लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों, कम्पनियों, निगमों में प्रतिनियुक्त सरकारी सेवकों के विलय के बाद उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन स्वीकृत किए जाने का निर्णय लिया है. इस संबंध में अपर मुख्य सचिव वित्त एस. राधा चौहान द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है.
अपर मुख्य सचिव वित्त द्वारा समस्त अपर मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव, विभागाध्यक्ष तथा प्रमुख कार्यालयाध्यक्ष को निर्देशित पत्र में कहा गया है कि शासनादेश दिनांक 04 मार्च, 1971 से आच्छादित सरकारी सेवकों के सार्वजनिक उपक्रमों, कम्पनियों, निगमों में संविलयन के प्रकरणों में, यदि संबंधित सार्वजनिक उपक्रमों, कम्पनियों, निगमों में पारिवारिक पेंशन अनुमन्य नहीं है, तो राज्य सरकार द्वारा पारिवारिक पेंशन का भुगतान किया जाएगा. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और इन आदेशों के बाद किसी प्रकार के एरियर का भुगतान देय नहीं होगा. इन आदेशों से ऐसे प्रकरण भी आच्छादित होंगे, जिनमें संबंधित सेवानिवृत्त कार्मिक की मृत्यु इस शासनादेश के निर्गत होने की तिथि के पूर्व हो चुकी हो.
इसे भी पढ़ें- खुशखबरी : चुनाव से पहले कर्मचारियों को मिलेगा रुका हुआ महंगाई भत्ता
शासन के समक्ष ऐसे प्रकरण आए हैं, जिनमें सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों, कम्पनियों, निगमों में प्रतिनियुक्त सरकारी सेवकों का संविलयन शासनादेश दिनांक 04 मार्च 1971 के प्रावधानों के अंतर्गत हुआ है और उक्त शासनादेश में पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था नहीं होने के कारण ऐसे कार्मिकों की मृत्यु के बाद उनके परिवारों को पारिवारिक पेंशन प्राप्त नहीं हो रही है. ऐसे प्रकरणों में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए यह शासनादेश निर्गत किया गया है.