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लखनऊ: सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी - साल के आखिरी सूर्यग्रहण

सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा यमुना सहित पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाई. सूर्यग्रहण के दौरान लोगों ने भजन-कीर्तन किया. ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के मोक्ष के बाद स्नान करने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

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सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.
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Published : Dec 26, 2019, 1:22 PM IST

लखनऊ: साल के आखिरी सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाई. श्रद्धालु सूर्यग्रहण के दौरान भजन कीर्तन और दान पुण्य करते नजर आए. इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहे.

सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.

वाराणसी में लगी आस्था की डुबकी

साल के अंतिम सूर्यग्रहण के मोक्ष के बाद शिव की नगरी काशी में गंगा स्नान को भक्तों की भीड़ देखने को मिली. वाराणसी के 84 घाटों पर भक्तों की भीड़ लगी रही. श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद दान करते दिखे. ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के मोक्ष के बाद स्नान करने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

घाटों पर देर रात से ही लोगों का जमावड़ा रहा. लोग रात भर भगवान का सुमिरन करते रहें और सुबह होते ही लोगों ने स्नान किया. सूर्यग्रहण समाप्त होने के बाद ही उपग्रह होते ही फिर मां गंगा के पावन जल में स्नान कर आशीर्वाद प्राप्त किया.

सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.
इसे भी पढ़ें:-विधानसभा अध्यक्ष ने अटल जयंती और क्रिसमस पर दी शुभकामनाएं

सुबह से ही घाट लोगों की भीड़ से भरा रहा. लोगों ने ग्रहण लगने से पहले स्नान किया और ग्रहण समाप्त होने के बाद भी उग्र स्नान किया. मान्यता है कि ग्रहण में स्नान करने के बाद ब्राह्मणों को तिल गुड़ पट्टी दान दिया जाता है. जिससे सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं.
-किशोरी रमन दुबे,पंडित

मथुरा में यमुना किनारे जुटा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

सूर्यग्रहण खत्म होने के बाद श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में आस्था की डुबकी लगाई. शहर के विश्राम घाट पर दूर- दराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद दान पुण्य किया. सूर्यग्रहण खत्म होने के बाद लोगों ने मंदिरों में दर्शन किए. इस दौरान श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारकाधीश मंदिर और वृंदावन के तमाम मंदिर बंद रहे.

लखनऊ: साल के आखिरी सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाई. श्रद्धालु सूर्यग्रहण के दौरान भजन कीर्तन और दान पुण्य करते नजर आए. इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहे.

सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.

वाराणसी में लगी आस्था की डुबकी

साल के अंतिम सूर्यग्रहण के मोक्ष के बाद शिव की नगरी काशी में गंगा स्नान को भक्तों की भीड़ देखने को मिली. वाराणसी के 84 घाटों पर भक्तों की भीड़ लगी रही. श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद दान करते दिखे. ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के मोक्ष के बाद स्नान करने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

घाटों पर देर रात से ही लोगों का जमावड़ा रहा. लोग रात भर भगवान का सुमिरन करते रहें और सुबह होते ही लोगों ने स्नान किया. सूर्यग्रहण समाप्त होने के बाद ही उपग्रह होते ही फिर मां गंगा के पावन जल में स्नान कर आशीर्वाद प्राप्त किया.

सूर्यग्रहण के बाद श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.
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सुबह से ही घाट लोगों की भीड़ से भरा रहा. लोगों ने ग्रहण लगने से पहले स्नान किया और ग्रहण समाप्त होने के बाद भी उग्र स्नान किया. मान्यता है कि ग्रहण में स्नान करने के बाद ब्राह्मणों को तिल गुड़ पट्टी दान दिया जाता है. जिससे सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं.
-किशोरी रमन दुबे,पंडित

मथुरा में यमुना किनारे जुटा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

सूर्यग्रहण खत्म होने के बाद श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में आस्था की डुबकी लगाई. शहर के विश्राम घाट पर दूर- दराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद दान पुण्य किया. सूर्यग्रहण खत्म होने के बाद लोगों ने मंदिरों में दर्शन किए. इस दौरान श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारकाधीश मंदिर और वृंदावन के तमाम मंदिर बंद रहे.

Intro:साल के अंतिम सूर्य ग्रहण के मोक्ष के बाद शिव की नगरी काशी में गंगा स्नान को भक्तों का रेला लगा रहा । वाराणसी के 84 घाटों पर भक्तों की भीड़ लगी रही। श्रद्धालु गंगा स्नान में बाद दान करते दिखे। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के मोक्ष के बाद स्नान करने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते है।

Body:घाटों पर देर रात से ही लोगों का जमावड़ा रहा लोग रात भर भगवान का सुमिरन करते रहें ।और सुबह होते ही लोगों ने स्नान किया उसके बाद ध्यान किया और सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद ही उपग्रह होते ही फिर मां गंगा के पावन जल में स्नान कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

Conclusion:किशोरी रमन दुबे ने बताया सुबह से ही घाट लोगों के भीड़ से भरा रहा लोगों ने ग्रहण लगने से पहले स्नान किया और ग्रहण समाप्त होने के बाद भी उग्र स्नान किया मान्यता है।कि ग्रहण में स्थान करने के बाद ब्राह्मणों को तिल गुड़ पट्टी दान दिया जाता है। दलितों को दान दिया जाता है। जिससे सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

बाइट - किशोरी रमन दुबे - पंडित

दीपक ने बताया सूर्य ग्रहण लगने से पहले ही हम लोग घाटों पर आ गए सूर्यग्रहण के पहले स्नान किया उसके बाद उग्र के साथी मां गंगा के पावन जल में स्नान कर आशीर्वाद लिया इसके बाद हम लोग दान करते हुए का बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर अपने अपने घर को जाएंगे।

बाईट:-- दीपक, श्रद्धालु

पूनम पांडे ने बताया आज हम लोग सूर्य ग्रहण के बाद मां गंगा के जल में स्नान किए शास्त्रों के मान्यता अनुसार सूर्य ग्रहण के बाद गंगा स्नान का महत्व है जिसे घर परिवार सब सुख समृद्धि रहता है.
बाईट :-- पूनम पांडेय

आशुतोष उपाध्याय, वाराणासी

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