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सावधान ! ऑनलाइन गेम के चक्कर में कहीं आपका बच्चा आपको न बना दे कंगाल, इन जरूरी बातों का रखें ख्याल - ऑनलाइन गैंबलिंग गेम

ऑनलाइन गेम के चक्कर में बड़ी संख्या में युवा साइबर जालसाजों का शिकार बन रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कई ऑनलाइन गैबल्विंग गेम ऐसे हैं जिनमें फंसने के बाद बच्चे और युवा माता-पिता की गाढ़ी कमाई गंवा दे रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 30, 2023, 5:23 PM IST

लखनऊ : राजधानी लखनऊ की एक 20 वर्षीय छात्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक गेम का एड देखा और उसे डाउनलोड कर लिया. खेलने पर छात्रा को पता चला कि यह ऑनलाइन गैबल्विंग गेम है तो वह उसे खेलने लगी और फिर जीत हार के चक्कर में छात्रा ने अपने पिता के अकाउंट से छह लाख रुपये डुबो दिया. पीजीआई इलाके के एक प्रॉपर्टी डीलर के बेटे ने भी ऐसे ही ऑनलाइन गैंबलिंग गेम के चलते अपने पिता के अकाउंट्स से साढ़े 9 लाख रुपये गंवा दिए.

ऑनलाइन गेम से रहें सतर्क.
ऑनलाइन गेम से रहें सतर्क.







ऑनलाइन गैंबलर के निशाने पर युवा व बच्चे : साइबर सेल लखनऊ के प्रभारी सतीश साहू बताते हैं कि सोशल मीडिया ऐसे कई ऑनलाइन गेम के प्रचार आते हैं, जिसके माध्यम से साइबर जालसाज नई पीढ़ी को ठग रहे हैं. साइबर सेल प्रभारी कहते हैं कि इन ऑनलाइन गेम के जरिए जालसाज पहले फ्री एंट्री और कुछ स्टेप फ्री में खेलने का लॉलीपॉप देते हैं. जब यूजर इसमें एक बार एंट्री कर लेता है फिर उसे कुछ पैसे जीता भी दिए जाते हैं. इसके बाद जालसाज अपने असली मकसद को इंप्लीमेंट करना शुरू करते हैं. सतीश साहू ने बताया कि इन ऑनलाइन गैंबलिंग गेम को कुछ इस तरह डिजाइन किया जाता है कि गैंबलिंग करने वाले युवा लंबे समय तक खेलते रहें. जिससे वो इस गेम से जुड़ जाते हैं और कुछ ध्यान भी नहीं रहता है और फिर वे अधिक राउंड जीतने और अगले स्टेप पर जाने के लिए पेमेंट करते रहते हैं.


सरकार बना रही नीति.
सरकार बना रही नीति.

लेवल खरीदने और दांव लगाने की रकम 500 से लाखों तक : साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने बताया कि साइबर जालसाज सोशल मीडिया में कुछ इस तरह इन ऑनलाइन गेम का प्रचार करते हैं. जिन्हें देख कर एक बार में ही युवा पीढ़ी इसे डाउनलोड कर खेलने लगती है. इन गेम में पहला या दूसरा स्टेप क्लियर करने के लिए फ्री एंट्री होती है. इतना ही नहीं जीत की कुछ रकम भी दी जाती है और जब यूजर अगले स्टेप में जाने के लिए बढ़ता है तो 500 से लेकर एक हजार तक की फीस ली जाती है और फिर यह रकम बढ़ते बढ़ते लाखों तक पहुंच जाती है. यूजर गेम में आगे बढ़ने और जीत की रकम पाने के लालच में पैसे गंवा देता है. अधिकतर बच्चे अपने मां-बाप या फिर अन्य पारिवारिक सदस्यों के डेबिट, क्रेडिट कार्ड और यूपीआई का चोरी छुपे इस्तेमाल करते हैं.

यह भी पढ़ें : सावधान! साइबर क्रिमिनल ऑनलाइन गेम से महिलाओं को बना रहे निशाना

Gwalior blackmailer ऑनलाइन गेमिंग में हुई लड़के से हुई दोस्ती, अश्लील वीडियो बनाकर लड़की के पिता से बोला 'मुझे अपनी बेटी दे दो'

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ऑनलाइन गेम से रहें सतर्क.
ऑनलाइन गेम से रहें सतर्क.







ऑनलाइन गैंबलर के निशाने पर युवा व बच्चे : साइबर सेल लखनऊ के प्रभारी सतीश साहू बताते हैं कि सोशल मीडिया ऐसे कई ऑनलाइन गेम के प्रचार आते हैं, जिसके माध्यम से साइबर जालसाज नई पीढ़ी को ठग रहे हैं. साइबर सेल प्रभारी कहते हैं कि इन ऑनलाइन गेम के जरिए जालसाज पहले फ्री एंट्री और कुछ स्टेप फ्री में खेलने का लॉलीपॉप देते हैं. जब यूजर इसमें एक बार एंट्री कर लेता है फिर उसे कुछ पैसे जीता भी दिए जाते हैं. इसके बाद जालसाज अपने असली मकसद को इंप्लीमेंट करना शुरू करते हैं. सतीश साहू ने बताया कि इन ऑनलाइन गैंबलिंग गेम को कुछ इस तरह डिजाइन किया जाता है कि गैंबलिंग करने वाले युवा लंबे समय तक खेलते रहें. जिससे वो इस गेम से जुड़ जाते हैं और कुछ ध्यान भी नहीं रहता है और फिर वे अधिक राउंड जीतने और अगले स्टेप पर जाने के लिए पेमेंट करते रहते हैं.


सरकार बना रही नीति.
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