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रामपुर दौरे से अखिलेश को मिलेगा राजनीतिक फायदा!

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के दौरे का राजनीतिक फायदा मिलता नहीं दिख रहा है. वहीं भाजपा ने सपा के आंदोलन को भ्रष्टाचार संरक्षण का अभियान करार दिया है.

अखिलेश यादव के दौरे का राजनीतिक फायदा मिलता नहीं दिख रहा.
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Published : Sep 15, 2019, 6:08 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने बरेली से रामपुर होते हुए पीलीभीत का दौरा कर कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार कर दिया है, लेकिन इसका राजनीतिक फायदा उन्हें मिल पाएगा इसमें संदेह है. वहीं उनकी इस लड़ाई को भाजपा भ्रष्टाचार के संरक्षण का संघर्ष बताकर कमजोर करने में जुट गई है.

अखिलेश यादव के दौरे का राजनीतिक फायदा मिलता नहीं दिख रहा.

अखिलेश यादव थामे आंदोलन की कमान
सपा को विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक करारी हार का सामना करना पड़ा, वहीं पार्टी के अंदर भी कई सारे नेता यह सवाल करते देखे गए कि आखिर संघर्ष करने वाली पार्टी सड़क से दूर क्यों हैं. पार्टी के कई नेता यह चाहते थे कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतर कर आंदोलन की कमान थामे. इससे पार्टी को जनता के बीच पैठ बनाने में मदद मिलेगी, लेकिन पार्टी के अंदर एक दूसरा धड़ा था जो अखिलेश यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वाले आभामंडल का हवाला देकर उनके सड़क पर उतरने का विरोध करता रहा.

अखिलेश यादव के दौरे का राजनीतिक फायदा मिलता नहीं दिख रहा
इस वर्ग का मानना था कि अगर अखिलेश यादव के नेतृत्व में आंदोलन हो तो वह निर्णायक होना चाहिए. उसमें चूक या कमी होगी तो पार्टी के नए नेतृत्व पर गहरा दाग लगेगा. ऐसे में आजम खां के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने जब शाहजहांपुर, बरेली, रामपुर पीलीभीत और सीतापुर में कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क स्थापित किया तो समर्थक वर्ग से मिले रिस्पांस ने सभी को चौंका दिया. लेकिन इससे पार्टी को बड़ा राजनीतिक फायदा मिलता नहीं दिखाई दे रहा है.

इसे भी पढ़ें- रामपुर से पीलीभीत पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव

सपा के इस आंदोलन से भाजपा भी चौकन्नी है. भाजपा ने सपा के आंदोलन को भ्रष्टाचार संरक्षण का अभियान करार दिया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज मिश्रा ने सपा पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि सपा का जन्म ही भ्रष्टाचार से हुआ और हमेशा वह गुंडे व भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देती रही है. रामपुर में भी अखिलेश यादव यही करने के लिए पहुंचे. यह बात आम जनता भी भली भांति जान चुकी है ऐसे में उन्हें कोई राजनीतिक फायदा मिलने वाला नहीं है.

अखिलेश यादव ने आजम खां के मुद्दे पर सड़क पर उतरने का 'देर से लेकिन दुरुस्त फ़ैसला' किया है. इसका उन्हें अल्पसंख्यक मतदाता वर्ग में फायदा मिलेगा, लेकिन प्रदेश की राजनीति में अगर सपा को अपनी खोई हैसियत हासिल करनी है तो जनता से जुड़े मुद्दों पर ऐसे ही आंदोलन की राह अपनानी होगी.
-रतनमणि लाल, राजनीतिक विश्लेषक

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने बरेली से रामपुर होते हुए पीलीभीत का दौरा कर कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार कर दिया है, लेकिन इसका राजनीतिक फायदा उन्हें मिल पाएगा इसमें संदेह है. वहीं उनकी इस लड़ाई को भाजपा भ्रष्टाचार के संरक्षण का संघर्ष बताकर कमजोर करने में जुट गई है.

अखिलेश यादव के दौरे का राजनीतिक फायदा मिलता नहीं दिख रहा.

अखिलेश यादव थामे आंदोलन की कमान
सपा को विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक करारी हार का सामना करना पड़ा, वहीं पार्टी के अंदर भी कई सारे नेता यह सवाल करते देखे गए कि आखिर संघर्ष करने वाली पार्टी सड़क से दूर क्यों हैं. पार्टी के कई नेता यह चाहते थे कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतर कर आंदोलन की कमान थामे. इससे पार्टी को जनता के बीच पैठ बनाने में मदद मिलेगी, लेकिन पार्टी के अंदर एक दूसरा धड़ा था जो अखिलेश यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वाले आभामंडल का हवाला देकर उनके सड़क पर उतरने का विरोध करता रहा.

