जम्मू: इंडियन रेलवे ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में कटरा और बडगाम रेलवे स्टेशनों के बीच 22 बोगियों वाली ट्रेन का सफल ट्रायल रन किया. अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से रेल के माध्यम से जोड़ने वाली नई लाइन पर पहला ट्रायल सफल रहा.
उन्होंने कहा कि 18 एसी कोच, दो लगेज कैरियर और दो इंजन वाली यह ट्रेन सुबह करीब 8 बजे कटरा रेलवे स्टेशन से रवाना हुई और चार घंटे के भीतर सफलतापूर्वक अपने गंतव्य पर पहुंची. इस दौरान रेलवे अधिकारियों ने ट्रेन की गहन निगरानी की.
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु ने ईटीवी भारत को बताया कि श्री माता वैष्णो देवी (कटरा रेलवे स्टेशन) से बडगाम के बीच ट्रायल रन किया गया, ताकि ट्रैक, सुरंगों, लाइटों आदि की जांच की जा सके और यह देखा जा सके कि इस ट्रेन को चलाने में ड्राइवर कैसा अनुभव महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि वैष्णो देवी से संगलदान तक ट्रेन 85 किलोमीटर प्रति घंटे, संगलदान से काजीगुंड तक 75 किलोमीटर प्रति घंटे और काजीगुंड से बडगाम तक 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है.
कटरा-बारामूला के बीच जल्द शुरू होगी ट्रेन सेवा
उन्होंने कहा, "कटरा से बारामूला के बीच ट्रेन सेवा जल्द ही शुरू होगी क्योंकि रेलवे आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और सेवा चलाने की मंजूरी दे दी है."
रेलवे सुरक्षा आयुक्त (उत्तरी सर्कल) दिनेश चंद देशवाल ने हाल ही में नवनिर्मित ब्रॉड गेज लाइन के उद्घाटन को मंजूरी दी थी, जिसके बाद यह पहला परीक्षण किया गया.
देशवाल ने 7 और 8 जनवरी को ट्रैक का गहन निरीक्षण किया था, जिसके आधार पर उन्होंने मंत्रालय और रेलवे अधिकारियों को सात पन्नों के पत्र में माल और यात्री रेलगाड़ियों को शुरू करने की अनुमति दी थी. रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने कटरा और रियासी खंड के बीच नवनिर्मित बीजी लाइन का मोटर ट्रॉली और पैदल निरीक्षण करने का जिक्र किया, जिसके बाद कटरा से बनिहाल तक पूरे रेल खंड पर स्पीड ट्रायल किया गया.
रेलवे सुरक्षा आयुक्त देशवाल ने तब मुख्य लाइन पर 85 किमी प्रति घंटे और टर्नआउट पर 15 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से रेलगाड़ियों के आवागमन के लिए खंड को नियमित रूप से खोलने की अनुमति दी थी.
41,000 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना पिछले साल दिसंबर में पूरी हुई थी. इस ट्रेन सेवा का उद्घाटन 26 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने की संभावना है.
1997 में शुरू हुई थी परियोजना
कश्मीर को ट्रेन से जोड़ने की परियोजना पर काम 1997 में शुरू हुआ था, लेकिन भूवैज्ञानिक, नदी-घाटी और मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण इसमें काफी देरी हुई. यह रेलवे लाइन खतरनाक पहाड़ों से होकर गुजरती है और इसी लाइन पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल बना है, जो जम्मू क्षेत्र के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बना है. साथ ही इसमें दर्जनों लंबी और छोटी सुरंगें हैं.
कुल 272 किमी लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूल रेल लिंक परियोजना (यूएसबीआरएल) में से 209 किमी को चरणों में चालू किया गया था, जिसमें 118 किमी का काजीगुंड-बारामूला खंड का पहला चरण अक्टूबर 2009 में चालू हुआ था.
इसके बाद जून 2013 में 18 किमी का बनिहाल-काजीगुंड, जुलाई 2014 में 25 किमी का उधमपुर-कटरा और पिछले साल फरवरी में 48.1 किमी लंबा बनिहाल-सांगलदान खंड चालू हुआ.
46 किमी लंबे सांगलदान-रियासी खंड का काम भी पिछले साल जून में पूरा हो गया था और रियासी और कटरा के बीच कुल 17 किलोमीटर का हिस्सा बचा थी. यह खंड आखिरकार दिसंबर 2024 में पूरा हुआ. बीते 4 जनवरी को कटरा-बनिहाल रेलखंड पर इलेक्ट्रिक ट्रेन का ट्रायल रन सफलतापूर्वक किया गया था.
यह भी पढ़ें-