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अपना दल ने बीजेपी से मांगी प्रतापगढ़ सीट, गठबंधन धर्म की दिलाई याद

अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल ने भारतीय जनता पार्टी से विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रतापगढ़ सीट की मांग की है. अपना दल के प्रवक्ता राजेश पटेल का कहना है कि इस सीट पर पहले भी अपना दल के विधायक रह चुके हैं. ऐसे में यह सीट अपना दल की है, इसलिए भाजपा प्रतापगढ़ सीट अपना दल के लिए छोड़ दे.

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Published : Sep 12, 2019, 9:37 PM IST

राकेश पटेल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 13 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सभी पार्टियां अपने प्रत्याशियों के साथ मैदान में उतरने को बेताब हैं. वहीं जिन पार्टियों के बीच आपसी गठबंधन है, उनमें सीटों को लेकर बातचीत शुरू हो गई है. पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने भाजपा से प्रतापगढ़ सीट की मांग की है. पार्टी ने प्रतापगढ़ सीट को पारंपरिक सीट बताते हुए बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से इसकी मांग की है. पार्टी ने इसके लिए भाजपा को गठबंधन धर्म की भी याद भी दिलाई है.

अपना दल ने प्रतापगढ़ सीट पर साफ की अपनी राय.

उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ सीट अपना दल के खाते में गई थी. यहां से संगम लाल गुप्ता विधायक बने थे. बाद में 2019 लोकसभा चुनाव में संगम लाल भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और सांसद हो गए. तभी से प्रतापगढ़ विधानसभा सीट खाली हो गई. अब उपचुनाव से पहले अपना दल ने भारतीय जनता पार्टी को गठबंधन धर्म की याद दिलाई है. पार्टी ने साफ तौर पर कहा है कि हर हाल में प्रतापगढ़ की सीट हमारी थी और यह सीट हमें चाहिए. इसके लिए अपना दल की तरफ से बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व को भी अवगत करा दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- दिव्यांगजन भी बनें देश के विकास में सहभागी: थावरचंद गहलोत

अपना दल के प्रवक्ता राजेश पटेल ने कहा कि हम गठबंधन धर्म का पालन ईमानदारी से करते चले आ रहे हैं. 2014, 2017 और 2019 के चुनाव में भी हमने ईमानदारी से गठबंधन धर्म निभाया. प्रतापगढ़ की सीट हमारी सीट है. यहां से हमारे विधायक संगम लाल गुप्ता ने जीत हासिल की थी. बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए और बीजेपी के टिकट से ही लोकसभा का चुनाव लड़े और जीत गए.

राजेश पटेल ने कहा कि प्रतापगढ़ सीट हमारी है. हमने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को इस बात से अवगत करा दिया है और डिमांड रख दी है कि यह सीट हमें चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि यह उनके निर्णय के ऊपर है और हमें उनके निर्णय का इंतजार है. अगर सकारात्मक परिणाम नहीं आता है, तो अपना दल का क्या कदम होगा इसका अभी कोई जवाब नहीं है. राजनीति में तत्कालीन परिस्थितियों पर ही निर्णय लिया जाता है. उस समय क्या परिस्थिति बनेगी यह बताया जाएगा.

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अब देखने वाली बात यह है कि भाजपा प्रतापगढ़ सीट सहयोगी दल होने के नाते अपना दल के खाते में डालती है या फिर अपने ही खाते में रख लेती है. कहा जा रहा है कि हाल-फिलहाल भारतीय जनता पार्टी कहीं न कहीं अपना दल को दूर करते हुए नजर आ रही है. इस बार के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मोदी सरकार ने अनुप्रिया पटेल को जगह नहीं दी. वहीं योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में भी एमएलसी और अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को जगह नहीं मिली. फिलहाल अपना दल ने प्रतापगढ़ सीट की अपनी डिमांड बीजेपी के सामने रख दी है और उसे बीजेपी के निर्णय का बेसब्री से इंतजार है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 13 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सभी पार्टियां अपने प्रत्याशियों के साथ मैदान में उतरने को बेताब हैं. वहीं जिन पार्टियों के बीच आपसी गठबंधन है, उनमें सीटों को लेकर बातचीत शुरू हो गई है. पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने भाजपा से प्रतापगढ़ सीट की मांग की है. पार्टी ने प्रतापगढ़ सीट को पारंपरिक सीट बताते हुए बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से इसकी मांग की है. पार्टी ने इसके लिए भाजपा को गठबंधन धर्म की भी याद भी दिलाई है.

अपना दल ने प्रतापगढ़ सीट पर साफ की अपनी राय.

उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ सीट अपना दल के खाते में गई थी. यहां से संगम लाल गुप्ता विधायक बने थे. बाद में 2019 लोकसभा चुनाव में संगम लाल भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और सांसद हो गए. तभी से प्रतापगढ़ विधानसभा सीट खाली हो गई. अब उपचुनाव से पहले अपना दल ने भारतीय जनता पार्टी को गठबंधन धर्म की याद दिलाई है. पार्टी ने साफ तौर पर कहा है कि हर हाल में प्रतापगढ़ की सीट हमारी थी और यह सीट हमें चाहिए. इसके लिए अपना दल की तरफ से बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व को भी अवगत करा दिया गया है.

