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लखनऊ: आज अदालतों में ठप हो सकता है न्यायिक कार्य

बुधवार को लखनऊ की सभी अदालतों में न्यायिक कार्य न होने की सम्भावना है. उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण को लखनऊ के बजाय प्रयागराज में स्थापित करने की खबरों से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के अधिवक्ताओं में नाराजगी है.

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Published : Aug 14, 2019, 3:40 AM IST

Updated : Aug 14, 2019, 10:45 AM IST

लखनऊः बुधवार को राजधानी लखनऊ की अदालतों में न्यायिक कार्य न होने की सम्भावना है. उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण के स्थानान्तरण के चलते अवध बार एसोसिएशन ने बैठक की है, जिसमें बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया है.


उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण के स्थानान्तरण को लेकर मंगलवार को अवध बार एसोसिएशन के कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई. बैठक में शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2019 के अनुरूप लखनऊ में ही अधिकरण स्थापित किए जाने की मांग की गई. इस बीच अधिकरण को लखनऊ के बजाए इलाहाबाद में स्थापित करने संबंधी खबरों के विरोध में अवध बार ने बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है.


बैठक की अध्यक्षता करते हुए बार अध्यक्ष आनंद मणि त्रिपाठी ने कहा कि अखबारों में छपी खबर के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दावा किया है कि उनकी मुलाकात प्रदेश के दोनों उप-मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मार्य और दिनेश शर्मा से हुई. दोनों ने इलाहाबाद में अधिकरण की स्थापना पर सहमति प्रदान की है. उन्होंने कहा कि हम ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध करते हैं.

इसे भी पढेः- J-K में पाबंदियां : SC का तत्काल सुनवाई से इनकार, कहा- 'सरकार पर भरोसा करें'


अवध बार एसोसिएशन द्वारा उठाए इस मुद्दे का समर्थन करते हुए डीआरटी बार एसोसिएशन और कैंट बार एसोसिएशन ने भी बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है.
वहीं स्थानीय वकील शेखर यादुवेंद्र और उनके परिजनों के साथ सीओ गाजीपुर दीपक सिंह औऱ एसओ इंदिरा नगर धीरेंद्र कुशवाहा द्वारा अकारण अभद्रता करने के विरोध में राजधानी की अधीनस्थ अदालतों के वकीलों ने भी बुधवार को न्यायिक कार्यों से विरत रहने का फैसला किया है.

लखनऊः बुधवार को राजधानी लखनऊ की अदालतों में न्यायिक कार्य न होने की सम्भावना है. उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण के स्थानान्तरण के चलते अवध बार एसोसिएशन ने बैठक की है, जिसमें बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया है.


उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण के स्थानान्तरण को लेकर मंगलवार को अवध बार एसोसिएशन के कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई. बैठक में शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2019 के अनुरूप लखनऊ में ही अधिकरण स्थापित किए जाने की मांग की गई. इस बीच अधिकरण को लखनऊ के बजाए इलाहाबाद में स्थापित करने संबंधी खबरों के विरोध में अवध बार ने बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है.


बैठक की अध्यक्षता करते हुए बार अध्यक्ष आनंद मणि त्रिपाठी ने कहा कि अखबारों में छपी खबर के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दावा किया है कि उनकी मुलाकात प्रदेश के दोनों उप-मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मार्य और दिनेश शर्मा से हुई. दोनों ने इलाहाबाद में अधिकरण की स्थापना पर सहमति प्रदान की है. उन्होंने कहा कि हम ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध करते हैं.

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अवध बार एसोसिएशन द्वारा उठाए इस मुद्दे का समर्थन करते हुए डीआरटी बार एसोसिएशन और कैंट बार एसोसिएशन ने भी बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है.
वहीं स्थानीय वकील शेखर यादुवेंद्र और उनके परिजनों के साथ सीओ गाजीपुर दीपक सिंह औऱ एसओ इंदिरा नगर धीरेंद्र कुशवाहा द्वारा अकारण अभद्रता करने के विरोध में राजधानी की अधीनस्थ अदालतों के वकीलों ने भी बुधवार को न्यायिक कार्यों से विरत रहने का फैसला किया है.


