लखनऊः पैसे और जमीन की मांग पूरी न होने पर ससुराल में घुसकर पत्नी की हत्या और सास पर जानलेवा हमला करने के आरोपी अनिल द्विवेदी की जमानत एडीजे रमाकांत प्रसाद ने खारिज कर दी. कोर्ट ने अपराध को गंभीर प्रकृति का बताया है.
कोर्ट में सरकारी वकील ज्वाला प्रसाद शर्मा ने दलील दी कि वादिनी कोमल मिश्रा ने एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया कि काकोरी में 29 अक्टूबर 2021 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया गया कि वादिनी, उसकी मां और बहन रात के 8 बजे घर में थीं. इसी बीच वादिनी का जीजा अनिल द्विवेदी आया और दरवाजा खटखटाया, जैसे ही वादिनी की मां अनुसुइया ने दरवाजा खोला तो अनिल ने उनके ऊपर बांके से हमला कर दिया. इसके बाद अनिल ने वादिनी की बहन प्रिया की बांका मारकर हत्या कर दी. वादिनी के शोर मचाने पर गांव के लोग इकट्ठा हो गए और आरोपी अनिल को हत्या में प्रयुक्त बांके समेत पकड़ लिया. कहा गया कि अनिल पैसे और जमीन की मांग करता था जिसे पूरा न करने के चलते उसने घटना कारित की.
20 रुपये की अवैध वसूली करने वाले अभियुक्त की जमानत अर्जी खारिज
एक अन्य मामले में बुद्धेश्वर स्थित ई रिक्शा स्टैंड पर अवैध वसूली करने और जानमाल की धमकी देने के आरोपी अशोक सिंह की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया. कोर्ट में सरकारी वकील मनीष रावत और कमल अवस्थी ने बताया कि वादी आसिफ ने पारा थाने में 17 अप्रैल को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सुबह करीब 9 बजे अपना ई रिक्शा लेकर बुद्धेश्वर चौराहे पर सवारी का इंतज़ार कर रहा था, तभी तीन लोग आए और कहने लगे कि यहां से सवारी बैठाओगे तो बीस रुपये देने होंगे, विरोध करने पर तीनों ने वादी को मारा पीटा और जानमाल की धमकी दी. विवेचना में पता चला कि तीन अभियुक्तों में अशोक सिंह भी शामिल था,
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