लखनऊः उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था लगातार आधुनिकता की तरफ बढ रही है. प्रदेश में साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए राजधानी में एडीजी असीम अरुण की नियुक्ति की गई. डॉयल 112 की मदद से आमजन को बेहतर कानून व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए कवायद शुरू कर दी गई. डॉयल 112 के तहत कई ऐसे कदम उठाए गए, जिनसे आने वाले दिनों में आमजन को बेहतर कानून व्यवस्था उपलब्ध होगी. टेक्नोलॉजी के प्रयोग से कैसे आमजन तक बेहतर पुलिसिंग उपलब्ध कराई जाएगी, इसको लेकर ईटीवी भारत ने एडीजी असीम अरुण से खास बातचीत की.
बेहतर कानून व्यवस्था की कवायद शुरू
प्रदेश की राजधानी में साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए एडीजी असीम अरुण की नियुक्ति की गई. वहीं आमजन को बेहतर कानून व्यवस्था मिल सके इसके लिए भी कवायद शुरू कर दी गई है. इस कवायद को लेकर ईटीवी भारत ने एडीजी असीम अरुण से खास बातचीत की.
इस दौरान असीम अरुण ने बताया कि लगातार उत्तर प्रदेश में अपराधों की प्रवृत्ति बदल रही है, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर निगरानी और साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए बड़े कदम उठाए गए. वहीं डॉयल 112 की मदद से उनका प्रयास है कि कम से कम समय में पुलिस लोगों तक पहुंचे और उन्हें समय रहते सुविधाएं उपलब्ध कराएं.
लागू किया जा रहा है इवेंट क्लोजर सिस्टम
एडीजी तकनीकी सुविधा असीम अरुण ने बताया कि 112 पर वह जहां एक ओर तुरंत पुलिस सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर 112 की कॉल पर इवेंट क्लोजर सिस्टम लागू किया गया है, जिसके तहत संबंधित थाना घटना के बारे में रिपोर्ट उपलब्ध कराएगा कि आखिर उस कार्रवाई में क्या हुआ है.
सिटीजन रजिस्ट्रेशन से बुजुर्गों को मिलेगी बेहतर पुलिस सुविधा
साथ ही एडीजी ने 70 वर्ष से अधिक बुजुर्गों के लिए खास प्लान तैयार किया है, जिसमें बुजुर्गों का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा और उन तक कम समय में पुलिस सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. रजिस्ट्रेशन कराने से पता चलेगा कि संबंधित बुजुर्ग किस क्षेत्र में और कहां पर रहते हैं. ऐसे में उन तक पहुंचना आसान होगा.
डेटाबेस से बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने में मिलेगी मदद
डॉयल 112 की मदद से एडीजी एकीकृत आपात सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी लगाए गए हैं, जो कि हर वक्त की PRV द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं पर नजर रखेंगे. वह इस पर भी प्रयास कर रहे कि ऐसा डेटाबेस तैयार किया जाए, जिससे 112 की सुविधाओं को और बेहतर कर लोगों तक पुलिस सुविधा उपलब्ध कराई जा सके.
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