ETV Bharat / state

लखनऊ में वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान फंसी एंबुलेंस, लोगों के हंगामा करने के बाद दिया गया रास्ता - Ambulance Stuck in Jam

यातायात पुलिस के तमाम दावों को बावजूद वीआईपी मूवमेंट के दौरान एंबुलेंस के लिए रास्ता नहीं खोला जा रहा है. इससे मरीजों की जान पर संकट बन रहा है. बुधवार को राजधानी लखनऊ के शहीद पथ पर ऐसा मामला देखने को मिला. अब देखना होगा कि यातायाय पुलिस इससे क्या सबक लेगी.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 26, 2023, 2:27 PM IST

लखनऊ : किसी भी वीआईपी मूवमेंट के सामने एक इंसान की जान की कीमत कहीं ज्यादा होती है. इंसान की जान बचाना इंसानियत का फर्ज के साथ यातायात नियमों में भी शामिल है. बावजूद इसके राजधानी की यातायात पुलिस इस फर्ज को अक्सर भूल जाती है. मामला बुधवार रात का है. शहीद पथ मार्ग पर यातायात पुलिस ने राज्यपाल की फिलीट निकालने के लिए ट्रैफिक रोक दिया. इस दौरान मरीज को ले जा रही एक मरीज की एंबुलेंस भी ट्रैफिक में फंस गई. एंबुलेंस के साथ आए लोगों के साथ आसपास के लोगों ने भी रास्त देने की बात कही, लेकिन यातायात सिपाही ने वीआईपी मूवमेंट का हवाला देकर जाने नहीं दिया. इस पर लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. काफी कहासुनी के बाद एंबुलेंस को निकाला जा सका. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मामला तूल पकड़ते देख डीसीपी ट्रैफिक ने संबंधित मामले में जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है.


बुधवार देर शाम शहीद पथ पर वीवीआईपी मूवमेंट के कारण यातायात रोका गया था. यातायात के बीच में मरीज को ले जा रही एक एंबुलेंस भी रोक दी गई. जिसका विरोध वहां खड़े अन्य लोग करने लगे. ऐसे में ट्रैफिक सिपाही ने वीवीआईपी मूवमेंट की बात कहते हुए एंबुलेंस को रुकने की बात कही. इस पर लोगों ने विरोध किया और इंसानियत का हवाला दिया. यातायात पुलिस ने काफी देर बाद एंबुलेंस को रास्ता दिया. बहरहाल मामले का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. जिससे यातायात पुलिस की किरकिरी हो रही है.

डीसीपी ट्रैफिक हृदेश कुमार ने बताया कि यातायात नियम में भी इस बात का प्रावधान है कि वीवीआइपी मूवमेंट में अगर कोई एंबुलेंस मरीज को लेकर आती है तो वीवीआईपी मूवमेंट को रोक कर पहले एंबुलेंस को रास्ता दिया जाना चाहिए. किसी भी इंसान का जीवन पहले है. बाकी सब उसके बाद. मामला संज्ञान में आया है. जांच के आदेश दे दिए गए हैं. संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. आगे इस तरह की गलती न दोहराई जाए. इसके लिए भी सख्त कदम उठाए जाएंगे.

लखनऊ : किसी भी वीआईपी मूवमेंट के सामने एक इंसान की जान की कीमत कहीं ज्यादा होती है. इंसान की जान बचाना इंसानियत का फर्ज के साथ यातायात नियमों में भी शामिल है. बावजूद इसके राजधानी की यातायात पुलिस इस फर्ज को अक्सर भूल जाती है. मामला बुधवार रात का है. शहीद पथ मार्ग पर यातायात पुलिस ने राज्यपाल की फिलीट निकालने के लिए ट्रैफिक रोक दिया. इस दौरान मरीज को ले जा रही एक मरीज की एंबुलेंस भी ट्रैफिक में फंस गई. एंबुलेंस के साथ आए लोगों के साथ आसपास के लोगों ने भी रास्त देने की बात कही, लेकिन यातायात सिपाही ने वीआईपी मूवमेंट का हवाला देकर जाने नहीं दिया. इस पर लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. काफी कहासुनी के बाद एंबुलेंस को निकाला जा सका. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मामला तूल पकड़ते देख डीसीपी ट्रैफिक ने संबंधित मामले में जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है.


बुधवार देर शाम शहीद पथ पर वीवीआईपी मूवमेंट के कारण यातायात रोका गया था. यातायात के बीच में मरीज को ले जा रही एक एंबुलेंस भी रोक दी गई. जिसका विरोध वहां खड़े अन्य लोग करने लगे. ऐसे में ट्रैफिक सिपाही ने वीवीआईपी मूवमेंट की बात कहते हुए एंबुलेंस को रुकने की बात कही. इस पर लोगों ने विरोध किया और इंसानियत का हवाला दिया. यातायात पुलिस ने काफी देर बाद एंबुलेंस को रास्ता दिया. बहरहाल मामले का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. जिससे यातायात पुलिस की किरकिरी हो रही है.

डीसीपी ट्रैफिक हृदेश कुमार ने बताया कि यातायात नियम में भी इस बात का प्रावधान है कि वीवीआइपी मूवमेंट में अगर कोई एंबुलेंस मरीज को लेकर आती है तो वीवीआईपी मूवमेंट को रोक कर पहले एंबुलेंस को रास्ता दिया जाना चाहिए. किसी भी इंसान का जीवन पहले है. बाकी सब उसके बाद. मामला संज्ञान में आया है. जांच के आदेश दे दिए गए हैं. संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. आगे इस तरह की गलती न दोहराई जाए. इसके लिए भी सख्त कदम उठाए जाएंगे.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में अब एंबुलेंस जाम में नहीं फंसेगी, यातायात पुलिस करने जा रही नई व्यवस्था

बीजेपी नेता के स्वागत में उड़ी ट्रैफिक नियमों की धज्जियां, घंटों जाम में फंसी रहीं एंबुलेंस

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.