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अखिलेश यादव बोले- इस बार का विधानसभा चुनाव संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए है...

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि इस वर्ष होने वाला विधानसभा चुनाव संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए है.

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Published : Jan 5, 2022, 8:23 PM IST

लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि इस वर्ष होने वाला चुनाव संविधान और लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है.

भाजपा साजिशों की राजनीति करती है और चुनाव की निष्पक्षता को नष्ट करने पर उतारू हैं. गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र आदि प्रदेशों के भाजपा एवं आरएसएस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में चुनाव को प्रभावित करने के लिए उत्तर प्रदेश में आ चुके हैं. संविधान और स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों पर भाजपा बराबर हमलावर रही है. यही भाजपा का मूल एजेण्डा भी है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा नेतृत्व का मात्र संगठन आरएसएस न तो स्वतंत्रता संग्राम में शामिल था और न ही उनकी प्रतिबद्धता संविधान और उसमें उल्लिखित समाजवाद, पंथनिरपेक्षता पर रही.

लोकतंत्र के विरूद्ध उनका आचरण जगजाहिर है जबकि समाजवादी लोकतंत्र और सबके हक तथा सम्मान के लिए संघर्षरत रहे हैं. भाजपा ने समाज के दलितों, पिछड़ों के हक को छीनकर उन्हें प्रताड़ित करने का काम किया है. भाजपा और समाजवादी पार्टी की नीति और नीयत में यही फर्क जगजाहिर है.

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, लूट और षडयंत्र भाजपा की रणनीति और कार्यनीति के प्रमुख अंग हैं. जनता की गाढ़ी कमाई को अपने झूठे विज्ञापनों पर फूंकना भाजपा का आचरण रहा है. समाजवादी सरकार ने विकास कार्यों पर धन खर्च किया था. समाजवादी पार्टी ने एक्सप्रेस-वे, मेट्रो, के अलावा मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप बांटे, गरीब महिलाओं को पेंशन दी और छात्राओं को कन्या विद्याधन. भाजपा अपने पूरे कार्यकाल में एक भी अपनी योजना नहीं ला सकी. न लैपटाप दिए और न ही गरीबों को आवास. भाजपा और सपा के कामों में यही अंतर है.

उन्होंने कहा कि जहां तक कानून व्यवस्था की स्थिति है भाजपा राज में सत्ता के संरक्षण में अपराधियों का बोलबाला है. असामाजिक तत्व व अपराधी पुलिस के सायें में खेल-खेलते दिखाई देते हैं.

भाजपा सरकार ने अब तक टॉप टेन अपराधियों की सूची भी नहीं जारी की हैं. भाजपा राज में किसानों पर जीप चढ़ाकर कुचल देने वाला मंत्री अभी तक नहीं हटाया गया है. भाजपा के अंधेरराज का यही परिचय है.

ये भी पढ़ेंः पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक पंजाब सरकार के संरक्षण में हुआ, माफी मांगे सरकारः CM योगी

कहा कि बेरोजगार नौजवान सरकारी विभागों में खाली पदों पर भर्ती की मांग को लेकर लगातार आंदोलित हैं. वे ताली-थाली बजाकर भाजपा के विदाई गीत गा रहे हैं.

समाजवादी सरकार में ही पुलिस पीएसी में भर्तियां हुई थी. शिक्षकों को सम्मान मिला. भाजपा राज में उन्हें लाठियां मिल रही हैं. भाजपा- समाजवादी पार्टी में यही फर्क दिखाई देता है.

उन्होंने कहा कि जिस डायल 100 को समाजवादी सरकार ने जनता की सेवा, सुरक्षा और बेहतर कानून व्यवस्था के लिए बनाया था, उसका नाम भाजपा सरकार ने 112 कर दिया. फिर उससे सवारी ढोने का काम लिया जाने लगा है. भाजपा नाम और रंग बदलने में माहिर है.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का सबसे प्रिय काम नफरत फैलाना है, समाज को बांटना है. समाजवादी सरकार ने अपने कार्यकाल में सद्भाव कायम रखा. समाज के सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा, कोई भेदभाव-पक्षपात नहीं किया.

