लखनऊ: विधान परिषद में सोमवार को प्रदेश की कानून व्यवस्था और अलीगढ़ हिंसा का मामला विपक्ष के सदस्यों ने उठाया. सत्ता पक्ष के खिलाफ बोलते हुए विपक्ष के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत बद से बदतर होती जा रही है. राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े हो रही हत्याओं में अपराधियों को पकड़ा नहीं जा सका. अलीगढ़ में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों का दमन किया जा रहा है. विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर बहिर्गमन भी किया.
सपा ने विधान परिषद में उठाया अलीगढ़ हिंसा का मामला
अलीगढ़ हिंसा का मामला प्रश्नकाल में समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेश उत्तम ने उठाया. समाजवादी पार्टी ने प्रश्नकाल रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की. इस पर सत्तापक्ष की ओर से कहा गया कि आखिर प्रश्नकाल के जब 4 सवालों का जवाब हो चुका है तो विपक्ष को इसकी सुध कैसे आई है. ऐसे में पहले प्रश्नकाल पूरा कराया जाए. इस पर चर्चा बाद में की जा सकती है. क्योंकि इसके बारे में कोई नोटिस पहले से नहीं दिया गया.
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सरकार से कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं संभल रही
नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने इसके बाद मोर्चा संभाला और उन्होंने प्रदेश सरकार पर अपराध के झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया. कहा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कानून व्यवस्था की स्थिति संभल नहीं रही है. 20 फरवरी को दिनदहाड़े राजधानी में लगातार दो हत्याएं हुईं और गरीब कर्मचारी को मारकर भागने वाले लुटेरों का अब तक सुराग नहीं लगाया जा सका. गोमती नगर विस्तार में दिनदहाड़े छात्र को चाकू से गोद दिया गया. अलीगढ़ में प्रदर्शनकारियों पर जोर जुल्म किया जा रहा है.
प्रतिपक्ष की ओर से बहराइच और अन्य जिलों में हुई अपराधिक घटनाओं का भी जिक्र किया गया. इस पर नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने सरकार का पक्ष रखना शुरू किया. गलतबयानी का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने बहिर्गमन किया.