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अपना दल के प्रवक्ता राजेश पटेल ने कहा कि हम गठबंधन धर्म का पालन ईमानदारी से करते चले आ रहे हैं. 2014, 2017 और 2019 के चुनाव में भी हमने ईमानदारी से गठबंधन धर्म निभाया. प्रतापगढ़ की सीट हमारी सीट है. यहां से हमारे विधायक संगम लाल गुप्ता ने जीत हासिल की थी. बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए और बीजेपी के टिकट से ही लोकसभा का चुनाव लड़े और जीत गए.

राजेश पटेल ने कहा कि प्रतापगढ़ सीट हमारी है. हमने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को इस बात से अवगत करा दिया है और डिमांड रख दी है कि यह सीट हमें चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि यह उनके निर्णय के ऊपर है और हमें उनके निर्णय का इंतजार है. अगर सकारात्मक परिणाम नहीं आता है, तो अपना दल का क्या कदम होगा इसका अभी कोई जवाब नहीं है. राजनीति में तत्कालीन परिस्थितियों पर ही निर्णय लिया जाता है. उस समय क्या परिस्थिति बनेगी यह बताया जाएगा.

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अब देखने वाली बात यह है कि भाजपा प्रतापगढ़ सीट सहयोगी दल होने के नाते अपना दल के खाते में डालती है या फिर अपने ही खाते में रख लेती है. कहा जा रहा है कि हाल-फिलहाल भारतीय जनता पार्टी कहीं न कहीं अपना दल को दूर करते हुए नजर आ रही है. इस बार के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मोदी सरकार ने अनुप्रिया पटेल को जगह नहीं दी. वहीं योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में भी एमएलसी और अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को जगह नहीं मिली. फिलहाल अपना दल ने प्रतापगढ़ सीट की अपनी डिमांड बीजेपी के सामने रख दी है और उसे बीजेपी के निर्णय का बेसब्री से इंतजार है.

Intro:अनुप्रिया की पार्टी ने बीजेपी से मांगी प्रतापगढ़ सीट, दिलाई गठबंधन धर्म की याद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। विभिन्न पार्टियां अपने प्रत्याशियों के साथ मैदान में उतरने को बेताब हैं। जिन पार्टियों के बीच गठबंधन है उनमें सीटों को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस) पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी से प्रतापगढ़ सीट की डिमांड की है। पार्टी ने प्रतापगढ़ सीट को पारंपरिक सीट मानते हुए बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से साफ तौर पर इस सीट को अपना दल के खाते में देने की मांग कर डाली है। पार्टी ने इसके लिए भाजपा को गठबंधन धर्म की भी याद दिलाई है।


Body:2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ सीट अपना दल के खाते में गई थी। यहां से संगम लाल गुप्ता विधायक बने थे। बाद में 2019 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। संगम लाल गुप्ता सांसद हो गए और प्रतापगढ़ विधानसभा सीट खाली हो गई। अब यूपी की 13 सीटों पर उपचुनाव होना है लिहाजा, अपना दल ने भारतीय जनता पार्टी को गठबंधन धर्म की याद दिलाई है। पार्टी ने साफ तौर पर कहा है कि हरहाल में प्रतापगढ़ की सीट हमारी थी और हमें चाहिए। इसके लिए अपना दल की तरफ से बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व को भी अवगत करा दिया गया है।

बाइट: राजेश पटेल: प्रवक्ता, अपना दल (एस)

हम गठबंधन धर्म का पालन ईमानदारी से करते चले आ रहे हैं। 2014 के चुनाव में, 2017 के चुनाव में और 2019 के चुनाव में भी हमने ईमानदारी से गठबंधन धर्म निभाया है। प्रतापगढ़ की जो सीट है वह हमारी सीट है। यहां से हमारे विधायक संगम लाल गुप्ता थे। बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए और बीजेपी के टिकट से ही लोकसभा का चुनाव लड़े और जीत गए। यह सीट हमारी है हमने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को इस बात से अवगत करा दिया है और डिमांड रख दी है कि यह सीट हमें चाहिए। यह उनके निर्णय के ऊपर है। उनके निर्णय का हमें इंतजार है। अगर सकारात्मक परिणाम नहीं आता है तो अपना दल का क्या कदम होगा इसका तो कोई जवाब अभी नहीं है। राजनीति में तत्कालीन परिस्थितियों पर ही निर्णय लिया जाता है। उस समय क्या परिस्थिति बनेगी यह बताया जाएगा।



Conclusion:अब यह तो आने वाला वक्त बताएगा कि प्रतापगढ़ सीट सहयोगी दल होने के नाते भारतीय जनता पार्टी अपना दल के खाते में डालती है या फिर अपने ही खाते में रख लेती है। गठबंधन धर्म निभाती है या गठबंधन से मुंह मोड़ लेती है। वजह यह भी है की हाल-फिलहाल भारतीय जनता पार्टी कहीं न कहीं अपना दल को दूर करते हुए नजर आ रही है। इस बार के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मोदी सरकार ने nda-1 में केंद्रीय राज्यमंत्री रहीं अनुप्रिया पटेल को जगह नहीं दी, वहीं योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में एमएलसी और अनुप्रिया के पति आशीष पटेल को भी जगह नहीं मिली। फिलहाल अपना दल ने प्रतापगढ़ सीट की अपनी डिमांड बीजेपी के सामने रख दी है और उसे बीजेपी के निर्णय का बेसब्री से इंतजार है।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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