भाजपा ने किसानों, नौजवानों, व्यापारियों सभी को धोखा दिया. अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया. भाजपा शासन के 2017 से कार्यकाल में विकास अवरूद्ध रहा है. भाजपा और समाजवादी पार्टी की सरकारों में यही फर्क साफतौर पर है.

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लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि इस वर्ष होने वाला चुनाव संविधान और लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है.

भाजपा साजिशों की राजनीति करती है और चुनाव की निष्पक्षता को नष्ट करने पर उतारू हैं. गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र आदि प्रदेशों के भाजपा एवं आरएसएस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में चुनाव को प्रभावित करने के लिए उत्तर प्रदेश में आ चुके हैं. संविधान और स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों पर भाजपा बराबर हमलावर रही है. यही भाजपा का मूल एजेण्डा भी है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा नेतृत्व का मात्र संगठन आरएसएस न तो स्वतंत्रता संग्राम में शामिल था और न ही उनकी प्रतिबद्धता संविधान और उसमें उल्लिखित समाजवाद, पंथनिरपेक्षता पर रही.

लोकतंत्र के विरूद्ध उनका आचरण जगजाहिर है जबकि समाजवादी लोकतंत्र और सबके हक तथा सम्मान के लिए संघर्षरत रहे हैं. भाजपा ने समाज के दलितों, पिछड़ों के हक को छीनकर उन्हें प्रताड़ित करने का काम किया है. भाजपा और समाजवादी पार्टी की नीति और नीयत में यही फर्क जगजाहिर है.

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, लूट और षडयंत्र भाजपा की रणनीति और कार्यनीति के प्रमुख अंग हैं. जनता की गाढ़ी कमाई को अपने झूठे विज्ञापनों पर फूंकना भाजपा का आचरण रहा है. समाजवादी सरकार ने विकास कार्यों पर धन खर्च किया था. समाजवादी पार्टी ने एक्सप्रेस-वे, मेट्रो, के अलावा मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप बांटे, गरीब महिलाओं को पेंशन दी और छात्राओं को कन्या विद्याधन. भाजपा अपने पूरे कार्यकाल में एक भी अपनी योजना नहीं ला सकी. न लैपटाप दिए और न ही गरीबों को आवास. भाजपा और सपा के कामों में यही अंतर है.

उन्होंने कहा कि जहां तक कानून व्यवस्था की स्थिति है भाजपा राज में सत्ता के संरक्षण में अपराधियों का बोलबाला है. असामाजिक तत्व व अपराधी पुलिस के सायें में खेल-खेलते दिखाई देते हैं.

भाजपा सरकार ने अब तक टॉप टेन अपराधियों की सूची भी नहीं जारी की हैं. भाजपा राज में किसानों पर जीप चढ़ाकर कुचल देने वाला मंत्री अभी तक नहीं हटाया गया है. भाजपा के अंधेरराज का यही परिचय है.

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कहा कि बेरोजगार नौजवान सरकारी विभागों में खाली पदों पर भर्ती की मांग को लेकर लगातार आंदोलित हैं. वे ताली-थाली बजाकर भाजपा के विदाई गीत गा रहे हैं.

समाजवादी सरकार में ही पुलिस पीएसी में भर्तियां हुई थी. शिक्षकों को सम्मान मिला. भाजपा राज में उन्हें लाठियां मिल रही हैं. भाजपा- समाजवादी पार्टी में यही फर्क दिखाई देता है.

उन्होंने कहा कि जिस डायल 100 को समाजवादी सरकार ने जनता की सेवा, सुरक्षा और बेहतर कानून व्यवस्था के लिए बनाया था, उसका नाम भाजपा सरकार ने 112 कर दिया. फिर उससे सवारी ढोने का काम लिया जाने लगा है. भाजपा नाम और रंग बदलने में माहिर है.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का सबसे प्रिय काम नफरत फैलाना है, समाज को बांटना है. समाजवादी सरकार ने अपने कार्यकाल में सद्भाव कायम रखा. समाज के सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा, कोई भेदभाव-पक्षपात नहीं किया.

भाजपा ने किसानों, नौजवानों, व्यापारियों सभी को धोखा दिया. अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया. भाजपा शासन के 2017 से कार्यकाल में विकास अवरूद्ध रहा है. भाजपा और समाजवादी पार्टी की सरकारों में यही फर्क साफतौर पर है.

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