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चुनाव के दौरान गन्ना किसानों से किया गया वादा छलावा साबित हुआ : अजय कुमार लल्लू

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार बनने के 14 दिनों के अंदर बकाया भुगतान करने का वादा भी झूठा साबित हुआ. गन्ना किसानों का 12 हजार 219 करोड़ रुपये सरकार पर बकाया है. ब्याज की कौन कहे, उन्हें उनके मूलधन का भी भुगतान नहीं हो सका है.

ajay kumar lallu targeted yogi
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू.
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Published : Dec 17, 2020, 10:23 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि वह गन्ना किसानों के बकाया भुगतान पर कतई गम्भीर नहीं है. अपने चुनावी संकल्प पत्र में सत्ता में आने पर 14 दिनों के भीतर गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करने और ऐसा न होने पर ब्याज सहित बकाये का भुगतान कराने का वादा करने वाले मुख्यमंत्री का वादा झूठा साबित हुआ. सत्ता में आने और लगभग चार वर्ष बीत जाने के बाद वे अपने उस वादे को भूल चुके हैं. ब्याज की कौन कहे, गन्ना किसानों को उनके मूलधन का भी भुगतान नहीं हो सका है. भारतीय जनता पार्टी का गन्ना किसानों से चुनाव के दौरान किया गया वादा भी किसानों के लिए सिर्फ छलावा साबित हुआ है.
'संवेदनहीनता की सारी सीमाएं लांघ रही है योगी सरकार'
पार्टी मुख्यालय की तरफ से जारी बयान में अजय कुमार लल्लू ने कहा कि गन्ना किसान बकाया भुगतान न होने से आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं, लेकिन वे इसे बर्दाश्त कर रहे हैं. बकाये मूल्य के भुगतान के लिए वे सड़कों पर संघर्ष करने के लिए विवश हैं. इतना ही नहीं, कई जनपदों में किसान आर्थिक तंगी व कर्ज के बोझ के चलते आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुए हैं. भाजपा सरकार गन्ना किसानों के प्रति संवेदनहीनता की सारी सीमाएं लांघ रही है. योगी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण गन्ना किसानों का अभी तक 12 हजार 219 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान लटका हुआ है. गन्ना किसान वर्तमान पेराई सत्र में भी अपने गन्ने की उपज को चीनी मिलों के हाथों बेचने के लिए मजबूर हैं.

'किसानों को मरने के लिए विवश कर रही सरकार'
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा व योगी के वादे अब तक झूठ व छलावा साबित हुए हैं. उन्हें गन्ना किसानों सहित किसानों की बदहाल आर्थिक स्थिति से कोई लेना देना नहीं है. योगी सरकार गन्ना किसानों को तिल-तिल कर मरने के लिए विवश कर रही है. इसे विडम्बना ही कहा जाएगा कि गन्ना किसानों की खून पसीने और हाड़तोड़ मेहनत से पैदा किए गए गन्ने की उपज के बल पर आज उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन में रिकार्ड तोड़ रहा है और चीनी उत्पादक उद्योगपति शीरा व सेनेटाइजर आदि बनाकर भारी लाभ कमा रहे हैं. सरकार चीनी मिल मालिकों को तमाम तरह की सब्सिडी व सुविधाएं दे रही है. उसके बाद भी वह गन्ना किसानों का बकाया भुगतान न करके गन्ना किसानों का शोषण कर रहे हैं. सरकार चीनी मिल मालिकों के विरुद्ध किसी भी तरह की कार्रवाई करने से बच रही है. सरकार और चीनी मिल मालिकों की सांठ-गांठ का ही परिणाम है कि चीनी के लिए गन्ने की पैदावार करने वाले गन्ना किसान आर्थिक तंगी और भुखमरी की कगार पर हैं.

