसम विभाग से मिली सूचनाओं के आधार पर जिला प्रशासन ने दिसंबर और जनवरी महीने में प्राइमरी से लेकर इंटर कॉलेज स्कूलों को संचालित करने के बारे में हर रोज निर्देश जारी किए. उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने जिन तिथियों में स्कूलों को पूरी तरह बंद रखने का आदेश दिया, उन दिनों मौसम भी ज्यादा खराब रहा.

मौसम विभाग के सटीक पूर्वानुमान के आधार पर जिला प्रशासन ने प्राइमरी से कक्षा आठ तक बंद रखने और कक्षा 9 से 12 तक स्कूलों को संचालित करने के लिए दिन में नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक का समय भी निर्धारित किया. इस फैसले से अभिभावक भी खुश दिखे. मौसम विभाग के सटीक पूर्वानुमान की वजह विज्ञान की सत्यता और प्रामाणिकता है.

भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत मौसम विज्ञान विभाग, मौसम केंद्र लखनऊ के निदेशक डॉक्टर जेपी गुप्ता के अनुसार सटीक पूर्वानुमान की वजह भारतीय सेटेलाइट से मिले चित्र और मौसम निगरानी स्टेशनों से मिलने वाले डेटा का विश्लेषण है. उत्तर प्रदेश में 55 स्वचालित मौसम निगरानी स्टेशन और 131 स्वचालित वर्षा आकलन सेंटर बनाए गए हैं इनसे मिलने वाले डेटा का विश्लेषण कर पूर्वानुमान को सटीक बनाया जाता है.

उन्होंने बताया कि मानसून की बारिश से लेकर, शीत ऋतु के तूफान और ओलावृष्टि के बारे में भी सटीक पूर्वानुमान वैज्ञानिक उपकरणों और डेटा विश्लेषण से संभव हो चुका है मौसम विज्ञान विभाग ने पिछले सालों में तेजी के साथ अपना आधुनिकीकरण किया है जिसका परिणाम सभी के सामने दिखाई दे रहा है.

लखनऊ: जिले में मौसम विज्ञान के सटीक पूर्वानुमानों ने राजधानी में अभिभावकों को असीम संतोष का एहसास कराया है. ऐसे में लोगों का अब मौसम विज्ञान पर विश्वास भी बढ़ा है और वह हर रोज बेसब्री से मौसम संबंधी सूचना का इंतजार करते हैं, लेकिन यह सब मौसम विभाग के आधुनिकीकरण से संभव हुआ है जिसके तहत उत्तर प्रदेश में 55 स्वचालित मौसम निगरानी स्टेशन बनाए गए हैं.

मौसम के सटीक हुए पूर्वानुमान तो अभिभावक बोले 'जय विज्ञान'.

मौसम विभाग से मिली सूचनाओं के आधार पर जिला प्रशासन ने दिसंबर और जनवरी महीने में प्राइमरी से लेकर इंटर कॉलेज स्कूलों को संचालित करने के बारे में हर रोज निर्देश जारी किए. उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने जिन तिथियों में स्कूलों को पूरी तरह बंद रखने का आदेश दिया, उन दिनों मौसम भी ज्यादा खराब रहा.

मौसम विभाग के सटीक पूर्वानुमान के आधार पर जिला प्रशासन ने प्राइमरी से कक्षा आठ तक बंद रखने और कक्षा 9 से 12 तक स्कूलों को संचालित करने के लिए दिन में नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक का समय भी निर्धारित किया. इस फैसले से अभिभावक भी खुश दिखे. मौसम विभाग के सटीक पूर्वानुमान की वजह विज्ञान की सत्यता और प्रामाणिकता है.

भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत मौसम विज्ञान विभाग, मौसम केंद्र लखनऊ के निदेशक डॉक्टर जेपी गुप्ता के अनुसार सटीक पूर्वानुमान की वजह भारतीय सेटेलाइट से मिले चित्र और मौसम निगरानी स्टेशनों से मिलने वाले डेटा का विश्लेषण है. उत्तर प्रदेश में 55 स्वचालित मौसम निगरानी स्टेशन और 131 स्वचालित वर्षा आकलन सेंटर बनाए गए हैं इनसे मिलने वाले डेटा का विश्लेषण कर पूर्वानुमान को सटीक बनाया जाता है.