बुधवार को राजधानी में नहीं होगा न्यायिक कार्य !  
शिक्षा सेवा अधिकरण को लेकर हाईकोर्ट के वकील रहेंगे न्यायिक कार्य से विरत
उधर वकील से अभद्रता के विरोध में अधीनस्थ अदालतों के वकीलों ने भी न्यायिक कार्य से विरत रहने का किया एलान  
विधि संवाददाता
लखनऊ
। बुधवार को राजधानी लखनऊ की अदालतों में न्यायिक कार्य होने की सम्भावना नहीं है।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण को लखनऊ के बजाय इलाहाबाद में स्थापित करने की खबरों से हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच के अधिवक्ताओं में नाराजगी है। इसे लेकर मंगलवार को अवध बार एसोसिएशन के कार्यकारिणी समिति की आकस्मिक बैठक आहूत की गई। बैठक में शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2019 के अनुरूप लखनऊ में ही अधिकरण स्थापित किये जाने की मांग की गई। इस बीच अधिकरण को लखनऊ के बजाय इलाहाबाद में स्थापित करने सम्बंधी खबरों के विरोध में बार ने बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है।
    बैठक की अध्यक्षता करते हुए, बार अध्यक्ष आनंद मणि त्रिपाठी ने कहा कि अखबारों में छपी खबर के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दावा किया है कि उनकी मुआलाकात प्रदेश के दोनों उप-मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मार्य व दिनेश शर्मा से हुई। दोनों ने इलाहाबाद में अधिकरण की स्थापना पर सहम्ति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध करते हैं। अधिकरण विधेयक 2019 में लखनऊ में ही इसे स्थापित किये जाने की बात कही गई है। लखनऊ प्रदेश की राजधानी है व सभी जनपदों से अच्छी तरह से कनेक्ट है। बार अध्यक्ष का कहना था कि पहले से अन्य सभी अधिकरण भी लखनऊ में ही हैं। हाल ही में हाईकोर्ट ने जीएसटी अपीलेट ट्रिब्युनल को इलाहाबाद में स्थापित करने सम्बंधी निर्देशों को निरस्त करते हुए, इसे भी लखनऊ में ही स्थापित करने का निर्णय सुनाया है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय भी टिप्पणी कर चुका है कि सस्ता व सुलभ न्याय हर नागरिक का अधिकार है, ऐसे में लखनऊ के सभी जिलों से अच्छी तरह कनेक्ट होने के कारण सस्ता व सुलभ न्याय यहां सम्भव है।
    अवध बार एसोसिएशन द्वारा उठाए इस मुद्दे का समर्थन करते हुए, डीआरटी बार एसोसिएशन व कैट बार एसोसिएशन ने भी बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है।   

 

उधर स्थानीय वकील शेखर यादुवेंद्र व उनके परिजनों के साथ सीओ गाजीपुर दीपक सिंह व एसओ इंदिरा नगर धीरेंद्र कुशवाहा द्वारा अकारण अभद्रता करने के विरोध में राजधानी की अधीनस्थ अदालतों के वकीलों ने भी बुधवार को न्यायिक कार्यो से विरत रहने का फैसला किया है। वकीलों की मांग है कि दोनों पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। चेतावनी भी दी गई है कि यदि कार्यवाही नहीं होती है तो पुलिस प्रशासन के विरुद्ध आंदोलन होगा। सेंट्रल बार एसोसिएशन ने अपने इस प्रस्ताव की प्रति एसएसपी के साथ ही मुख्यमंत्री व डीजीपी को भी भेजा है। साथ ही पूरे मामले से सुप्रीम कोर्ट व इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी अवगत कराया है।

     मंगलवार को वकील शेखर यादुवेंद्र के मामले पर सेंट्रल बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की आकस्मिक बैठक हुई। अध्यक्ष आदेश कुमार सिंह व महामंत्री संजीव कुमार पांडेय के संचालन में हुई इस बैठक में पुलिस के इन दोनों अधिकारियों के कृत्य की निंदा की गई। कहा गया कि वकील शेखर के भाई की उनके पड़ोसी से कहासुनी हुई थी। लेकिन पड़ोसी की शिकायत पर बगैर सही-गलत का पता लगाए दोनों पुलिस अधिकारी वकील के घर में घुस गए। उनके साथ ही उनकी पत्नी व उनके बच्चों के साथ भी अभद्रता की। फिर उनकी पत्नी का जबरिया हाथ पकड़कर गाड़ी में बैठाया। उन्हें थाने ले आए। इस दौरान एक भी महिला पुलिस नहीं थी। थाने में सीओ दीपक सिंह व एसओ धीरेंद्र कुशवाहा ने अनायास ही वकील शेखर को बुरी तरीके से मारापीटा। साथ ही जाति सूचक गालियां भी दीं।

 

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Chandan Srivastava
9935571970
Last Updated : Aug 14, 2019, 10:45 AM IST

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