नूंह: पहलू खान की हत्या के मामले में अलवर जिला न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. बता दें कि साल 2017 में इस भीड़ ने गो-तस्करी के शक में पहलू खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. कोर्ट ने आज इस मामले में सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है. इस फैसले के बाद पहलू खान का परिवार मायूस है.
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परिवार की उम्मीद मातम में बदल गई
पहलू के परिवार की उम्मीद मातम में बदल गई. पहलू की पत्नी जैबुनी ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि आरोपियों को बरी कर दिया गया है तो उन्हें पहलू की घटना की याद दोबारा से ताजा हो गई. कोर्ट के फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
पहलू के चश्मदीद बेटे इरशाद एवं आर्य ने बताया कि जब उनसे आरोपियों की पहचान करवाई गई थी. उस समय तकरीबन 30 लोगों को उनके सामने खड़ा किया गया था. जिसमें घटना को करीब दो ढाई साल बीत जाने की वजह से वह आरोपियों की सही पहचान नहीं कर पाए थे.
राजस्थान पुलिस की जांच की वजह से बिगड़ा मामला: पहलू की पत्नी
पहलू के बेटों के अलावा पत्नी ने कहा कि राजस्थान पुलिस की इन्वेस्टिगेशन की वजह से ही सारा मामला खराब हुआ है. उन्होंने कहा कि हमने न्याय की उम्मीद नहीं छोड़ी है. न्याय के लिए अगर परिवार को हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा तो वह पीछे हटने वाले नहीं है.
आरिफ ने कहा कि उन्हें राजस्थान कोर्ट ने गौ तस्करी में आरोपी करार दे दिया, लेकिन जिन लोगों ने उनके पिता को मौत के घाट उतार दिया उनको बेगुनाह साबित कर दिया. उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले का वे सम्मान करते हैं, लेकिन उन्होंने अभी हिम्मत नहीं हारी है. वह अपने वकीलों से पूरे फैसले पर राय लेकर इस फैसले को जल्दी ही राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती देंगे.
ये था मामला
एक अप्रैल 2017 को हरियाणा के नूंह मेवात जिले के निवासी पहलू खान जयपुर से दो गाय खरीद कर अपने घर ले जा रहे थे. शाम करीब सात बजे बहरोड़ पुलिया से आगे निकलने पर भीड़ ने पिकअप गाड़ी को रुकवा कर पहलू ख़ान और उसके बेटों के साथ मारपीट की थी. इलाज के दौरान उसकी अस्पताल में मौत हो गई थी. पहलू ख़ान की हत्या के मामले में 8 आरोपी पकड़े गए. जिनमें दो नाबालिग हैं.