उन्होंने बताया कि मानसून की बारिश से लेकर, शीत ऋतु के तूफान और ओलावृष्टि के बारे में भी सटीक पूर्वानुमान वैज्ञानिक उपकरणों और डेटा विश्लेषण से संभव हो चुका है मौसम विज्ञान विभाग ने पिछले सालों में तेजी के साथ अपना आधुनिकीकरण किया है जिसका परिणाम सभी के सामने दिखाई दे रहा है.

Intro:लखनऊ. मौसम विज्ञान के सटीक पूर्वानुमानों ने राजधानी लखनऊ में उन हज़ारों अभिभावकों को असीम संतोष का एहसास कराया है जो इससे पहले के सालों में बिगड़ते मौसम के दौरान अपने नन्हे-मुन्ने के स्कूल आने-जाने को लेकर परेशान रहा करते थे। ऐसे लोगों का अब मौसम विज्ञान पर विश्वास भी बढ़ा है और वह हर रोज बेसब्री से मौसम संबंधी सूचना का इंतजार करते हैं। लेकिन यह सब मौसम विभाग के आधुनिकीकरण से संभव हुआ है जिसके तहत उत्तर प्रदेश में 55 स्वचालित मौसम निगरानी स्टेशन बनाए गए हैं।


Body:पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने जब जय जवान, जय किसान , जय विज्ञान का नारा दिया था तो शायद ही किसी ने सोचा हो कि अगले 20 साल में जय विज्ञान का नारा आम जनजीवन से इतना अधिक जुड़ जाएगा. भारत के मौसम वैज्ञानिकों ने फिलहाल इस नारे को सच साबित कर दिखाया है. राजधानी लखनऊ के हजारों -लाखों अभिभावक इन दिनों मौसम विज्ञान की जय-जयकार कर रहे हैं. इसकी वजह है मौसम विभाग से मिली सूचनाओं के आधार पर जिला प्रशासन ने दिसंबर और जनवरी महीने में प्राइमरी से लेकर इंटर कॉलेज स्कूलों को संचालित करने के बारे में हर रोज निर्देश जारी किए. उल्लेखनीय यह भी है कि जिला प्रशासन ने जिन तिथियों में स्कूलों को पूरी तरह बंद रखने का आदेश दिया उन दिनों मौसम भी ज्यादा खराब रहा मौसम विभाग के सटीक पूर्वानुमान के आधार पर जिला प्रशासन ने प्राइमरी से कक्षा आठ तक बंद रखने और कक्षा 9 से 12 तक स्कूलों को संचालित करने के लिए दिन में नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक का समय भी निर्धारित किया। इस फैसले से अभिभावक भी खुश दिखे .

मौसम विभाग के सटीक पूर्वानुमान की वजह विज्ञान की सत्यता और प्रामाणिकता है. भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ,भारत मौसम विज्ञान विभाग, मौसम केंद्र लखनऊ के निदेशक डॉक्टर जेपी गुप्ता के अनुसार सटीक पूर्वानुमान की वजह भारतीय सेटेलाइट से मिले चित्र और मौसम निगरानी स्टेशनों से मिलने वाले डेटा का विश्लेषण है. उत्तर प्रदेश में 55 स्वचालित मौसम निगरानी स्टेशन और 131 स्वचालित वर्षा आकलन सेंटर बनाए गए हैं इनसे मिलने वाले डेटा का विश्लेषण कर पूर्वानुमान को सटीक बनाया जाता है. उन्होंने बताया कि मानसून की बारिश से लेकर शीत ऋतु के तूफान और ओलावृष्टि के बारे में भी सटीक पूर्वानुमान वैज्ञानिक उपकरणों और डेटा विश्लेषण से संभव हो चुका है मौसम विज्ञान विभाग ने पिछले सालों में तेजी के साथ अपना आधुनिकीकरण किया है जिसका परिणाम सभी के सामने दिखाई दे रहा है.

बाइट / डॉक्टर जेपी गुप्ता निदेशक मौसम विज्ञान विभाग लखनऊ


बाइट/ आलोक सिंह अभिभावक


पीटीसी अखिलेश तिवारी 96530 03408


Conclusion:
Last Updated : Jan 18, 2020, 11:02 PM IST

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