लखनऊ: साल के आखिरी सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाई. श्रद्धालु सूर्यग्रहण के दौरान भजन कीर्तन और दान पुण्य करते नजर आए. इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहे.
वाराणसी में लगी आस्था की डुबकी
साल के अंतिम सूर्यग्रहण के मोक्ष के बाद शिव की नगरी काशी में गंगा स्नान को भक्तों की भीड़ देखने को मिली. वाराणसी के 84 घाटों पर भक्तों की भीड़ लगी रही. श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद दान करते दिखे. ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के मोक्ष के बाद स्नान करने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.
घाटों पर देर रात से ही लोगों का जमावड़ा रहा. लोग रात भर भगवान का सुमिरन करते रहें और सुबह होते ही लोगों ने स्नान किया. सूर्यग्रहण समाप्त होने के बाद ही उपग्रह होते ही फिर मां गंगा के पावन जल में स्नान कर आशीर्वाद प्राप्त किया.
सुबह से ही घाट लोगों की भीड़ से भरा रहा. लोगों ने ग्रहण लगने से पहले स्नान किया और ग्रहण समाप्त होने के बाद भी उग्र स्नान किया. मान्यता है कि ग्रहण में स्नान करने के बाद ब्राह्मणों को तिल गुड़ पट्टी दान दिया जाता है. जिससे सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं.
-किशोरी रमन दुबे,पंडित
मथुरा में यमुना किनारे जुटा श्रद्धालुओं का जनसैलाब
सूर्यग्रहण खत्म होने के बाद श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में आस्था की डुबकी लगाई. शहर के विश्राम घाट पर दूर- दराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद दान पुण्य किया. सूर्यग्रहण खत्म होने के बाद लोगों ने मंदिरों में दर्शन किए. इस दौरान श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारकाधीश मंदिर और वृंदावन के तमाम मंदिर बंद रहे.