लखनऊः कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट 2023) का परिणाम जारी हो चुका है. अब छात्र काउंसलिंग प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए जनवरी के फर्स्ट वीक से काउंसलिंग की प्रक्रिया आयोजित होनी है. इस प्रक्रिया को लेकर छात्र असमंजस की स्थिति में है. छात्रों का कहना है कि उनका अभी बोर्ड एग्जाम होना बाकी है. ऐसे में बिना परीक्षा का परिणाम आए वह अगर प्रवेश लेते हैं तो आगे चलकर उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. वही लॉ विश्वविद्यालय (एनएलयू) कंसोटीयम जनवरी के पहले सप्ताह से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करेगा.
पहली बार प्रक्रिया में किया है बदलाव
लॉ विश्वविद्यालय (एनएलयू) कंसोटीयम ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट के पूरे प्रक्रिया में बदलाव किया है. पहली बार बिना 12वीं के एग्जाम हुए बिना ही कंसोर्सियम में क्लैट परीक्षा आयोजित करा दी है. अभी तक यह परीक्षा मई महीने में आयोजित होता था. तब तक परीक्षार्थियों के बोर्ड परीक्षा हो चुके होते थे. जैसे ही परिणाम जारी होता था. परीक्षार्थी काउंसलिंग कराकर प्रवेश पा लेते थे. पर यह पहला मौका होगा जब छात्र बिना बोर्ड परीक्षा के परिणाम आए हुए 6 महीना पहले ही राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में प्रोविजनल प्रवेश लेंगे. ऐसे में छात्रों को डर है कि अगर कहीं उनका बोर्ड का परिणाम किसी कारणवश अच्छा नहीं रहा तो उनके कैरियर पर इसका बुरा असर पड़ेगा.
12वीं दे चुके व 12वीं कर रहे दोनों छात्र काउंसलिंग में होंगे शामिल
क्लैट एक्सपोर्ट नितिन राकेश ने बताया कि परीक्षा आयोजित कराने वाली समिति के इस फैसले से इस बार शामिल हुए सभी छात्र असमंजस में है. उन्होंने बताया कि जो छात्र 12वीं की परीक्षा दे चुके हैं. वह छात्रबकाउंसलिंग के समय प्रवेश की सारे मानक पूरे करेंगे. वहीं इस साल जिन छात्रों को बोर्ड परीक्षा देनी है वह काउंसलिंग कराने के बाद अगले 5 से 6 महीने अपने परिणाम का इंतजार करेंगे. उन्होंने बताया कि काउंसलिंग में जारी मेरिट के अनुसार छात्रों को शामिल कराया जाएगा. इसके प्रक्रिया के तहत दोनों ही छात्रों को प्रोविजनल ही प्रवेश दिया जाएगा. साथ ही 12वीं दे रहे छात्रों को बोर्ड का परिणाम आने के बाद अपने अंक अपलोड करने होंगे.
उन्होंने बताया कि क्लैट की परीक्षा में करीब 20 फीसदी 12वीं के छात्र शामिल होते हैं. इन छात्रों को परीक्षा में शामिल होने के लिए 45 फीसदी की न्यूनतम अहर्ता पूरा करना होता है. अभी तक काउंसलिंग के समय तक छात्रों को उनकी न्यूनतम अहर्ता पता होता था. मगर यह पहला मौका होगा जब छात्रों को काउंसलिंग के समय अहर्ता पूरी नहीं होगई. ऐसे में जो छात्र 12वीं की बोर्ड परीक्षा देंगे उनके परिणाम में अगर उनका परिणाम कुछ ऊपर-नीचे होता है. तो उनको बाद में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. मगर जो बच्चे 12वीं दे चुके हैं उनके लिए काउंसलिंग में शामिल होने में ज्यादा मुश्किलें नहीं पेश आएंगे. कंसोटीयम जनवरी के पहले सप्ताह से 3 चरणों की काउंसलिंग प्रक्रिया आयोजित करेगा. इसके बाद अगर सीटें खाली रहेंगी तो 2 चरणों की प्रक्रिया और होंगे.