लखनऊ: राजधानी में सोमवार को राज्यपाल ने तमाम बड़े अफसरों के साथ राजभवन में बैठक की. इस दौरान उन्होंने विकास से जुड़ी योजनाओं खासकर केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर न सिर्फ पूरा फीडबैक लिया, बल्कि दिशा-निर्देश भी अफसरों को दिए.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जिलाधिकारी लखनऊ कौशल राज शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल, नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल को राजभवन बुलाकर उनके साथ बैठक की. साथ ही लखनऊ में चल रही शासकीय योजनाओं से संबंधित जानकारी भी ली. इस दौरान राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमंत राव और विशेष सचिव डॉ. अशोक चंद्र विशेष रूप से उपस्थित रहे.
डीएम ने दी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को योजनाओं की जानकारी
डीएम कौशल राज शर्मा ने राज्यपाल को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी सहित अन्य स्वच्छ भारत मिशन, शहरी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रणाली, लखनऊ स्मार्ट सिटी की महत्वपूर्ण परियोजनाएं, इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम अमृत एवं नमामि गंगे कार्यक्रम, दीनदयाल अंत्योदय योजना, आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अलावा जनपद लखनऊ में शैक्षिक परिदृश्य बेसिक शिक्षा ड्रॉपआउट लखनऊ रिंग रोड और निर्माणाधीन मुख्य सेतुओं की जानकारी दी.
निर्माण कार्य को डेडलाइन तक पूर्ण करने के दिए निर्देश
राज्यपाल ने अफसरों से फीडबैक प्राप्त करते हुए सुझाव दिया कि निर्माण कार्य की डेडलाइन तय करें और वित्तीय रिपोर्ट के साथ-साथ पथिक सत्यापन के लिए भी रिपोर्ट तैयार करें. इसके साथ ही अन्य राज्यों में हो रहे अच्छों कार्यों की जानकारी लेकर अपने प्रदेश में भी लागू करने का प्रयास करें. इसके अलावा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्मित शौचालयों में पानी की उचित और निरंतर व्यवस्था को लेकर भी पहल करने की बात कही.
कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार देने के दिए निर्देश
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि लखनऊ प्रतिष्ठित एवं बड़ा शहर है. इस दृष्टि से लखनऊ को स्वच्छता अभियान में ऊपर लाने का प्रयास किया जाना चाहिए. आयुष्मान योजना को लेकर मिल रही शिकायतों के निस्तारण और अस्पतालों का समय-समय पर निरीक्षण और उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए. राज्यपाल ने कहा कि कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराकर कुपोषण की कमी को दूर करने के प्रयास किए जाएं. सड़कों के चौड़ीकरण के समय हरे पेड़ न काटे जाएं. उन्होंने कहा कि सड़क के किनारे वृक्षारोपण ऐसे कराया जाए, जिससे भविष्य में सड़क अगर चौड़ी की जाए तो उस समय हरे पेड़ काटने की स्थिति न बने.