लखनऊ : बेनामी सम्पत्ति के आरोप के मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी की सास मीरा पांडेय की याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आयकर विभाग के उपायुक्त, डीसीआईटी (बेनामी निषेध इकाई), लखनऊ व अपर आयुक्त (बेनामी निषेध इकाई), लखनऊ को जवाबी हलफ़नामा दाखिल करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने दोनों अधिकारियों को एक सप्ताह में हलफ़नामा दाखिल करने को कहा है, इसके पश्चात दो दिनों में याची को प्रत्युत्तर दाखिल करना होगा. मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने मीरा पांडेय की याचिका पर पारित किया. याचिका में 5 जनवरी 2023 को जारी नोटिस व प्रोविजनल अटैचमेंट के आदेश को चुनौती दी गई है. याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर व अभिनव एन त्रिवेदी ने याचिका में तर्क दिया है कि उक्त नोटिस व आदेश अविधिक है व क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर जारी किए गए हैं, वहीं आयकर विभाग की ओर से दलील दी जा रही है कि उसकी कार्यवाही पूर्णतया विधिक है, क्योंकि कथित बेनामी सम्पत्ति के लाभार्थी एलडीए उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ही हैं. मामले की 19 जनवरी को सुनवाई के दौरान न्यायालय यह भी स्पष्ट कर चुकी है कि याची द्वारा आयकर विभाग को नोटिस का जवाब देने भर से याचिका को निष्प्रयोज्य नहीं माना जाएगा, हालांकि अंतरिम आदेश देने से भी न्यायालय ने इंकार कर दिया था.
उल्लेखनीय है कि मामला जियामऊ, विक्रमादित्य वार्ड के सृजन विहार कॉलोनी की एक सम्पत्ति का है. 3680 वर्ग फुट की उक्त सम्पत्ति 23 अप्रैल 2016 को मीरा पांडेय के नाम से 82 लाख रुपये में खरीदी गई. आयकर विभाग का आरोप है कि मीरा पांडेय की 2015-16 में कुल आय 7.30 लाख थी और यही नहीं उक्त सम्पत्ति पर ढाई मंजिल के मकान के निर्माण में भी एक करोड़ पांच लाख रुपये खर्चने का आरोप है.
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