अखिलेश यादव के दौरे का राजनीतिक फायदा मिलता नहीं दिख रहा
इस वर्ग का मानना था कि अगर अखिलेश यादव के नेतृत्व में आंदोलन हो तो वह निर्णायक होना चाहिए. उसमें चूक या कमी होगी तो पार्टी के नए नेतृत्व पर गहरा दाग लगेगा. ऐसे में आजम खां के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने जब शाहजहांपुर, बरेली, रामपुर पीलीभीत और सीतापुर में कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क स्थापित किया तो समर्थक वर्ग से मिले रिस्पांस ने सभी को चौंका दिया. लेकिन इससे पार्टी को बड़ा राजनीतिक फायदा मिलता नहीं दिखाई दे रहा है.

इसे भी पढ़ें- रामपुर से पीलीभीत पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव

सपा के इस आंदोलन से भाजपा भी चौकन्नी है. भाजपा ने सपा के आंदोलन को भ्रष्टाचार संरक्षण का अभियान करार दिया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज मिश्रा ने सपा पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि सपा का जन्म ही भ्रष्टाचार से हुआ और हमेशा वह गुंडे व भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देती रही है. रामपुर में भी अखिलेश यादव यही करने के लिए पहुंचे. यह बात आम जनता भी भली भांति जान चुकी है ऐसे में उन्हें कोई राजनीतिक फायदा मिलने वाला नहीं है.

अखिलेश यादव ने आजम खां के मुद्दे पर सड़क पर उतरने का 'देर से लेकिन दुरुस्त फ़ैसला' किया है. इसका उन्हें अल्पसंख्यक मतदाता वर्ग में फायदा मिलेगा, लेकिन प्रदेश की राजनीति में अगर सपा को अपनी खोई हैसियत हासिल करनी है तो जनता से जुड़े मुद्दों पर ऐसे ही आंदोलन की राह अपनानी होगी.
-रतनमणि लाल, राजनीतिक विश्लेषक

Intro:लखनऊ. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने बरेली से रामपुर होते हुए पीलीभीत का दौरा कर कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार कर दिया है लेकिन इसका राजनीतिक फायदा उन्हें मिल पाएगा। इसमें संदेह है क्योंकि उनकी इस लड़ाई को भाजपा भ्रष्टाचार के संरक्षण का संघर्ष बताकर कमजोर करने में जुट गई है.


Body:समाजवादी पार्टी को विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक करारी हार का सामना करना पड़ा तो पार्टी के अंदर भी कई सारे नेता यह सवाल करते देखे गए कि आखिर संघर्ष करने वाली पार्टी सड़क से दूर क्यों है । पार्टी के कई नेता यह चाहते थे कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतर कर आंदोलन की कमान थामे इससे पार्टी को जनता के बीच पैठ बनाने में मदद मिलेगी लेकिन पार्टी के अंदर एक दूसरा धड़ा था जो अखिलेश यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वाले आभामंडल का हवाला देकर उनके सड़क पर उतरने का विरोध करता रहा इस वर्ग का मानना था कि अगर अखिलेश यादव के नेतृत्व में आंदोलन हो निर्णायक होना चाहिए उसमें चूक या कमी होगी तो पार्टी के नए नेतृत्व पर गहरा दाग लगेगा। ऐसे में आजम खान के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने जब शाहजहांपुर, बरेली ,रामपुर पीलीभीत, और सीतापुर में कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क स्थापित किया तो समर्थक वर्ग से मिले रिस्पांस ने सभी को चौंका दिया। लेकिन इससे पार्टी को बड़ा राजनीतिक फायदा मिलता नहीं दिखाई दे रहा है । राजनीतिक विश्लेषक रतन मणिलाल का मानना है कि अखिलेश यादव ने आजम खान के मुद्दे पर सड़क पर उतरने का "देर से लेकिन दुरुस्त फ़ैसला" किया है इसका उन्हें अल्पसंख्यक मतदाता वर्ग में फायदा मिलेगा लेकिन प्रदेश की राजनीति में अगर समाजवादी पार्टी को अपनी खोई हैसियत हासिल करनी है तो जनता से जुड़े मुद्दों पर ऐसे ही आंदोलन की राह अपनानी होगी।

बाइट /रतन मणिलाल राजनीतिक विश्लेषक

समाजवादी पार्टी के इस आंदोलन से भारतीय जनता पार्टी भी चौकन्नी है। भाजपा ने समाजवादी पार्टी के आंदोलन को भ्रष्टाचार संरक्षण का अभियान करार दिया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनोज मिश्र ने समाजवादी पार्टी पर तीखा प्रहार किया है उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी का जन्म ही भ्रष्टाचार से हुआ और हमेशा वह गुंडे व भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देती रही है रामपुर में भी अखिलेश यादव यही करने के लिए पहुंचे यह बात आम जनता भी भली भांति जान चुकी है ऐसे में उन्हें कोई राजनीतिक फायदा मिलने वाला नहीं है।


बाइट /मनोज मिश्र, प्रदेश प्रवक्ता भारतीय जनता पार्टी

पीटीसी/ अखिलेश तिवारी


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