लखनऊः बुधवार को राजधानी लखनऊ की अदालतों में न्यायिक कार्य न होने की सम्भावना है. उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण के स्थानान्तरण के चलते अवध बार एसोसिएशन ने बैठक की है, जिसमें बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया है.
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण के स्थानान्तरण को लेकर मंगलवार को अवध बार एसोसिएशन के कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई. बैठक में शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2019 के अनुरूप लखनऊ में ही अधिकरण स्थापित किए जाने की मांग की गई. इस बीच अधिकरण को लखनऊ के बजाए इलाहाबाद में स्थापित करने संबंधी खबरों के विरोध में अवध बार ने बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है.
बैठक की अध्यक्षता करते हुए बार अध्यक्ष आनंद मणि त्रिपाठी ने कहा कि अखबारों में छपी खबर के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दावा किया है कि उनकी मुलाकात प्रदेश के दोनों उप-मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मार्य और दिनेश शर्मा से हुई. दोनों ने इलाहाबाद में अधिकरण की स्थापना पर सहमति प्रदान की है. उन्होंने कहा कि हम ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध करते हैं.
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अवध बार एसोसिएशन द्वारा उठाए इस मुद्दे का समर्थन करते हुए डीआरटी बार एसोसिएशन और कैंट बार एसोसिएशन ने भी बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है.
वहीं स्थानीय वकील शेखर यादुवेंद्र और उनके परिजनों के साथ सीओ गाजीपुर दीपक सिंह औऱ एसओ इंदिरा नगर धीरेंद्र कुशवाहा द्वारा अकारण अभद्रता करने के विरोध में राजधानी की अधीनस्थ अदालतों के वकीलों ने भी बुधवार को न्यायिक कार्यों से विरत रहने का फैसला किया है.