किसानों की मांग पर चुप है सरकार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य सरकार की तरफ से 3500 करोड़ की निर्यात सब्सिडी को गन्ना किसानों के लिए मात्र एक छलावा बताया. उन्होंने कहा कि योगी सरकार का यह कदम गन्ना किसानों को भ्रमित करने का प्रयास है. गन्ना किसानों का सम्पूर्ण बकाये का भुगतान तत्काल सुनिश्चित कराया जाना ही गन्ना किसानों की समस्या का एक मात्र समाधान है, जिसकी तरफ योगी सरकार आंख मूंदे बैठी हुई है. राज्य की भाजपा सरकार एक बार फिर गन्ना किसानों के साथ धोखेबाजी करने का काम कर रही है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि वह गन्ना किसानों के बकाया भुगतान पर कतई गम्भीर नहीं है. अपने चुनावी संकल्प पत्र में सत्ता में आने पर 14 दिनों के भीतर गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करने और ऐसा न होने पर ब्याज सहित बकाये का भुगतान कराने का वादा करने वाले मुख्यमंत्री का वादा झूठा साबित हुआ. सत्ता में आने और लगभग चार वर्ष बीत जाने के बाद वे अपने उस वादे को भूल चुके हैं. ब्याज की कौन कहे, गन्ना किसानों को उनके मूलधन का भी भुगतान नहीं हो सका है. भारतीय जनता पार्टी का गन्ना किसानों से चुनाव के दौरान किया गया वादा भी किसानों के लिए सिर्फ छलावा साबित हुआ है.
'संवेदनहीनता की सारी सीमाएं लांघ रही है योगी सरकार'
पार्टी मुख्यालय की तरफ से जारी बयान में अजय कुमार लल्लू ने कहा कि गन्ना किसान बकाया भुगतान न होने से आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं, लेकिन वे इसे बर्दाश्त कर रहे हैं. बकाये मूल्य के भुगतान के लिए वे सड़कों पर संघर्ष करने के लिए विवश हैं. इतना ही नहीं, कई जनपदों में किसान आर्थिक तंगी व कर्ज के बोझ के चलते आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुए हैं. भाजपा सरकार गन्ना किसानों के प्रति संवेदनहीनता की सारी सीमाएं लांघ रही है. योगी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण गन्ना किसानों का अभी तक 12 हजार 219 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान लटका हुआ है. गन्ना किसान वर्तमान पेराई सत्र में भी अपने गन्ने की उपज को चीनी मिलों के हाथों बेचने के लिए मजबूर हैं.

'किसानों को मरने के लिए विवश कर रही सरकार'
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा व योगी के वादे अब तक झूठ व छलावा साबित हुए हैं. उन्हें गन्ना किसानों सहित किसानों की बदहाल आर्थिक स्थिति से कोई लेना देना नहीं है. योगी सरकार गन्ना किसानों को तिल-तिल कर मरने के लिए विवश कर रही है. इसे विडम्बना ही कहा जाएगा कि गन्ना किसानों की खून पसीने और हाड़तोड़ मेहनत से पैदा किए गए गन्ने की उपज के बल पर आज उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन में रिकार्ड तोड़ रहा है और चीनी उत्पादक उद्योगपति शीरा व सेनेटाइजर आदि बनाकर भारी लाभ कमा रहे हैं. सरकार चीनी मिल मालिकों को तमाम तरह की सब्सिडी व सुविधाएं दे रही है. उसके बाद भी वह गन्ना किसानों का बकाया भुगतान न करके गन्ना किसानों का शोषण कर रहे हैं. सरकार चीनी मिल मालिकों के विरुद्ध किसी भी तरह की कार्रवाई करने से बच रही है. सरकार और चीनी मिल मालिकों की सांठ-गांठ का ही परिणाम है कि चीनी के लिए गन्ने की पैदावार करने वाले गन्ना किसान आर्थिक तंगी और भुखमरी की कगार पर हैं.

किसानों की मांग पर चुप है सरकार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य सरकार की तरफ से 3500 करोड़ की निर्यात सब्सिडी को गन्ना किसानों के लिए मात्र एक छलावा बताया. उन्होंने कहा कि योगी सरकार का यह कदम गन्ना किसानों को भ्रमित करने का प्रयास है. गन्ना किसानों का सम्पूर्ण बकाये का भुगतान तत्काल सुनिश्चित कराया जाना ही गन्ना किसानों की समस्या का एक मात्र समाधान है, जिसकी तरफ योगी सरकार आंख मूंदे बैठी हुई है. राज्य की भाजपा सरकार एक बार फिर गन्ना किसानों के साथ धोखेबाजी करने का काम कर रही है.

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