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लखनऊ: रेलवे लॉन्ड्री कोरोना को लेकर कितनी सतर्क, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट - रेलवे की लॉन्ड्री पर कोरोना का प्रभाव

कोरोना वायरस की वजह से भारतीय रेलवे ने ट्रेनों के एसी कोच से पर्दे और कंबल हटा दिए हैं, लेकिन यात्रियों को दो बेडशीट पिलो कवर और टॉवेल की सप्लाई की जा रही है. ईटीवी भारत ने लिनेन केयर सेंटर में बेडशीट, टॉवेल और पिलो कवर की साफ-सफाई व्यवस्था परखी.

effect of corona virus
रेलवे लॉन्ड्री पर कोरोना का प्रभाव.
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Published : Mar 18, 2020, 10:16 PM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस का प्रकोप जिस तरह तेजी से फैल रहा है. उसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने ट्रेनों के एसी कोच से पर्दे और कंबल हटा दिए हैं, लेकिन यात्रियों को दो बेडशीट पिलो कवर और टॉवेल की सप्लाई की जा रही है. भारतीय रेलवे ने साफ तौर पर मैकेनाइज्ड लांड्री सेंट्रो को सभी बेडशीट पिलो कवर और टॉवेल की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं. उत्तर रेलवे के लिनेन केयर सेंटर पर केमिकल मिलाकर इन सभी के अच्छे से साफ-सफाई की जा रही है.

देखिए ग्राउंड रिपोर्ट.


लखनऊ के चारबाग स्थित उत्तर रेलवे के लिनेन केयर सेंटर में 28 कर्मचारी मिलकर सभी बेडशीट, पिलो कवर और टॉवेल की अच्छे से सफाई करने में जुटे हैं. सबसे खास बात है कि यात्रियों को कोरोना से बचाने के लिए कर्मचारी साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे हैं तो स्वयं भी कोरोना से बचाव के सारे साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे हाथ में ग्लब्स पहनकर और चेहरे पर मास्क लगाकर सफाई-धुलाई के काम को अंजाम दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें- मेरठ: जमीन के लिए बड़े भाई ने की छोटे भाई की हत्या, आरोपी फरार

बड़ी-बड़ी मशीनों से सफाई धुलाई की जा रही है. पहले ट्रेन से आने वाली चादरों, पिलो कवर और तौलिए को धुलने के लिए भेजा जाता है. छह प्रकार के रसायन से इन सब की लगभग 45 मिनट तक धुलाई की जाती है. इसके बाद 45 मिनट तक हाई टेंपरेचर पर इन सभी को सुखाया जाता है. बाद में इन सभी को प्रेस कराकर फोल्ड करने के बाद ट्रेन के अंदर भेजा जाता है.

सेंटर पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क और ग्लब्स दिए गए हैं. इससे बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है. बेडशीट की सफाई और धुलाई की खास व्यवस्था की गई है. मशीनों से इन सभी की धुलाई हो रही है.

लखनऊ: कोरोना वायरस का प्रकोप जिस तरह तेजी से फैल रहा है. उसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने ट्रेनों के एसी कोच से पर्दे और कंबल हटा दिए हैं, लेकिन यात्रियों को दो बेडशीट पिलो कवर और टॉवेल की सप्लाई की जा रही है. भारतीय रेलवे ने साफ तौर पर मैकेनाइज्ड लांड्री सेंट्रो को सभी बेडशीट पिलो कवर और टॉवेल की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं. उत्तर रेलवे के लिनेन केयर सेंटर पर केमिकल मिलाकर इन सभी के अच्छे से साफ-सफाई की जा रही है.

देखिए ग्राउंड रिपोर्ट.


लखनऊ के चारबाग स्थित उत्तर रेलवे के लिनेन केयर सेंटर में 28 कर्मचारी मिलकर सभी बेडशीट, पिलो कवर और टॉवेल की अच्छे से सफाई करने में जुटे हैं. सबसे खास बात है कि यात्रियों को कोरोना से बचाने के लिए कर्मचारी साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे हैं तो स्वयं भी कोरोना से बचाव के सारे साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे हाथ में ग्लब्स पहनकर और चेहरे पर मास्क लगाकर सफाई-धुलाई के काम को अंजाम दे रहे हैं.

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बड़ी-बड़ी मशीनों से सफाई धुलाई की जा रही है. पहले ट्रेन से आने वाली चादरों, पिलो कवर और तौलिए को धुलने के लिए भेजा जाता है. छह प्रकार के रसायन से इन सब की लगभग 45 मिनट तक धुलाई की जाती है. इसके बाद 45 मिनट तक हाई टेंपरेचर पर इन सभी को सुखाया जाता है. बाद में इन सभी को प्रेस कराकर फोल्ड करने के बाद ट्रेन के अंदर भेजा जाता है.

सेंटर पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क और ग्लब्स दिए गए हैं. इससे बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है. बेडशीट की सफाई और धुलाई की खास व्यवस्था की गई है. मशीनों से इन सभी की धुलाई हो रही है.

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